करनाल में किसान महापंचायत कल, माहौल गरमाया, दोपहर साढ़े 12 बजे से रात 11.59 तक इंटरनेट सेवाएं रहेंगी बंद

करनाल में किसान महापंचायत आज, माहौल गरमाया

सच कहूँ/विजय शर्मा
करनाल। आज 7 सितम्बर को किसानों की महापंचायत को लेकर एक बार फिर सीएम सिटी करनाल में माहौल गरमाया हुआ है। महांपचायत को लेकर जहां किसान पूरी तैयारी कर चुके हैं। वहीं जिला प्रशासन व पुलिस विभाग भी कमर कसे हुए नजर आ रहा है। नई अनाज मंडी में होने वाली किसान महापंचायत व किसानों द्वारा हाईवे जाम और लघु सचिवालय घेराव करने के आह्वान को देखते हुए प्रशासन द्वारा धारा-144 लागू करने के बाद अब पूरे जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद करने का फैसला लिया है। यह आदेश मंगलवार दोपहर 12.30 बजे से कल 7 सितंबर को रात 23.59 बजे तक लागू रहेंगे। वहीं महापंचायत को देखते हुए उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने एडवाईजरी जारी की है, नेशनल हाईवे-44 पर भीड़भाड़ को देखते हुए चंडीगढ़ व दिल्ली मार्गों के वाहनों के लिए रूट डायवर्ट किया गया।

सीआईएसएफ, बीएसएफ, आरपीएफ सहित 40 कम्पनियां रहेगी तैनात

प्रेसवार्ता में करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया ने बताया कि विभिन्न किसान संगठनों की प्रस्तावित महापंचायत को देखते जिला में कानून व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए पुख्ता प्रबंध किए गए है। सीआईएसएफ, बीएसएफ, आरपीएफ सहित 40 कम्पनियां बुलाई गई है। पांच आईपीएस रैंक के और इससे ज्यादा डीएसपी रैंक के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। वाटर कैनन, पर्याप्त मात्रा में बजरी और ड्रोन से निगरानी रहेगी। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मौके के अनुसार स्थिति बदलती रहेगी। जो भी व्यक्ति शांति-कानून व्यवस्था को भंग करेगा, उसके खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा।

जनभावनाएं आहत ना हो, मीडिया ऐसी करें रिपोर्टिंग : डीसी

उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने एकत्रित मीडिया कर्मियों से अपील की कि कल 7 सितम्बर को तथ्यों के आधार पर रिपोर्टिंग करें। किसी भी घटना की वास्तविकता जान लेने के बाद ही उसे प्रसारित करें, ताकि जनता के पास अच्छा संदेश जाए और जन भावनाएं आहत ना हो।

शांति से प्रदर्शन किया तो जगह देंगे, सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया तो होगी कार्रवाई

जिला प्रशासन ने स्थानीय न्यायालय में दर्ज एक केस का हवाला देते हुए मीडिया कर्मियों को बताया कि न्यायालय द्वारा स्पष्ट किया गया है कि भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप), मान ग्रुप, केहर सिंह ग्रुप, अन्नदाता किसान संगठन तथा गन्ना संघर्ष समिति से जुड़े पदाधिकारियों की ओर से यदि शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया जाता है तो प्रशासन उनको जगह दे सकता है और यदि कोई सरकारी गतिविधियों में व्यवधान डाले या सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया, जिससे कानून व्यवस्था प्रभावित होती है तो प्रशासन उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर सकता है।

‘‘भारत प्रजातांत्रिक देश है और यहां पर सभी को अपनी बात कहने और प्रदर्शन करने का अधिकार है। किसान भाई अगर कोई भी पंचायत कर रहे हैं तो वो करें, लेकिन वो शांतिपूर्ण तरीके से करें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं। इस दौरान कुछ शरारती तत्व फायदा ना उठा पाए, किसी तरह की अफवाहें न फैले इसके लिए ही इंटरनेट सेवाएं बंद की गई है।
-अनिल विज, स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री, हरियाणा।

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