काबिले-तारीफ हर व्यवस्था, सेवा का जज्बा बे-मिसाल

Incarnation day

आंखों देखी। डेरा सच्चा सौदा में लाखों की तादाद में पहुंची साध-संगत के लिए पुख्ता रहे इंतजाम, ट्रैफिक सेवादारों ने अनुशासित तरीके से दिया सेवा को अंजाम

सच कहूँ/विजय शर्मा/सरसा। ‘‘सेवा हमारा धर्म है, सेवा हमारा कर्म है’’ इन शब्दों को चरितार्थ करते हैं डेरा सच्चा सौदा के सेवादार। इनमें सेवा का जज्बा और अपने मुर्शिद के प्रति प्रेम इस कदर भरा है कि जो देखे बस देखता ही रह जाए। डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों के लिए कोई भी काम नामुकिन नहीं है। सेवा कार्य कोई भी हो, आदेश मिलते ही उसे ईमानदारी व निष्ठा के साथ निभाना इन्हें बखूबी आता है।

ऐसा ही सेवा का अनोखा जज्बा मंगलवार को डेरा सच्चा सौदा सरसा में उस समय देखने को मिला जब पूज्य बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार दिवस पर आयोजित नामचर्चा के दौरान देश-विदेश से सैंकड़ों की तादाद में साध-संगत पहुंची। सेवादारों द्वारा साध-संगत के लिए की गई हर व्यवस्था चाहे वो ट्रैफिक हो, सफाई हो, पानी हो, मेडिकल हो, लंगर हो या दिव्यांग-बुजुर्गों की सहायता, देखने योग्य थी। इन सेवादारों में कोई वकील था, कोई डॉक्टर, कोई प्रोफेसर तो कोई सरकारी कर्मचारी। जब इनसे बात की गई तो सेवादारों ने बताया कि उन्हें ये शिक्षा पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से मिली है। पूज्य गुरु जी ने ही उन्हें मानवता के लिए जीना सिखाया है और इसके बदले में उन्हें जो खुशी व सुकून मिलता वह कहने-सुनने से परे है।

500 सेवादारों ने संभाली स्वच्छता की कमान

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की दी गई शिक्षा का अनुसरण करते हुए डेरा सच्चा सौदा में नामचर्चा के दौरान स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा गया। सेवा समिति के जिम्मेवार सोनू इन्सां, नरेश इन्सां ने जानकारी देते हुए बताया कि सफाई व्यवस्था को लेकर डेरा सच्चा सौदा के अंदर व बाहर 500 से ज्यादा सेवादारों की कमेटियां बनाई गई हैं। जो सफाई को लेकर सक्रिय हैं। जिम्मेवार सोनू इन्सां ने बताया कि सफाई व्यवस्था को बनाएं रखने में जहां शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग व सफाई समिति के सेवादार अपना योग्दान दे रहे हैं वहीं देश-विदेश से आने वाली साध-संगत भी गंदगी न फैलाकर कूड़ेदानों का इस्तेमाल कर अपनी जिम्मेवारी निभा रही है।

’ बस स्टैंड, स्टेशन से संगत को लाने के लिए लगाए 50 वाहनस

ार्इं जी के पावन अवतार दिवस पर आयोजित नामचर्चा में बढ़ती साध-संगत की भीड़ को देखते हुए ट्रांसपोर्ट समिति द्वारा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन से संगत को लाने व ले जाने के लिए 50 बड़े वाहनों की व्यवस्था की गई। ट्रांसपोर्ट समिति के इंजार्च बलविन्द्र सिंह इन्सां पुत्र बुधराम ने बताया वैसे तो आने वाली साध-संगत के लिए रोडवेज बस, थ्री-व्हीलर व निजी बसें चल रही हैं लेकिन साध-संगत की बढ़ती भीड़ को देखते हुए ट्रांसपोर्ट समिति द्वारा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर 50 बड़े वाहनों की व्यवस्था की गई है। वहीं साध-संगत को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए 52 सेवादारों की भी ड्यूटियां लगाई गई हैं। जो वाहनों में बुजुर्गों, बच्चों व महिलाओं की पूरी देखभाल कर रहे हैं। इसके साथ ही हर वाहन में प्राथमिक चिकित्सा व पानी की व्यवस्था भी की गई।

वाहनों के लिए बनाए 18 ग्राउंड, सभी खचा-खच भरे

डेरा सच्चा सौदा पहुंची सैंकड़ों की संख्या में साध-संगत के लिए ट्रैफिक समिति द्वारा कुल 18 ट्रैफिक ग्राउंड बनाए गए। पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों के लिए इन ग्राऊंडों में पार्किंग की व्यवस्था की गई थी। ट्रैफिक समिति के जिम्मेवार लक्ष्मण सिंह व जरनैल सिंह ने बताया कि 18 ग्राऊंड वाहनों से खचा-खच भर चुके हैं बावजूद इसके वाहनों में साध-संगत का आना जारी। उन्होंने बताया कि ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के 100 से अधिक सेवादारों की ड्यूटियां लगाई हैं।

हमारा काम स्वच्छता फैलाना

पंजाब के जिला पटियाला, ब्लॉक पातड़ा निवासी गुरतेज पुत्र बंत सिंह ने बताया कि वह 9 साल से सफाई समिति में सेवा कार्य कर रहे हैं। पूज्य गुरु जी की ही शिक्षा का असर है जो काम सरकारी कर्मचारी घंटों में करते हैं वहीं काम हम चंद मिनटों में कर देते हैं। उन्होंने कहा स्वच्छता हमें बाहर की नहीं अपनों घरों में भी रखनी चाहिए। हमारा काम गंदगी फैलाना नहीं, लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाना है।

सेवा करने से दूर हो गई 16 साल की बीमारी

पंजाब के जिला फिरोजपुर निवासी नरेन्द्र पाल इन्सां पुत्र सूरज सिंह ने बताया कि पूज्य बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी के वचन हैं कि ‘‘ सेवा का फल नगदो-नगद’’। सेवा करने से अंदरूनी खुशी तो मिलती ही है साथ ही बीमारियां भी कट जाती है। मैं 16 साल तक माईग्रेन की बीमारी से पीड़ित था। हर जगह इलाज करवाया, दवाईयां भी ली लेकिन आराम नहीं मिला। लेकिन गुरुमंत्र लेने के बाद जब डेरा सच्चा सौदा में सेवा कार्य शुरू किया है तो मेरी बीमारी कहां गई पता ही नहीं चला।

कहीं नहीं देखी ऐसी सेवा भावना

मोहाली निवासी मलकीत सिंह पुत्र करनैल सिंह ने बताया कि डेरा अनुयायियों की सेवा भावना काबिले तारीफ है। डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों द्वारा साध-संगत के लिए हर व्यवस्था का इंतजाम अच्छे से किया गया। ट्रैफिक व्यवस्था, पानी व्यवस्था व दिव्यांगों को लाने व ले जाने के लिए हर तरह के इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था मैंने आज तक कहीं और नहीं देखी।

 

 

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