उत्तर प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश, गर्मी से मिली राहत

लखनऊ (एजेंसी)। लगातार कई दिनों से पूरा उत्तर भारत गर्मी की चपेट में है। लेकिन वीरवार को सुबह उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मौमम ने फिर करवट ली है। कालो बादलों और गरज के साथ झमाझम बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दिलाई है। तापमान में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई है। लखनऊ सहित बरेली, पीलीभीत, लमीमपुर खीरी, सीतापुर, गोंडा, शाहजहांपुर सहित आसपास के जिलों में कहीं हल्की तो कहीं तेल बारिश हुई है।

तेलंगाना, ओडिशा, आंध्र प्रदेश में मानसून अग्रसर

भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के अगले दो या तीन दिनों में महाराष्ट्र (मुंबई समेत) के शेष हिस्सों, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश, ओडिशा के कुछ हिस्सों और पश्चिम बंगाल के अधिकतर स्थानों पर आगे बढ़ने के आसार हैं। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 11 जून के आसपास बंगाल की खाडी के उत्तरी भाग और आसपास के इलाकों में हवा का निम्न दवाब बन रहा है।

दस जून से पूर्वी भारत और इससे सटे मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में छिटपुट से लेकर भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा ओडिशा में 10 से 12 जून के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। आज पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती इलाकों, 11 और 12 जून को छत्तीसगढ़, 12 जून को विदर्भ में भी बारिश हो सकती है जबकि 11 और 12 जून को ओडिशा के अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान है।

पश्चिमी तट पर पछुआ हवा तेजी से चलने के आसार

मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिमी तट पर पछुआ हवाओं तेजी से चलने के कारण 11 जून से महाराष्ट्र और तेलंगाना सहित पश्चिमी तट पर बारिश हो सकती है और 12 जून को तेलंगाना, 11 जून को कोंकण और गोवा में बहुत भारी वर्षा होने के आसार हैं, इसके अलावा 12 जून को कोंकण, गोवा में अलग-अलग हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान जताया गया है।

उन्होंने अनुमान जताया है कि जैसे-जैसे बंगाल की खाड़ी से पूर्वोत्तर और उससे सटे पूर्वी भारत की दक्षिण-पश्चिमी हवाएं तेज होंगी। मध्य असम और आस-पड़ोस पर एक चक्रवाती परिसंचरण और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल से दक्षिण छत्तीसगढ़ में निचले क्षोभमंडल के कारण अगले चार या पांच दिनों के दौरान पूर्वोत्तर राज्य में व्यापक रूप से बारिश हो सकती है।

मुम्बई में बाढ़ जैसे हालात

बुधवार और वीरवार को मुम्बई में भारी बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। आर्थिक राजधानी में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। मॉनसून की पहली बरसात ने ही प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी है। भारी बारिश से ट्रेनों को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है।

 

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