हरियाणा मंत्रिमंडल की अवैध धर्मांतरण रोकथाम विधेयक मसौदे को मंजूरी

Haryana Cabinet sachkahoon

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा सरकार ने अवैध धर्मांतरण रोकथाम विधेयक-2022 के मसौदे को मंजूरी प्रदान कर दी है जिसे अब विधानसभा के अगले बजट सत्र में पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई मंत्रिमंडल(Haryana Cabinet) की बैठक में विधेयक के मसौदे को मंजूरी प्रदान की गई जिसमें धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने का प्रस्ताव है।

मसौदे में धर्मांतरण के लिये गलत बयानी, बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी कपटपूर्ण तरीके से या शादी द्वारा या शादी के लिए प्रभावित करने पर रोकथाम के प्रावधान हैं जिन्हें अपराध दंड की श्रेणी में लाया गया है। अवयस्क, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं जनजाति में ऐसे धर्मांतरण के लिए अधिक दंड का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार विगत में ऐसे कई मामले सामने आने पर यह विधेयक लाने जा रही है।

बैठक में हिंदी आंदोलन-1957 के सत्याग्रहियों के लिए पेंशन योजना में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस योजना के पात्रता मानदंड में संशोधन किया गया है ताकि उन सत्याग्रहियों को भी शामिल किया जा सके जो जेल में बंद हुए थे, लेकिन उनके कारावास का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। राज्य सरकार ऐसे सत्याग्रहियों को दस हजार रुपये मासिक पेंशन प्रदान करती है।

मंत्रिमंडल(Haryana Cabinet) ने गत चार-पांच नवम्बर रात्रि से पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर वैट कम करने के सम्बंध में एक प्रस्ताव को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की। इस फैसले के तहत राज्य में पेट्रोल पर वैट दर 25 प्रतिशत से घटाकर 18.20 प्रतिशत और डीजल पर 16.40 से घटाकर 16 प्रतिशत की गई है।

बैठक में मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना (एमएमपीएसवाई) के कार्यान्वयन को संशोधित स्वीकृति प्रदान करने तथा हिमाचल प्रदेश और हरियाणा सरकार के बीच सरस्वती नदी जीर्णोद्धार एवं विरासत विकास परियोजना के तहत 388.16 करोड़ रुपये से आदि बद्री बांध के निर्माण के लिए गत 21 जनवरी को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई। आदि बद्री बांध, सोम्ब सरस्वती बैराज और सरस्वती जलाशय के निर्माण से 1675 हेक्टेयर मीटर जल का भंडारण होगा जिससे सरस्वती नदी में 19 क्यूसेक पानी की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

बैठक में हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) द्वारा भूमि के अधिग्रहण और बुनियादी सुविधाओं के विकास, पुराने भू-मालिकों को बढ़े हुए मुआवजे का भुगतान करने तथा राज्य में औद्योगिक संपदा के विकास हेतु कार्यशील पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 1000 करोड़ रुपये के पूंजी ऋण को मंजूरी प्रदान की गई। बैठक में निरसन विधेयक-2021 के मसौदे को भी मंजूरी दी गई जिसके तहत राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के ऐसे 20 अधिनियमों को निरस्त किया जाएगा, जो पुराने हैं और अब उपयोग में नहीं हैं।

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