Live: हार्ट-टू-हार्ट: पार्ट-7: यूट्यूब पर लाइव दर्शन करने वालों की बढ़ी तादाद, सोहने सतगुरू ने दिए दर्शन

बरनावा (सोनू)। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां यूटयूब चैनल पर रविवार सायं 9 बजे लाइव आकर साध-संगत को दर्शन दिए। इससे पहले आज सुबह इंस्टाग्राम पर पूज्य गुरू जी ने वीडिया पोस्ट किया। पूज्य गुरू जी ने साध-संगत को रूहानी वचनों की सौगात दी। आइयें देखते हैं पूज्य गुरू जी के रूहानी वचन….

 

 

पूज्य गुरु जी अध्यात्मिकता के साथ सेहत के                                              प्रति किया साध-संगत को जागरूक

  • ‘अल्लाह, वाहेगुरु, राम से प्रार्थना करके फिर करें भोजन’

 हार्ट-टू-हार्ट विद् एमएसजी पार्ट-6 में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने अपने यूट्यूब एकांउट के माध्मस से डेरा श्रद्धालुओं के साथ सेहत व दिनचर्या से जुड़ी अहम बातें सांझा की। आप जी ने फरमाया कि आप जब आम खाते हैं तो पहले उसका कुछ रस निकाल दिया करें। वो रस किस तरफ से निकालना है, आम जिस टहनी से जुड़ा होता है उस जगह से थोड़ा सा कट लगाएं, उसको दबाएं। 10-15 बूंद जब निकल जाए तो उस आम को आप खाएं। कहते हैं उससे हीट निकल जाती है। और ये आजमाई हुई बातें हैं।

क्योंकि बच्चे कई बार कहते हैं हमारे बेटे, हमारी बेटियां कि गुरु जी, जब हम आम खाते हैं तो पींपल निकल आते हैं, आम खाने को दिल जरूर करता है। तो ये वाकई सही है। क्योंकि आम आपकी जिन्दगी को खास बना देता है। आपके सामने एक तरफ रसगुल्ले पड़े हैं, बर्फी पड़ी है। दूसरी तरफ आम पड़े हैं। तो आप किसे खाएंगे। हमें तो ये लगता है आपका ध्यान रसगुल्लों की तरफ ज्यादा जाएगा। पर ये याद रखिये कि अगर आप आम खाते हैं तो जिन्दगी को खास बना देता है और अगर वो चीनी के प्रोड्क्ट आप खाते हैं तो वो जिन्दगी को आम बना देते हैं। इसलिए आम खाने में हर्ज नहीं है, ज्यादा न खाएं, सीमित मात्रा में खाएं, कंट्रोल में खाएं।

रात को नहीं, दिन में खाना चाहिये फू्रट

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आप जितना भी फ्रूट खाना चाहें, तो दिन में खाएं। रात को नहीं लेना चाहिये। रात को फू्रट खाने से गैस बन सकती है। नींद में बाधा आ सकती है। ये आजमाई हुई चीजे हैं हमारी। डॉक्टर क्या कहते हैं, आर्युवेदा क्या कहता है वो एक अलग बात है। बाकी आप कुछ भी खाएं तो एक बात याद रखियेगा कि एक सोफ्ट ब्रश, मुंह में तोड़ा सा पानी भर लीजिये और उसके बाद उस ब्रश को उपर नीचे मसूड़ों की साईड से, फिर अंदर की साईड से दो बार आप ऐसे कीजिये, आराम से हल्के हाथों से। ब्रश कभी भी हार्ड तरीके से नहीं करना चाहिये। ब्रश पर ताकत मत आजमाइये। वो आपके दांतों को घीसा देगा।

पाखंड और भ्रम को किया दूर

कहीं लोग कहते हैं कि बिल्ली ने रास्ता काट दिया, हम तो जाते नहीं। पढ़े लिखे भी भ्रम करते हैं। पुरात्तन समय में तो भ्रम था, पांखड था ही, बिल्ली बेचारी ये कहती है कि ये दो टांगों वाला कहां से आ गया, मेरा रास्ता काट रहा है और आप कहते हैं कि मेरा रास्ता बिल्ली काट रही है। बिल्ली की जीटी रोड़ नहीं होती, वो तो बेचारी जहां से जगह मिलेगी वहीं से भागेगी। रास्ता तो आप उसका काट रहे हो। तो इस पाखंड में मत पड़िये, इस भ्रम में मत पड़िये।

पानी को बैठकर व सिप-सिप करके पियें

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि साध-संगत जी आप खाना जब भी खाते हैं उसे चबा-चबाकर खाएं। कभी भी निगलिये मत, निगलता तो ऊंट है। एक दम से निगल जाता है, और फिर जुगाली करता रहता है। भगवान ने दांत दिये हैं, बड़े मजबूत दिये हैं। उन दांतों से आप भोजन को अच्छी तरह से चबाइये। आप गिनती कर लें कम से कम 20-25 बार जरूर चबाएं। आयुर्वेदा में लिखा है खाने को पियो और पीने को खाओ। शायद आप नहीं समझें होंगे कि खाने को इतना चबा लो कि जब निगलो तो पानी की तरह हो। और पानी सिप-सिप करके पियो, घूंट-घूंट करके पियो। ये स्वास्थ्य जीवन के लिए बेहद जरूरी है। खड़े होकर पानी न पियें। हां, अगर कोई खिलाड़ी है, भाग रहा है, वो एक अलग चीजें हैं। पर हमेशा ये ध्यान रखिये कि बैठकर ही पानी पीयें। खड़े-खड़े पानी नहीं लेना चाहिये।

भोजन करते समय दिमाग रखें शांत

आप जी ने फरमाया कि भोजन करते समय ज्यादा सोचो ना, टेंशन न लो, बातें न करो क्यों कि भोजन के टाईम में अगर आप बातें ज्यादा करते हैं। तो आपके लिए वो मुश्किल हो सकता है, भोजन श्वास नली में चला जाएगा, तो श्वास बंद होने लगता है। इसलिए जरूरी है आराम से खाना खाएं और बोलें ना। हमारे पुराने पूर्वज, बुजुर्ग जब भी खाने खाते थे तो एक कौर निकालते थे, हमने रोटी निकालते देखा है बुजुर्गों को गऊ माता के लिये। भगवान से प्रार्थना करके, अल्लाह, वाहेगुरु, राम से प्रार्थना करके फिर खाना खाते थे।

पर आपको तो खाने का टाइम ही नहीं पता। आप तो रात को खाना खाते हैं, थोड़ा पार्टी-शार्टी, इंज्वॉय करके। हम नहीं कहते कि इंज्वॉय मत कीजिये। पर खाना अगर सही टाइम पर लिया जाए तो उसका टाइम है जो आयुर्वेदा में भी लिखा है और हमने खुद आजमाया है कि अगर सूरज रहते आप खाना खा लेते हैं, तो बैक्ट्रिया, वायरस बहुत कम खाने के साथ अंदर जाते हैं। सूरज छिपते ही बैक्ट्रियां, वायरस का राज हो जाता है। तो आप जब खाना खाते हैं तो वो भी आपके साथ खूब अच्छी तरह से अंदर चले जाते हैं, जो परेशानी का कारण बनते हैं।

टाइट कपड़े और जुराब पहनकर सोना, नुक्सानदायक

पूज्य गुरु जी ने फरमाय कि जुराब पहनकर नहीं सोना चाहिये क्योंकि उससे नींद में बाधा आती है। टाइट कपड़े पहनकर मत सोइये, उसमें भी नींद में बाधा आती है। ज्यादा पानी मत पीये सोने से पहले, उसमें भी बाधा आती है। कई बार आप ये सोचते हैं कि नींद नहीं आती। बड़ी कोशिश करते हैं कि नींद आ जाए। तो नींद आने के लिए जरूरी है कि आपका ध्यान, आपका दिमाग थोड़ा शांत हो जाए। जैसे आप लेटे हुए हैं, तो अल्लाह, वाहेगुरु का नाम लीजिये। मालिक को याद करें। लोग तो यह कहते हैं कि एक से 100 तक गिनती गिनो, क्या होगा। कुछ नहीं होगा। नींद जरूर आ जाएगी लेकिन बेस्ट तरीका है कि आप लेटे हुए है तो ओम, हरी, अल्लाह, वाहेगुरु का नाम लेना शुरू कर दीजिये। लगातार लेते रहिये। नींद नहीं आएगी तो सुमिरन बन जाएगा, भगवान जी खुश हो जाएंगे। और ये मन और काल कभी नहीं चाहता कि आप राम को मिल सकें। तो झट से नींद आ जाएगी।

60 प्रतिशत सलाद और 40 प्रतिशत खाये अन्न

आप जी ने फरमाया कि बच्चे अकसर कहते हैं कि गुरु जी, हमें मोटापा बड़ा आया हुआ है, और जो मोटे होते हैं, ज्यादातर जो हमसे मिले हैं हमेशा कहते हैं गुरु जी! खाता भी कुछ भी, मुझे तो पानी लगता है, कईयों को पानी ही लगता है, हैरानीजनक है। और जो मोटा होता है उससे पूछ कि तूने खाया है ज्यादा तो आगे से जबाव मिलता है नहीं-नहीं मैं तो कुछ भी नहीं खाता। फिर पूछते हैं कि तेरा वेट कितना है, तो कहता है गुरु जी, याद नहीं है, तोला नहीं हमने। साफ-साफ पता होता है कि वो मोटा हो चुका है, मोटापा आ चुका है।

कैसे कम करें मोटापा। बड़ा आसान तरीका है। 12 बजे से पहले आप फू्रट खाये, बजाय मोटे अनाज के। फिर जब खाना खाने लगे, उससे पहले आप सलाद खाये। मतलब आधा, पौना घंटा पहले आप सलाद ले सकते हैं। चबा-चबा कर आप सलाद खाईये। 60 प्रतिशत आप सलाद खाएं और 40 प्रतिशत आप चावल-दाल, जो भी आप खाते हैं खा लीजिये। ऐसा कुछ दिन आप करेंगे तो यकीन मानिये मोटापा जरूर कम हो जाएगा। पर इसके साथ अगर आप एक्सरसाइज कर लेते हैं तो कहना ही क्या। क्योंकि एक्सरसाइज एक ऐसी चीज है जो आपके मसल को मजबूत रखती है और बॉडी को स्वस्थ रखती है। इसके साथ-साथ आप पानी जरूर पीयें। रोजाना कम से कम 5 से 6 लीटर पानी जरूर लेना चाहिये इससे आपको बहुत से रोग नहीं लगेंगे, परेशानियों से बचे रहेंगे।

अगर पेट कम करना है तो पैदल चलने की बजाय करें जॉगिंग

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि कभी भी बॉडी को गर्म सर्द न होने दें। आप एसी में बैठे हुए हैं और एक दम गर्म जगह पर चले हैं, या तो अगर बॉडी उस लायक बना रखी है तो कोई हर्ज नहीं, पर आज कल के बच्चों की बॉडी, जो हमने देखा है फोन के लिए तो बढ़िया है, लगे रहते हैं सारा दिन, मसल बेचारा कोई किधर लटका होता है, कोई कोई किधर लटका पड़ा होता है। कईयों को हमने देखा तीन-तीन आदमी भागते हैं, अभी कुछ दिन की बात है हमने एक अपने बच्चे को कहा कि बेटा, भागकर आना, तो वो भागे। तो कोई छाती से अलग हिल रहा था, पेट अलग हिल रहा था और खुद अलग भाग रहा था, तो तीन लोग आ रहे थे इकट्ठे। ऐसा लग रहा था कि बुलाया एक को है और आ रहे हैं तीन, दूर से हिलते लग रहे थे। पास आकर पता चला कि वो तो एक ही है।

सामान ही इतना बढ़ चुका है कि तीन के बराबर हो चुका है। तो आप खुद भी चेक कर लीजिये शीशे के सामने भाग कर। सारा दिन फोन पर लटके रहते हो। फोन पर नॉलेज लेना कोई गलत नहीं, फोन चलाना कोई गलत नहीं, लेकिन हद से ज्यादा हर चीज गलत होती है। पुराने बुजुर्ग कहा करते थे कि हद से ज्यादा चुप नहीं, हद से ज्यादा धूप भी खतरनाक होती है। तो इसलिए धूप हो, बरसात हो, कोई भी चीज हद से ज्यादा ठीक नहीं। कई बार तो बड़ा अजीब सुनने में मिलता है कि गुरु जी अभी तो खाना खाया है, अभी तो मीठा लेना बाकी है। ये नहीं पता कि जो आप मुंह मीठा कर रहे हो उसमें कैलरिज कितनी होती है। बस थोड़ा सा गुड़ खाएंगे, दो एक रसगुल्ले खाने हैं।

अगर पेट कम करना है तो पैदल चलने की वजाय जॉगिंग कीजिये

खाने को तो वो मानते हैं कि वो खाना है और मिठाई को मानते हैं मुंह मीठा। ये नहीं पता कि वो मुंह मीठा ऐसा हो जाता है, शायद आपने कभी तूड़ी से भरी हुई ट्रॉली देखी है, ट्रक देखा है, चारों तरफ से कैसे लटक रहा होता है। तो आप भी बॉडी को शीशे के सामने देखिये, आपको भी मोटापा आ चुका है। आप खुद भी परेशान है। लेकिन कम नहीं करना चाहते आप। सुखमय जीवन हो गया, फोन हाथ में है। आपको लगता है सारी दुनिया मुट्ठी में हैं और आप मोटापे की मुट्ठी में। और आप मोटापे की मुट्ठी में आते ही धीरे-धीरे बीमारियों की मुट्ठी में आ जाते हैं। तो मोटापा कम कीजिये। अगर पेट कम करना है तो पैदल चलने की वजाय जॉगिंग कीजिये। हमने अपने वजन को जो कंट्रोल किया है ऐसे ही किया है।

हम जॉगिंग करते थे लगभग 13 से 15 किलोमीटर। गुरु जी का जब जन्मदिन आता था तब हम 25 किलोमीटर करते थे 25 जनवरी को। कई बार किया है। लगातार करते रहते हैं रोजाना। तो आप भी करके देखिये, बुढ़ापा नहीं आता। तंदुरूस्त रहता है आदमी और रामनाम में बड़ा दिल लगता है। तो आप जरूर ऐसा करके देखिये, मानिये बात आप हमारी। आपका भला होगा, क्योंकि जब तक जवानी है, थोड़ी से अधेड़ अवस्था है पता नहीं चलता मोटापे का, लेकिन जैसे ही बुढ़ापे की तरफ चले गए 40 से बाहर हो गए, तो आपको परेशानी आएगी, मुश्किलें आएगी। आप जी ने फरमाया कि शरीर तंदुरूस्त होगा तो, दिमाग तंदुरूस्त होगा तो विचार भी तंदुरूस्ती के आएंगे और हमारे समाज में सुख की, खुशी की, शांति की बहारें आ जाएंगी।

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