सेना के बेड़े में शामिल होंगे 464 नए टी-90 टैंक, पाक सीमा पर होगी तैनाती

Indian Army

नए टी-90 टैंक अपग्रेडेड होंगे और इन्हें भारत में ही बनाया जाएगा

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय सेना के बेड़े में 464 अतिरिक्त टी-90 ‘भीष्म’ टैंक शामिल होंगे। भारत सरकार ने इसके लिए रूस से 13,448 करोड़ रुपये का रक्षा सौदा किया है। ये सभी टैंक साल 2022-2026 तक सेना को मिल जाएंगे। भारतीय सेना इन टैंक को पाकिस्तान से सटी सीमा पर तैनात करेगी। उधर, पाकिस्तान भी रूस के साथ लगभग 360 ऐसे ही टैंक हासिल करने के लिए एक समझौते पर चर्चा कर रहा है। नए टी-90 टैंक अपग्रेडेड होंगे और इन्हें भारत में ही बनाया जाएगा। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि इसे लेकर एक महीने पहले ही रूस से अधिग्रहण लाइसेंस को मंजूरी मिल गई है। 464 टी-90 टैंकों के उत्पादन के लिए इंडेंट (मांगपत्र) जल्द ही ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के तहत चेन्नै के अवाडी हेवी वीइकल फैक्ट्री (एचवीएफ) में होगा।

बता दें कि सेना के 67 बख्तरबंद रेजिमेंट में पहले से ही 1,070 टी-90 टैंक, 124 अर्जुन और 2,400 पुराने टी-72 टैंक मौजूद हैं। शुरुआती 657 टी-90 टैंक 2001 से रूस से 8,525 करोड़ रुपये में इंपोर्ट किए गए थे। अन्य 1000 टैंकों का लाइसेंस लेने के बाद इन्हें एचवीएफ ने रशियन किट से बनाया है।

नए टैंक में रात में भी लड़ने की क्षमता

सूत्र के मुताबिक, ‘बचे हुए 464 टैंकों के लिए इंडेंट (मांग पत्र) में कुछ देरी हुई है। इन नए टैंक में रात में भी लड़ने की क्षमता होगी। एक बार यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद पहले 64 टैंकों की डिलिवरी 30-41 महीनों में हो जानी चाहिए।’ बता दें कि यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब 1.3 मिलियन की मजबूत सेना युद्ध लड़ने वाली अपनी पूरी मशीनरी को फिर से तैयार कर रही है।

चीन के साथ टी-90 टैंक बनाना चाहता है पाक

सूत्र ने बताया, ‘पाकिस्तान की योजना अपनी पूरी मैकेनाइज्ड फोर्स को अपग्रेड करने की है। इसमें यूक्रेनी टी-80 यूडी के 50 से अधिक बख्तरबंद रेजिमेंट और चीनी मूल के टैंक शामिल हैं। यह रूस के नए टी-90 टैंक को अधिग्रहित करके इसे चीन के साथ स्वदेशी रूप से बनाना चाहता है।’

सेना ने गोला-बारूद की कर ली है खरीद

भारत ने पहले से ही अपने टी-90 टैंकों के लिए अतिरिक्त लेजर-गाइडेड इन्वार मिसाइल और 125 मिमी APFSDS (आर्मपियरिंग फिन-स्टेबलाइज्ड डिसाइडिंग सॉबट) गोला-बारूद की खरीद की है। हालांकि, सेना का फ्यूचर रेडी लड़ाकू वाहन (FRCV) प्रोजेक्ट अभी शुरू नहीं हुआ है। इसके तहत पुराने टी-72 टैंकों को बदलने के लिए रणनीतिक साझेदारी नीति के तहत शुरुआत में 1,770 एफआरसीवी बनाए जाएंगे।

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