Live-in Relationship ठीक या गलत, जानें पूज्य गुरु जी की जुबानी

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सरसा (सच कहूँ न्यूज)। हाल के कुछ महीनों में लिव इन रिलेशन का मामला बहुत चर्चा में है। हाल ही में श्रद्धा हत्याकांड जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। समाज के गणमान्य लोग फिर से यह सरकार से मांग कर रहे हैं कि इसको रोका जाए। ये समाज के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। वहीं हाल ही में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने बरनावा आश्रम से एक प्रश्न के जवाब में लिव इन रिलेशन के बारे में बताया कि यह कैसे हमारे समाज को खराब कर रहा है।

आइये जानते हैं पूज्य गुरु जी के वचन-

सवाल: गुरु जी जो आज का यूथ है वो वैस्टन कल्चर को काफी कॉपी कर रहा है, उसकी तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहा है। अगर मैं अनमैरिड की बात करूं तो अब लिव इन रिलेशनशिप का भी ट्रेंड चल पड़ा है। इसमें अनमैरिड कपलस साल 6 महीने एक साथ रहकर देखते हैं कि आगे चलकर क्या वे साथ रह भी सकते हैं। ये चीज हमारे देश में बाहर से आई है। इस पर कृपया मार्गदर्शन कीजिए।

पूज्य गुरु जी का जवाब : हमारे अनुसार ये सही नहीं है। हमारा कल्चर बहुत ही स्वस्थ है। जब आप 6 महीने साल रहते हैं चलो बाकी बात नहीं, आपके घर के बाहर गुलाब के फुल लगे हैं पहले दिन आप बहुत अच्छे से देखते हैं, बहुत सुंदर है, बड़ी इसकी खुशबु लेते हैं, लेकिन एक महीने, दो महीने, चार महीने बाद आपको पता नहीं रहता कि आपके घर के आगे गुलाब के फूल भी लगे हैं, क्योंकि आप बिजी है, भागके आते हैं और गेट खोला अंदर चले जाते हैं, कोई खुशबु नहीं आ रही, कोई बदबू नहीं आ रही, आप भागते रहते हैं। उसी तरह से संबंध हैं, रिश्ते नाते हैं कि भाई आप लगातार इस तरह से करते रहेंगे।

आप रह रहे हैं इकट्ठे, एक साथ रह रहे हैं तो आप एक-दूसरे की आदतों के आदि हो जाते हैं और फिर जब आदि हो गए तो आप चेंज ढूंढते हैं, आपका माइंड कहता है कि अपना कौन सा रिश्ता बना हुआ है, आपा कौन से रिश्ते में बंधे हुए हैं। ब्रेकअप पार्टी देकर ब्रेकअप करते हैं आप। गजब तो ये है ना, पहले ये प्यार था कि रिश्ते असल में तो रिश्ते टूटते ही नहीं थे, टूटता था तो मंजनू या जो-जो नाम दिए हैं वो ऐसे ही नहीं दिए गए, लोग रोते थे, तड़फते थे एक-दूसरे के बिना। लेकिन आज तो हैरानीजनक है रिश्ता टूट गया तो खुशी मनाते हैं, चलो ब्रेकअप की पार्टी हो रही है, बनता है तो आप पार्टी दे रहे होते हैं कि नया रिश्ता बन रहा है। क्योंकि उनको एनजोवायमेंट हो गई, चार महीने इसके साथ रह लो कोई हर्ज नहीं, चार महीने उसके साथ रह लिए।

इससे बीमारी फैलने का बहुत ज्यादा डर है, इससे आपके माइंड में पॉजिटिव वेबस हैं वो नहीं आ पाएंगी, जल्दी से नेगेटिव वेबस घर कर जाएंगी और आपके लिए मुश्किल पैदा कर देंगी तो इसलिए आप लोगों से गुजारिश, हम आपसे ये ही चाहते हैं कि आप अमल कीजिएगा और सबसे पहले विल पावर पैदा कीजिए जो हर समस्या का हल है। विल पावर के लिए कोई काम नहीं छोड़ना, हाथोें-पैरो से कर्म करते रहिए कर्मयोगी और जीभा ख्यालों से ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम का नाम थोड़ा-थोड़ा लेते रहिए, क्या जोर लगता है आपका।

आप गाड़ी चला रहे हैं या पैदल जा रहे हैं, चलना पैरो से है देखना आँखों से है, हाथ-पैर चल रहे हैं, जीभा तो नहीं चल रही, चल रही है दूसरो का बेड़ा गर्क करने के लिए और खुद का बेड़ा गर्क करने के लिए। आप दूसरों के बारे में बुरा सोचते जा रहे हैं, नेगेटिव सोच आती जा रही है, क्यों ना आप ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु का नाम लें, राम-नाम से आत्मबल भी आएगा और यकीनन आपकी हर समस्याओं का हल आत्मबल में ही छिपा हुआ है तो आप उसको हासिल करिए, हमारा आशीर्वाद है।

क्या है लव इन रिलेशनशिप

लिव इन रिलेशनशिप पश्चिमी देशों से आया है और वहां के लिए यह आम बात है, लेकिन भारतीय सभ्यता में बिना शादी के एक स्त्री-पुरुष के साथ रहने को स्वीकार नहीं किया जाता, लेकिन बदलती जीवन शैली में इसे भारत में भी अपनाया जाने लगा है। चूंकि आज लिव इन रिलेशनशिप में रहना बड़े शहरों में आम हो जा चुका है इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इसे कानून वैध करार दिया है। चूंकि लिव इन को लेकर भारतीय संसद ने कोई कानून पारित नहीं किया है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश ही इस मामले में कानून की तरह काम करता है।

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