करवाचौथ: रिश्तों को प्रेम से सुलाझाएं

Karva Chauth Make Relationships Sweet with Love
आज आधुनिक टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया के युग में जहां हम दुनिया के अलग-अलग समुदाय व धर्मों के लोगों से आपस में जुड़ते जा रहे हैं वहीं अपने घर में हमारे संबंध भारत-पाकिस्तान से कम नहीं रह गए हैं। कल बहुत से लोगों ने व्रत रखा होगा जिनमें से कुछ ने इसलिए भी रखा होगा कि नहीं रखेंगे, तो पड़ोस में चिंटू की मम्मी या घर में बड़ों को क्या जवाब देंगे? दुनिया को अपने प्वाइंट समझाते-समझाते हम अपने घर में एक दूसरे की भावनाओं को समझने व समझाने में नाकाम होते जा रहे हैं, वजह चाहे इगो हो या अहंकार हो या चाहे कुछ और हो।
करवा चौथ एक दूसरे के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए एक बहुत ही बढ़िया त्यौहार है। आइए, पहले करवा चौथ का व्रत क्यों रखा जाता है। करवा चौथ का व्रत इसलिए रखा जाता है कि इसमें पत्नी अपने सौभाग्य (पति) की रक्षा के लिए व्रत रखती हैं। पर कई बार ऐसे हालात होते हैं की छलनी से देखना तो दूर आपस में एक दूसरे को सामने से देखना भी पसंद नहीं करते। अगर आपस में प्रेम है तो एक दूसरे को समझने की समझ है, अपनी भावनाओं को व दूसरों की भावनाओं को समझने की क्षमता है तो हर दिन ही करवा चौथ है ।
यह लेख, उन मित्रों के लिए है जो अपने हमसफर के साथ सिर्फ सफर काट रहे हैं ना कोई मंजिल है ना कोई उमंग है ना कोई प्रेम है। पति पत्नी का रिश्ता दुनिया का पवित्र और अनोखा रिश्ता है जिसमें दो अजनबी 20-25 साल के बाद मिलते हैं और ताउम्र इकट्ठे रहने की कसम खाते हैं पर यह रिश्ता अविश्वास, अप्रेम, अहंकार, ईगो के साथ कभी भी नहीं चल सकता। जरूरत है, यदि रिश्ते इस बुनियाद पर फंसे हैं तो समय रहते इसको प्रेम से सुलझाएं और जीवन का सही आनंद लें।

लेखक: विकास शर्मा, सच कहूँ

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