नई दिल्ली । कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष घोषित कर दिया है। पार्टी ने रविवार को यहां बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष बनाने को मंजूरी दी है। पार्टी ने इसके अलावा पंजाब में चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किये हैं। ये संगत सिंह गिलजियां, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा हैं। ये सभी नियुक्तियां तत्काल प्रभावी होंगी। पार्टी ने सुनील जाखड़ के स्थान पर सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की जिम्मेदारी सौंपी है। आपको बता दें कि कुलजीत सिंह नागरा जो कि अभी सिक्किमए नागालैंड और त्रिपुरा के एआईसीसी इंचार्ज हैं। वह इस पद से मुक्त हो जाएंगे।
बता दें कि पंजाब के पटियाला में जन्मे नवजोत सिंह सिद्धू साल 1983 से 1999 तक टीम इंडिया का हिस्सा रहे। वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेल कर डेब्यू करने वाले सिद्धू ने कुल 51 टेस्ट मैच और 136 वनडे मैच खेले हैं। उन्होंने टेस्ट में 3202 तो वनडे में 4413 रन बनाए हैं। वहीं, राजनीति में भाजपा के बाद कांग्रेस में आने वाले सिद्धू को कांग्रेस आलाकमान का करीबी माना जाता रहा है।
सुखविंदर सिंह डैनी
पार्टी आलाकमान द्वारा नियुक्त कार्यकारी अध्यक्षों में एक सुखविंदर सिंह डैनी हैं। सुखविंदर सिंह डैनी माझा क्षेत्र से आने वाले पार्टी के दलित नेता हैं। दलित वोटरों को लुभाने के लिए कांग्रेस ने ये दाव खेला है। डैनी का जन्म साल 1977 में हुआ था। सुखविंदर पहली बार साल 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने हैं। वे साल 2009 में फरीदकोट सीट से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। डैनी साल 2005 से 2014 तक यूथ कांग्रेस का वाइस प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं।
कुलजीत नागरा
पंजाब के मालवा क्षेत्र से आने वाले कुलजीत सिंह नागरा जाट सिख हैं। वे साल 2012 और 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव जीते थे। साल 1995 से लेकर 1997 तक नागरा पंजाब यूथ कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी रहे। फतेहगढ़ साहिब से पिछले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले कुलजीत का जन्म साल 1965 में हुआ था। वे पेशे से बिजनेसमैन भी हैं और राजनीतिक, सामाजिक आदि चीजों में दिलचस्पी रखते हैं। इन सबके अलावा कुलजीत नागरा पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के चेयरमैन और प्रेसिडेंट सहित कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं।
पवन गोयल
पवन गोयल मालवा क्षेत्र से आते हैं। माना जा रहा है कि इन सभी की नियुक्ति जाति संतुलन बनाने की कोशिश है। अगले साल पंजाब में कई अन्य राज्यों के साथ विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसी के चलते ये बदलाव हुए हैं।
संगत सिंह गिलजियां
संगत सिंह गिलजियां पंजाब के दोआबा क्षेत्र के पिछड़े समुदाय से आते हैं। वे पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक भी लगा चुके हैं। संगत सिंह ने साल 2007, 2012 और फिर 2017 में विधानसभा चुनाव जीता। गिलजियां पंजाब लैंड यूज एंड वेस्ट बोर्ड के डायरेक्टर, एआईसीसी और पीपीसीसी के सदस्य, गिलजियां गांव के सरपंच रह चुके हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह को किया नजरअंदाज
नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाना सीएम कैप्टन अमरिन्दर के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। एक ओर जहां इसे हाईकमान द्वारा राज्य की सियासत में कैप्टन के कद घटाने के प्रयास को तौर देखा जा रहा है। दूसरी ओर उनके चहेते नेताओं विजय इंदर सिंगला और संतोष चौधरी को कार्यकारी अध्यक्षों की सूची में स्थान न दिए जाने के भी अलग मतलब निकाले जा रहे हैं।
वहीं कुछ राजनीतिक जानकारों का तो यहां तक कहना है कि कांग्रेस हाईकमान ने जिस तरह से कैप्टन अमरिन्दर सिंह को कमतर आंकते हुए सिद्धू पर भरोसा जताया है, उससे पार्टी के पुराने नेताओं में साफ संदेश जाएगा कि अब पार्टी हाईकमान उनसे भी किसी भी वक्त किनारा कर सकती है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी के भीतर आपसी फूट बढ़ने और कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाने से चुनौतियां बढ़ने की आशंकाएं बलवती होती जा रही हैं।