नालागढ़ नामचर्चा में साध-संगत ने पूज्य गुरू जी को किया सजदा, जानें डेरा श्रद्धालुओं ने क्या कहा…

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हिमाचल ही क्या, देश के हर कोने में कहीं न कहीं आज भी जात-पात, ऊंच-नीच की कुरितियाँ मौजूद हैं। ये सामाजिक बुराई जब तक देश में है, इंसान को जानवर ही समझा जाएगा। लेकिन मैं खुद पर गर्व महसूस करता हूँ कि मैं ऐसे समाज का हिस्सा नहीं हूँ। क्यों कि मैं सर्व धर्म संगम डेरा सच्चा सौदा का अनुयायी हूँ। मेरा एक ऐसा महान ह्यगुरुह्ण है जो सभी धर्मों का सत्कार करता भी है और अपने अनुयायियों को भी करने की शिक्षा देता है। पूरे विश्व में सिर्फ और सिर्फ डेरा सच्चा सौदा ही ऐसी संस्था है जहां हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी धर्मों के लोग एक साथ बैठकर राम-नाम की चर्चा करते हैं।
-अमर सिंह, नाहन


पूज्य गुरु जी के मिशन पर होने के बावजूद भी डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत 139 मानवता भलाई कार्यों को करने में जुटी हुई है। इसलिए देश व प्रदेश में भाईचारा खराब करने वाले लोंगो को यह हजम नहीं हो रहा। इसलिए वह बार-बार साध-संगत की एकता को तोड़ने के लिए षड़यंत्र रच रहे है। लेकिन साध-संगत को अपने गुरु के प्रति चट्टान की तरह अटूट विश्वास है। कोई भी ताकत हमारा विश्वास तोड़ नहीं सकती। साध संगत मानवता भलाई के कार्य पहले से बढ़ चढ़कर कर रही है और करती रहेगी।
-शीतल इन्सां, सोलन, हिमाचल प्रदेश


जैसे ही मुझे पता चला कि नालागढ़ सोलन में आज विशाल नामचर्चा का आयोजन किया जा रहा है तो मेरी खुशी का ठीकाना नहीं रहा। साध-संगत का विश्वास अपने सच्चे सतगुरु जी पर दृढ़ था, है और आगे भी बरकरार रहेगा। आज की नामचर्चा में अंत तक दूर-दूर से साध-संगत का आना लगातार जारी था। डेरा श्रद्धालुओं का सैलाब इस कदर नाच-गाकर नामचर्चा में पहुंच रहा कि यहां पंडाल भी छोटे पड़ गए।
-अनीता इन्सां, सोलन , हिमाचल प्रदेश


पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने हमें मानवता भलाई के 139 कार्य सिखाए हैं, जिनमें गरीबों को राशन देना, निराश्रयों के मकान बनाना, रक्तदान, जरूरतमंद परिवारों की बेटियों की शादियों में आर्थिक सहयोग देना आदि शामिल हैं। कुछ लोग साध-संगत की एकता को तोड़ने की साजिशें रच रहे हैं, जो अपनी बुरी मंशाओं में कभी सफल नहीं होंगे। हमारा अपने सतगुरु जी पर पूरा दृढ़ विश्वास है और हमेशा कायम रहेगा।
-कंचन इन्सां नालागढ़ , हिमाचल प्रदेश


संत पूरी दुनिया ही नहीं बल्कि त्रिलोकियों का उद्धार करने आते हैं। इतिहास गवाह है जब-जब संतों ने इस धरा पर बुराइयों को खत्म करने के लिए कदम बढ़ाए तो बुराई से जुड़े लोगों ने हमेशा उनकी खिलाफत की है। लेकिन बुराई से जुड़े इन लोगों को हमेशा मुंह की खानी पड़ी है। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने इस घोर कलियुग में इन्सानियत के ऐसे बेमिसाल कार्य किए हैं, जो किसी अजूबे से कम नहीं हैं। लेकिन कुछ लोग साध-संगत की एकजुटता को तोड़ने के लिए अफवाहें फैला रहे हैं, लेकिन ऐसे खुराफाती कभी सफल नहीं होंगे। हम युवा पीढ़ी को बुराइयों से निकालकर देशभक्ति और गुरु प्रेम सिखाने के लिए पूज्य गुरु जी का अरबों खरबों बार शुक्रिया।
-मोहित इन्सां, नालागढ़, सोलन


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