मोहित मित्तल इन्सां ने 38 साल की उम्र में 50वीं बार किया रक्तदान

Blood-Donation

डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुुरू जी को बताया मार्ग दर्शक

जसवीर सिंह गहल
बरनाला। आज के स्वार्थी युग में जहां अपने ही अपनों को खून दान करने से झिझकते हैं, वहीं डेरा सच्चा सौदा के ‘इन्सां’ बिना किसी स्वार्थ के अनजान जरूरतमंदों के लिए अपने खर्च किए पर पहुंच कर खून दान करते हैं। शायद इसी कारण ही इन ‘इन्सां’ श्रद्धालुओं को पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की ओर से ‘ट्रयू ब्लड पंप’ का खिताब दिया गया है। इसी के अंतर्गत ही बरनाला के एक ‘इन्सां’ ने 50वीं बार रक्तदान कर इंसानियत प्रति बनते फर्ज को निभाया है।

प्राप्त जानकारी मुताबिक पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा मानवता की बेहतरी के लिए 135 भलाई कार्य चलाए जा रहे हैं, जिसके अनुसार साध-संगत प्रतिदिन किसी न किसी कार्य को करती ही रहती है, जिनमें जरूरतमंदों को राशन बांटना, कमजोर परिवारों की आर्थिक मदद करना और जरूरतमंदों की जान बचाने के लिए बिना किसी स्वार्थ के रक्तदान करना आदि शामिल है।

इन भलाई कार्याें के अंतर्गत ही स्थानीय शहर के निवासी मोहित मित्तल इन्सां ने 38 साल की उम्र में 50वीं बार रक्तदान किया है, जो इंसानियत को जिंदा रखने के अलावा कीमती जिदंगीयों को बचाने में सहायक हो चुका है। मोहित इन्सां के अनुसार उसने पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन वचनों अनुसार पहली बार सन् 2001 में खून दान किया था, जिसके बाद अब तक 50वीं बार अलग अलग स्थानों पर रक्तदान कर चुका है।

मोहित मित्तल इन्सां ने रक्तदान करने की शिक्षा का श्रेय पूज्य गुरू जी को दिया है

उन्होंने कहा कि पूज्य गुरू जी की महान प्रेरणाओं का ही कमाल है कि वह मानवता हित में कुछ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रक्तदान कर जहां उनको अपने पूर्ण मुर्शिद के वचनों पर फूल चढ़ाने का मौका मिलता है, वहीं उनके मन भी अथाह सकून मिलता है जो बाजारों कहीं भी मूल्य को नहीं खरीदा जा सकता। मोहित इन्सां ने बताया कि उनकी तरफ से दान किये गए रक्त से यदि किसी की जान बचती है तो इससे बड़ा पुण्य या दान कोई भी नहीं। उन्होंने पूज्य गुरू जी का विशेष धन्यवाद भी किया, जिनकी बदौलत वह अपना रक्तदान कर दूसरे के काम आ रहे हैं।

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