चतुर-चालाकी छोड़ दो

बरनावा। सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शुक्रवार को शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा (यूपी) से अपने फेसबुक पेज पर आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से अमृतमयी रूहानी वचनों की वर्षा की। पूज्य गुरु जी ने आमजन से आह्वान किया कि वो दिखावा छोड़कर सच्ची भावना से भगवान और उसकी सृष्टि से प्रेम करे। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आज के युग में बड़ा ही जरूरी है अपने आप को शुद्ध करना, पवित्र करना। इसलिए प्यारी साध-संगत जीओ आप अमल किया करो, वचनों पर सही रहा करो, दिखावा कम, कर्म ज्यादा करो, ज्ञान ज्यादा रखो।

आप देख लीजिये दिखावा करने वाले ज्यादातर धर्म के परखच्चे भी उड़ाते हैं। नशा किसी भी धर्म में जायज नहीं, पर आप देखोगे कि वहां लाइनें लगी होती हैं कौन से धर्म वाला नहीं होता। सारे धर्मों में सख्त मना है। उस हिसाब तो जहां हमारे सभी धर्मों से संबंधित बच्चे रहते हैं, वहां नशे नाम की तो चीज ही नहीं होनी चाहिए। ना कोई ठेका, ना कोई दुकान, ना डायरैक्ट, ना इनडायरैक्ट तरीके से, क्योंकि बेचने वाला भी तो धर्म को मानने वाला होगा।

सरनेम कुछ ना कुछ तो लगाता होगा। तो इसलिए धर्मों में बिलकुल मना किया गया है कि नशे न करना, ना बेचना, तो अमल किया करो। वचन माना करो तो भाई जरूर खुशियां मिलेंगी। दिखावे पर जोर देना छोड़ दो। ओवर स्मार्ट मत बना करो रामजी के सामने तो कम से कम। जब किसी भी पाक पवित्र, धार्मिक जगह पर आप जाते हैं, नमस्कार करते हैं, सजदा करते हैं, माथा टेकते हैं, अरे तब तो चतुर-चालाकी छोड़ दो। तब तो कम से कम सच्ची तौबा करो कि मैं नहीं करूंगा। इस पर बेपरवाह जी ने एक भजन लिखा है, ‘‘ऐवें नक नाल कढ़ ना लकीरां, ते मन दी लकीर कढ़ लै।’’ बाहरी दिखावे छोड़ दे, पाखंडवाद। मन की यानि विचारों को बदल डाल। कहीं घूमता रह, हो ही नहीं सकता मालिक तुझे नज़ारे ना दे। यानि बाहरी दिखावा मत करो।

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