सीएम के गढ़ में क्या सेंध लगा पाएंगे विपक्षी

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पक्की मानकर चल रहे जीत, फिर भी विपक्ष के खिलाफ मोर्चाबंदी तेज | Haryana Assembly Elections

  • भाजपा जीत के लिए ऐडी चोटी तक का जोर लगाएगी।

सच कहूँ/विजय शर्मा
करनाल। हरियाणा विधानसभा में इस बार करनाल विधानसभा सीट (Haryana Assembly Elections) एक सीट होगी जहां भाजपा जीत के लिए ऐडी चोटी तक का जोर लगाएगी। क्योंकि करनाल वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विधानसभा क्षेत्र है। ऐसे में सीएम मनोहर लाल के लिए ये प्रतिष्ठा की सीट मानी जा रही है। हालांकि मुख्यमंत्री इस बात से आश्वसत हैं कि उनकी जीत पक्की है लेकिन राजनीति में कब क्या हो जाए ये कहा नहीं जा सकता है। सिख, ब्राह्मण, राजपूत और महाजन वोटों से प्रभावित इस सीट पर भाजपा हर बार पंजाबी कार्ड खेलती आई है और इसी के तहत भाजपा ने फिर से सीएम खट्टर को मैदान में उतारा है। वहीं दूसरी तरफ बात कांग्रेस की करें तो इस बार पार्टी के कदावार नेता व हरियाणा अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन त्रिलोचन सिंह को टिकट दी है।

त्रिलोचन सिंह की मजबूती पंजाबी और सिख वोटर्स पर है। जो कहीं न कहीं सीएम की मजबूत स्थिति को कमजोर कर सकती है। वहीं त्रिलोचन सिंह जमीन से जुड़े हुए नेता रहे हैं जो करनाल में रहते हुए जनता के दु:ख सुख में हमेशा खड़े नजर आए हैं। इसके अतिरिक्त तीसरे प्रत्याशी की बात करें तो जेजेपी से इस बार बीएसएफ के पूर्व सैनिक तेजबहादुर सिंह मजबूती के साथ मैदान में हैं। जबकि आम आदमी पार्टी से करनाल जिला मीडिया प्रभारी महेन्द्र पाल राठी ने अपना नामांकन भरते हुए चुनावी ताल ठोक दी है। इसके अतिरिक्त रमेश कुमार खत्री आजादी उम्मीदवार, जनता दल यूनाईटेड से धर्मवीर चोटीवाला, लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी से विरेन्द्र शर्मा भी चुनावी मैदान में हैं।

पीएम के बाद अब सीएम के खिलाफ मैदान में पूर्व सैनिक तेज बहादुर

रेवाड़ी जिले के मोहल्ला मयूर विहार के रहने वाले तेज बहादुर का नाम तो सभी को याद ही है। तेजबहादुर वो नाम हैै जो देश में सेना के रूप में काम कर चुके हैं। पूर्व सैनिक तेज बहादुर बीएसएफ के जवान रह चुके हैं और उन्हें 2017 में सेना से बर्खास्त कर दिया गया था। क्योंकि उन्होंने एक विडियो के माध्यम से सेना में खाने की गुणवता को सार्वजनिक किया था। उसके बाद उन्होंने राजनीति कदम कमद रखा और उनकी चर्चा तेज हो गई। क्योंकि उन्होंने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ नामांकन भरा था। लेकिन उनका नामांकन किसी कारणवश रद्द कर दिया गया। अब तेज बहादुर विधानसभा चुुनाव में कदम रख चुके हैं और चुनाव भी उस सीट पर लड़ रहे हैं जहां मुख्यमंत्री खट्टर चुनावी मैदान में हैं। जेजेपी ने तेज बहादुर पर दांव खेलते हुए टिकट देकर तीर तो कमान से छोड़ दिया है लेकिन देखना ये हंै क्या ये तीर निशाने पर लगेगा।

करनाल सीट के पुराने खिलाड़ी है जय प्रकाश गुप्ता, अब भाजपा के पाल में

करनाल सीट के पुराने खिलाड़ी जय प्रकाश गुप्ता 1987 से इस सीट से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। 2014 को मिलाकर कुल 7 चुनाव लड़ चुके जयप्रकाश गुप्ता ने दो बार जीत हासिल की, जबकि 5 बार दूसरे स्थान पर रहे। कभी भी हार-जीत की दौड़ से बाहर न जाने वाले जयप्रकाश ने मनोहर लाल को भी थोड़ी बहुत टक्कर दी और 13.33 प्रतिशत वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे। जय प्रकाश 2014 में निर्दलीय चुनाव में उतरे थे। 2000 और 2005 का चुनाव भी उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तौर पर ही लड़ा था। जबकि 2009 में उनके पास हजका की टिकट थी। 2000 से पहले के सभी चुनाव में वे कांग्रेस के उम्मीदवार थे।वहीं अप्रैल 2019 को जयप्रकाश गुप्ता ने भाजपा में शामिल होकर सैकड़ों समर्थकों के साथ पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। गुप्ता भजनलाल सरकार में मंत्री रहे चुके हैं।

अब तक के बने विधायक

  • 1967 रामलाल बीजेएस
  • 1968 शांति प्रसाद निर्दलीय
  • 1972 रामलाल बीजेएस
  • 1977 रामलाल जेएनपी
  • 1982 शांतिदेवी कांग्रेस
  • 1987 लक्ष्मण दास बीजेपी
  • 1991 जय प्रकाश कांग्रेस
  • 1996 शशिपाल मेहता बीजेपी
  • 2000 जय प्रकाश निर्दलीय
  • 2005 सुमिता सिंह कांग्रेस
  • 2009 सुमिता सिंह कांगे्रस
  • 2014 मनोहर लाल बीजेपी

    इनेलो आज तक नहीं खोल पाई खाता

    इनेलो के लिए करनाल कमजोर सीट रही है और इनेलो या इसके पुराने स्वरूपों को कभी इस शहरी सीट पर जीत नहीं मिली। इनेलो ने 2014 में यहां की टिकट मनोज वाधवा को दी थी। वाधवा ने 12.60 प्रतिशत वोट हासिल किए जबकि 2009 में पार्टी को यहां से 3.88 प्रतिशत ही वोट मिले थे। इस मायने में यह इनेलो के लिए संतोषजनक प्रदर्शन वाला चुनाव रहा। क्योंकि उनके वोट पहले के मुकाबले 3 गुना बढ़ गए, हालांकि जमानत फिर भी नहीं बची।
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