क्या एंटीबायोटिक्स, स्टेरॉइड से फैल रहा है ब्लैक फंगस, जानें, डॉक्टर की जुबानी

Black Fungus

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। देश में एक तरफ कोरोना वायरस का कहर जारी है वहीं इस बीच अब ब्लैक फंगस का संकट जारी है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। इससे कई लोगों की मौत हो चुकी है। हरियाणा समेत अनेक राज्यों में ब्लैक फंगस के मामले आने से केन्द्र सरकार व राज्य सरकार चिंतित है। वहीं ब्लैक फंगस को लेकर एक स्टडी की गई है, उसके अनुसार, कुछ ऐसी चीजें हैं जो कोविड मरीजों में कॉमन हैं, जो ब्लैक फंगस की चुनौती के बारे में कुछ समझा सकती हैं।

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ये स्टडी 210 मरीजों पर की गई है, जिसमें सभी को एंटीबायोटिक्स दिया गया था। इसी के बाद ये लोग ब्लैक फंगस का शिकार हुए थे। डॉ. वीपी पांडे ने इस स्टडी को लिखा है, जिसमें दावा किया गया है जो ब्लैक फंगस के मरीज मिले हैं उनमें सिर्फ 14 फीसदी में ही स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया गया था। जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे ही ब्लैक फंगस के पीछे मुख्य कारण बताया था। देश में इस वक्त ब्लैक फंगस के 9 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, करीब एक दर्ज राज्यों से इसे भी कोरोना की तरह महामारी घोषित कर दिया है।

मरीजों में पुरुषों की संख्या ज्यादा

रिपोर्ट के अनुसार, ब्लैक फंगस के शिकार मरीजों में 30 प्रतिशत तक मृत्यु दर है। हालांकि ये पहले के मुकाबले कुछ हद तक कम है। ब्लैक फंगस के शिकार होने वालों में 78 फीसदी से ज्यादा पुरुषों की संख्या है। जबकि 41 फीसदी वो हैं जो कोरोना को मात देकर घर चले गए थे। डायबिटीज के मरीजों को ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा बताया जा रहा है, लेकिन स्टडी में 21 फीसदी ही मरीज ऐसे थे जिनमें डायबिटीज के कोई लक्षण नहीं थे। हालांकि कई मरीजों को डायबिटीज से शुरू में कुछ अन्य दिक्कते जरूर थीं।

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मजबूत इम्युनिटी वालों को कोई खतरा नहीं

ब्लैक फंगस ऐसे लोगों पर असर डालता है जिनकी बीमारियों से लड़ने की क्षमता यानी इम्युनिटी कमजोर होती है। मजबूत इम्युनिटी वाले लोगों के लिए आम तौर पर ब्लैक फंगस का खास खतरा नहीं होता है।

किन रोगियों को होता है इसका खतरा

  • जिनका शुगर स्तर हमेशा ज्यादा रहता है
  • जिन मरीजों ने कोविड के दौरान ज्यादा स्टेरॉड लिया हो।
  • काफी देर आईसीयू में रहे रोगी
  • ट्रांसप्लांट या कैंसर के रोगी

लक्षण

  • नाक में दर्द हो, खून आए या नाक बंद हो जाए।
  • नाक में सूजन आ जाए।
  • दांत या जबड़े में दर्द हो या गिरने लगें।
  • आंखों के सामने धुंधलापन आए या दर्द हो, बुखार हो।
  • सीने में दर्द
  • बुखार, सिर दर्द, खांसी
  • सांस लेने में दिक्कत
  • खून की उल्टियां होना।

कैसे बचे

  • घर से बाहर जाते वक्त मास्क जरूर पहनें।
  • बगीचे में जाएं तो फुल आस्तीन शर्ट, पैंट व ग्लब्स पहनें
  • ब्लड ग्लूकोज स्तर को जांचते रहें और इसे नियंत्रित रखें।

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