मोदी को ममता की चुनौती : 16 अगस्त को खेला होबे

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कोलकाता (एजेंसी)। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद ममता बनर्जी अब मिशन 2024 में लग गई है। आज मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि जब तक केन्द्र से मोदी सरकार को हटा नहीं देती, तब तक हर राज्य में खेला होगा। दरअसल, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में खेला होबे का नारा बड़ा मशहुर हुआ था और इस नारे से ममता बनर्जी को जीतने में काफी मदद मिली थी। उन्होंने 16 अगस्त को खेला दिवस मनाने का फैसला किया है।

इस मौके पर गरीब बच्चों को फुटबाल बांटने की भी घोषणा की है। ममता बनर्जी ने कहा कि आज हमारी आजादी खते में हैं। भाजपा ने हमारी स्वतंत्रता को खतरे में डाल दिया है। मोदी सरकार अपने मंत्रियों पर ही विश्वास नहीं करती है और एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार उनके फोन की भी टैपिंग करवा रही है और इसलिए वह किसी से बात नहीं कर पाती हैं।

ममता ने 1993 में जान गंवाने वाले 13 लोगों को दी श्रद्धांजलि

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 1993 में आज ही के दिन एक रैली के दौरान पुलिस की गोलीबारी में जान गंवाने वाले 13 निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि दी। सुश्री बनर्जी ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘मैं 1993 में आज ही के दिन जान गंवाने वाले 13 निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि देती हूं। मैं अपने सभी भाइयों और बहनों से आग्रह करती हूं कि इन बहादुर आत्माओं के सम्मान में आज दोपहर बाद दो बजे मेरे साथ वर्चुअल सभा में शामिल हों। उन्होंने कहा, ‘अमानवीय कार्य करने वालों के खिलाफ हमारी आवाजें उठती रहेगी।

मुख्यमंत्री इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण शहीद दिवस रैली को वर्चुअली संबोधित करेंगी। तृणमूल कांग्रेस 1993 में यूथ कांग्रेस की रैली के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारे गये 13 कार्यकतार्ओं की याद में हर साल ‘शहीद दिवस’ रैली निकालती है। वर्ष 1993 में सुश्री बनर्जी जब यूथ कांग्रेस की पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष थीं तब उन्होंने राइटर्स चलो अभियान (राइटर्स बिल्डिंग की ओर मार्च) चलाया था। यह अभियान मतदाता पहचान पत्र को मतदाताओं के सत्यापन के लिए एकमात्र वैध दस्तावेज बनाये जाने की मांग को लेकर था।

क्या है मामला

इस मांग को लेकर सुश्री बनर्जी और अन्य कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली और जब वे शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ रहे थे तब पुलिस ने उन्हें रूकने के लिये कहा और उनके नहीं रूकने पर गोलियां चलाई जिसमें 13 समर्थकों की मौत हो गई थी और सैंकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे। उस दिन के बाद से हर साल इन 13 लोगों की याद में वार्षिक रैली आयोजित की जाती है।

 

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