सिरदर्दी: कॉलेज, यूनिवर्सिटी में प्रवेश को लेकर विद्यार्थी पसोपेश में

CBSE students
सीबीएसई बोर्ड का बड़ा फैसला, बोर्ड ने किए ये बड़े बदलाव

सीबीएसई बोर्ड का परिणाम 31 जुलाई को होगा घोषित

  • एजूकेशन सेक्टर पर पड़ी कोरोना संक्रमण की विपरीत मार

सच कहूँ/सुनील वर्मा, सरसा। कोरोना संक्रमण ने वैश्विक स्तर पर जिस प्रकार आर्थिक संकट को बढ़ाया है वह निश्चित रूप से सभी के लिए चिंतनीय है। मगर संक्रमण का प्रभाव केवल औद्योगिक संस्थानों पर ही नहीं बल्कि शैक्षणिक संस्थानों पर भी सबसे ज्यादा दिखाई दिया है। आलम ये है कि कोरोना संक्रमण के प्रभाव से देश प्रदेश की शिक्षण संस्थाएं अधिकांशत: लंबे समय तक बंद रही और ऐसे में ऑनलाइन एजूकेशन को ही विकल्प के तौर पर आजमाया गया। बेशक इस विकल्प को ही कोरोना परिस्थितियों में एकमात्र उपाय समझा गया। मगर विद्यार्थियों के लिए यह विकल्प कुछ ज्यादा प्रभावी नहीं था क्योंकि सापेक्ष रूप में शिक्षक और विद्यार्थियों का संवाद क्लासरूम में जो होता है उससे बेहतर शिक्षा अर्जित करने का कोई माध्यम नहीं है। संक्रमण के जारी रहने से प्रधानमंत्री ने पूरे देश में जिस प्रकार सीबीएसई बोर्ड की दस जमा दो कक्षा की परीक्षा न लेकर विद्यार्थियों को उत्तीर्ण करने का निर्णय लिया, वह मौजूदा परिस्थितियों में सर्वोत्तम निर्णय था। इस निर्णय ने जहां विद्यार्थियों को राहत प्रदान की वहीं अब ऐसे ही देश के करीब साढ़े 14 लाख विद्यार्थियों के लिए असमंजस की स्थिति ने आफत ला दी है।

यूं जन्म ले रही हैं परेशानियां:

निसंदेह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कोरोना संक्रमण की विकट परिस्थितियों में दस जमा दो कक्षा की परीक्षा न लेने का निर्णय काफी सराहा गया। मगर अब जिस प्रकार से सीबीएसई बोर्ड की ओर से कहा गया है कि इन बच्चों का परीक्षा परिणाम 31 जुलाई तक घोषित कर दिया जाएगा। ऐसे में बच्चों एवं उनके अभिभावकों की चिंता बढ़ी हुई है कि आखिर 31 जुलाई के बाद कौन सा विश्वविद्यालय और कौन सा महाविद्यालय प्रवेश प्रक्रियाओं में इन बच्चों को शामिल करेगा? बच्चों व उनके अभिभावकोें की चिंता इसलिए भी गहरा रही है। क्योंकि किसी भी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय की ओर से अभी तक बच्चों के प्रवेश संबंधी सूचनाएं नहीं दी गई हैं, ऐसे में बच्चों की कॉलेज अथवा यूनिवर्सिटी में प्रवेश संबंधी सिरदर्दी बढ़ने वाली स्वाभाविक है।

अभी सोचना जल्दी होगा

इस सिलसिले में राजकीय नेशनल कॉलेज के प्रवक्ता व मनोविज्ञान विभाग के प्रो. डॉ. रविंद्र पुरी ने बताया कि अभी से एडमिशन प्रक्रिया के संदर्भ में कुछ भी सोचना बहुत जल्दी होगा। क्योंकि वर्तमान परिस्थितियां अभी परीक्षाओं और अन्य स्थितियों पर ही संशय बनाए हुए हैं। फिर भी विभागीय स्तर पर भी जैसे दिशा निर्देश जारी होंगे, सभी को सूचित कर दिया जाएगा।

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