रूसी धमाकों के बीच दहशत में जी रहे भारतीय छात्र-छात्राएं

Russian blasts sachkahoon

यूक्रेन से लौटी छात्रा कशिश अग्रवाल ने सुनाई आपबीती

  • शांति के लिए भगवान से की अरदास

  • परिजनों ने केन्द्र सरकार का जताया आभार

भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। यूक्रेन के चरनी वीक्सी शहर की बुको विनियन यूनिवर्सिटी से मैडिकल की पढ़ाई कर रही भिवानी की छात्रा कशिश रोमानिया बोर्डर से भारत पहुंची है। रोमानिया से  घर पहुंचने के बाद छात्रा कशिश व उसके परिजनों ने भगवान व सरकार का धन्यवाद किया। साथ में भगवान से प्रार्थना की है कि भारत के सभी छात्र सही सलामत देश लौटें। भिवानी सही सलामत पहुंची छात्रा कशिश ने भगवान से युद्ध (Russian Blasts) विराम की अरदास लगाई।

बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध लगातार जारी है, ऐसे में भारतीयों को वहां से निकालने के लिए भारत सरकार द्वारा तमाम तरह की कोशिशें भी लगातार जारी हैं। भारतीयों को लाने वाली पहली उड़ान में करीब 250 से अधिक छात्रों को भारत उनके घर लाया गया जा चुका है। बाकी छात्रों को लाने की कोशिश लगातार जारी हैं।

यूक्रेन के चरनी वीक्सी शहर की बुको विनियन यूनिवर्सिटी से मैडिकल की पढ़ाई कर रही छात्रा कशिश ने बताया कि जब रूस ने यूक्रेन पर पहला हमला किया, उसके बाद से ही कीव में हालत चिंताजनक हो गए थे। भारतीय दूतावास की तरफ से उनको अपने जरूरी कागजात और पैसे रखने के लिए जानकारी दी गई थी। जिसके बाद से ही एटीएम मशीनों के सामने लंबी लाइनें लग गईं और लोगों ने राशन स्टोर करना शुरू कर दिया।

कीव में लगातार हुए बम धमाकों से लोग डर गए। जब हम अपनी यूनिवर्सिटी की बस से रोमानिया बॉर्डर की तरफ बढ़ रहे थे तो कीव में लोग घरों से बाहर निकलकर सड़कों पर आ गए थे। लोग अपनी गाड़ियों से बॉर्डर की तरफ बढ़ रहे थे। चारों तरफ जाम लगा हुआ था। यूक्रेन (Russian Blasts) पुलिस की मदद से वे लोग कीव से निकलकर रोमानिया बॉर्डर पहुंचे और वहां पर इंडियन एंबेसी के लोगों द्वारा उनको रिसीव किया गया।

रोमानिया से प्लेन में वह भारत पहुंचे हैं। छात्रा कशिश ने बताया कि अभी भी हजारों की संख्या में भारतीय छात्र यूक्रेन से लगते  दूसरे देशों के बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यदि थोड़ा पहले से ही इस मामले में संज्ञान ले लेती तो सभी भारतीय छात्र स्वदेश लौट सकते थे, लेकिन अचानक युद्ध के कारण स्थिति अब बिगड़ गई है। बेटी को घर लौटा देख पिता प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि उनकी बेटी यूक्रेन में तीन वर्ष से मैडिकल की पढ़ाई कर रही है।

जो भारत सरकार के प्रयास से सकुशल घर लौट आई है। वे सरकार का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने भगवान से प्रार्थना की है कि दोनों देशों में युद्ध पर विराम लगे तथा जल्द शांति  बने तथा सभी भारतीय छात्र सकुशल भारत लौटें।

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