माल्या के खिलाफ एक और नॉन बेलेबल वारंट

900 करोड़ के बैंक लोन का मामला

मुंबई: देश के बैंकों का करोड़ों रुपए लेकर फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ PMLA कोर्ट ने नॉन बेलेबल वारंट जारी किया है। कोर्ट ने यह वारंट इनफोर्समेंट डिपार्टमेंट (ईडी) की ओर से दायर की गई चार्जशीट पर सुओ मोटो लेते हुए जारी किया है। यह मामला आईडीबीआई बैंक से लिए 900 करोड़ के लोन से जुड़ा है। इससे पहले भी सीबीआई ने माल्या के खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट जारी किया था। माल्या पर अलग-अलग बैंकों के 9000 करोड़ रुपए का कर्ज है।

माल्या को कोर्ट से 4 दिसंबर तक जमानत

आपको बता दें कि बैंक डिफॉल्टर विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर बीते माह ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में सुनवाई हुई थी। माल्या पर अब अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी, जिसमें उन्हें पेश होना होगा। माल्या को कोर्ट से 4 दिसंबर तक जमानत मिल गई है। सुनवाई से पहले कोर्ट के बाहर माल्या ने पत्रकारों से कहा कि मुझे कुछ नहीं कहना है, मैं सारे आरोप खारिज करता हूं. मैं किसी कोर्ट से भागा नहीं हूं। मेरे पास कोर्ट में मामले को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

भारत ने पर्याप्त सबूत नहीं दिए हैं

माल्या के वकील ने कहा कि भारत ने पर्याप्त सबूत नहीं दिए हैं। हमें अधिक साक्ष्य और दस्तावेजों की आवश्यकता है। वहीं अभियोजन पक्ष ने कहा कि भारत हमारे साथ बहुत निकटता से काम कर रहा है और हम सभी दस्तावेजों और सबूत उपलब्ध कराएंगे, जिन्हें मांगा जा रहा था।

गौरतलब है कि विजय माल्या पर अलग-अलग बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। बैंकों का कर्ज चुकाने के बजाय माल्या देश छोड़कर फरार हो गये। माल्या 2016 से ही लंदन में हैं। जिसके बाद भारत ने ब्रिटेन सरकार से माल्या को भारत भेजने की अपील की थी। भारत की मांग पर सुनवाई करते हुए लंदन प्रशासन ने माल्या को रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें जमानत मिल गई थी।

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