सीएम सिटी में मिड-डे-मील वर्करों का फूटा गुस्सा

Protest

भारी पुलिस फोर्स ने खंडा चौक के पास मिड-डे-मील वर्करों को रोका, तो वहीं पर लगाया धरना | Protest

  • गुरुद्वारा दुख साहिब से सीएम के महल तक निकाला रोष मार्च

पटियाला (सच कहूँ/नरेन्द्र चौहान)। रविवार को मुख्यमंत्री के शहर में डैमोक्रेटिक मिड-डे-मील कुक फ्रंट (Protest) पंजाब की वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर रोष प्रदर्शन किया। जब प्रदर्शनकारी वर्कर गुरुद्वारा दुख निवारण के पास एकत्रित हुई तो पंजाब सरकार को कोसते हुए जब कैप्टन के महल की तरफ जाने लगी तब भारी संख्या में पुलिस फोर्स ने खंडा चौक के पास उन्हें रोक लिया। रोषित वर्करों ने वहीं पर धरना लगा दिया और पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगी। इन वर्करों के बढ़ते रोष को देखते हुए तहसीलदार रणजीत सिंह ने धरने पर पहुंचकर उनकी मांगों का मांग-पत्र लिया व लिखित दस्तावेज सौंपकर भरोसा दिलवाया कि 30 सितंबर को शिक्षा मंत्री के साथ मीटिंग करवाई जाएगी।

तहसीलदार ने शिक्षा मंत्री से बैठक करवाने का दिया आश्वासन | Protest

धरनाकारियों को संबोधित करती हुई प्रदेशाध्यक्ष हरजिन्द्र कौर लोपे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुखविन्द्र कौर, जल कौर भटिंडा, शिन्द्र कौर सिबीया, परमजीत कौर मुक्तसर, रेखा गिद्दड़बाहा, कुलबीर कौर सरहंद, जसवीर कौर अमलोह इत्यादि ने कहा कि मुलाजिम नेताओं ने बताया कि राज्य के स्कूलों में पहली से आठवीं तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए मिड-डे-मील के तहत काम करने वाली लगभग चालीस हजार गरीब महिलाओं को महीने के मात्र 1700 रुपए का भुगतान किया जाता है, जिस अनुसार प्रति दिन 55 रुपए दिहाड़ी बनती है, जबकि कुक वर्करों का काम स्कूल के पूरे समय तक जारी रहता है।

इससे भी बदतर यह है कि पूरा साल काम करवाकर इन वर्करों को केवल दस महीने के पैसे अदा किए जाते हैं। इन वर्करों में ज्यादातर महिलाएं विधवा हैं। इन पर पूरा परिवार निर्भर है, लेकिन इसके बावजूद सरकार द्वारा इनसे सारा साल काम करवाकर दस महीने का वेतन ही अदा किया जाता है। जिसके रोष में मांगें मनवाने के लिए मजबूरन यूनियन को संघर्ष का रास्ता चुनना पड़ा है।

यूनियन की मांगें | Protest

  • न्यूनतम मजदूरी कानून के अधीन लाकर वेतन बढ़ोतरी।
  • साल में दो महीने की छुट्टी का भुगतान करके पूरे साल का वेतन जारी करना।
  • आग और गैस के साथ जोखिम भरे काम के कारण हर कुक वर्कर के लिए बीमा।
  • बच्चों की गिनती अनुसार कुक नियम के आधार पर कुक वर्करों को नौकरी से निकालना बंद करना।
  • 12वीं पास मिड-डे कुक वर्करों को ब्लॉक कार्यालयों में सहायक मैनेजर के तौर पर पदोन्नती देना।

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