इस साल सरसा के सैकड़ों लोग हुए Cyber Fraud के शिकार

Cyber Fraud
ऑनलाइन ठगी गई 45 हजार 999 रुपए की राशि रिकवर

साल 2022 में 200 से अधिक आई साइबर क्राइम संबंधित शिकायतें

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। साइबर ठगी के मामले देश में काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। इन पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक जिले में साइबर थाने भी खोले गए है। लेकिन साइबर ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों की गाढ़ी कमाई को लूट रहे हैं। हालांकि पुलिस अधीक्षक सरसा डॉ. अर्पित जैन खुद व उनकी टीम समय-समय पर जिले की जनता को साइबर ठगी के प्रति जागरूक करती रहती है और साथ में सभी थाना प्रभारियों को भी अपने क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हुए हैं। जिसका काफी हद तक जिला वासियों को लाभ मिला भी है। लेकिन फिर भी जिलेभर में साल 2022 में करीबन 200 से अधिक साइबर क्राइम संबंधित शिकायतें आईं हैं। इससे अहसास होता है कि साइबर ठग कितने सक्रिय हैं।

ठगों की सक्रियता से पुलिस अपने तरीकों से तो निपट ही रही है। मगर इसमें लोगों की साइबर क्राइम के प्रति जागरूकता भी बहुत मायने रखती है। इसलिए लोगों को खुद साइबर क्राइम के प्रति जागरूक होना होगा। साइबर थाना के अलावा जिला के हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क भी स्थापित किए गए हैं। जहां दो-दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटियां लगाई है। इसके अलावा लोगों को नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और साइबर क्राइम से जुड़े हेल्पलाइन नंबर 1930 के बारे में जानकारी दी जा रही है।

अकाउंट हैक कर करते हैं ब्लैकमेल

साइबर विशेषज्ञों के अनुसार सोशल मीडिया पर अकाउंट को साइबर ठग हैक कर लेते हैं। फेसबुक या फिर इंस्टाग्राम से फोटो लेकर अलग से अकाउंट बना लेते हैं। इतना ही नहीं अपलोड की गई फोटो को अश्लील तस्वीरों के साथ जोड़ देते हैं। बाद में वह लोगों को ब्लैकमेल करने लगते हैं। ऐसे मामलों में पीड़ित डिप्रेशन में आकर सुसाइड तक कर जाते हैं। इसलिए ऐसे मामलों में सजगता और जागरूकता बहुत जरूरी है।

ठगी के लिए अपना रहे नए-नए तरीके

लोन ऐप, मोबाइल पर कॉलिंग, सोशल मीडिया अकाउंट हैक, व्हाट्सएप पर फेक फोटो, फैमिली आईडी में इनकम अपडेट करना, केवाईसी अपडेट करना, पेटीएम-केवाईसी अपडेट करना, अश्लील वीडियो और फोटो, सिम स्वैप, नेशनल पेंशन स्कीम में डाटा अपडेट करना, इत्यादि के लिए कॉल कर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। इसके अलावा ठग फर्जी आइडी के जरिए विभिन्न सोशल एप के चैट बॉक्स का उपयोग करते हैं। सामने वाले को धोखे में रखकर बातचीत शुरू कर देते हैं। ऐसे में छोटे बच्चे और किशोर को सावधान होने की समझ नहीं होती। ऐसी स्थिति में आरोपी बच्चों को डरा-धमकाते भी हैं, डर के कारण बच्चे परिजनों को नहीं बता पाते।

साइबर थाना प्रभारी अवतार सिंह ने कहा कि किसी भी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी हो जाती है तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या साइबर पोर्टल बेवसाइट www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं। इसके अलावा किसी नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर साइबर हेल्प डेस्क की भी मदद ले सकते है ताकि साइबर फ्रॉड से बच सकें।

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