इस्लामाबाद: नवाज शरीफ मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने वह पिटीशन सुनवाई के लिए मंजूर कर ली है, जिसमें पूर्व पीएम और उनके बच्चों को विदेश जाने की इजाजत नहीं देने की मांग की गई है। पिटीशन में पीएम पद से हटाए गए शरीफ और उनकी फैमिली मेंबर्स का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) में डालने और उनके खाते फ्रीज करने की अपील की गई है।
पाक सुप्रीम कोर्ट में भी दायर हुई है पटीशन | ECL
शरीफ, उनके फैमिली मेंबर्स और इशाक डार का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डालने की मांग को लेकर एक पटीशन पाक सुप्रीम कोर्ट में भी दायर की गई है। पिटिशनर ने आशंका जताई है कि ये लोग देश से फरार हो सकते हैं। पिटिशनर ने इनके खाते फ्रीज करने और इनसे पैसे जब्त कर देश के खजाने में जमा करने का आदेश देने की भी मांग की है।
क्या है पनामा पेपर्स लीक? | ECL
- दुनियाभर के 140 नेताओं और सैकड़ों सेलिब्रिटीज ने टैक्स हैवन कंट्रीज में पैसा इन्वेस्ट किया।
- इनमें नवाज शरीफ का भी नाम शामिल है।
- इन सेलिब्रिटीज ने शैडो कंपनियां, ट्रस्ट और कॉरपोरेशन बनाए और इनके जरिए टैक्स बचाया।
- लीक हुए डॉक्युमेंट्स खासतौर पर पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और बहामास में हुए इन्वेस्टमेंट के बारे में बताते हैं।
- सवालों के घेरे में आए लोगों ने इन देशों में इन्वेस्टमेंट इसलिए किया, क्योंकि यहां टैक्स रूल्स काफी आसान हैं
- क्लाइंट की आइडेंडिटी का खुलासा नहीं किया जाता।
- पनामा में ऐसी 3.50 लाख से ज्यादा सीक्रेट इंटरनेशनल बिजनेस कंपनियां हैं।
पनामा मामले की जांच करने वाली ज्वाइंट इन्वेस्टिगेशन टीम (जेआईटी) ने अपनी फाइनल रिपोर्ट में कहा कि 1990 में पीएम के तौर पर अपने दूसरे टेन्योर में शरीफ की फैमिली ने लंदन में प्रॉपर्टीज खरीदी थीं। शरीफ फैमिली के लंदन के 4 अपार्टमेंट से जुड़ा मामला उन 8 मामलों में शामिल है जिनकी नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने दिसंबर 1999 में जांच शुरू की थी। शरीफ की विदेश में इन प्रॉपर्टीज का खुलासा तब हुआ, जब लीक हुए पनामा पेपर्स में दिखाया गया कि इनका मैनेजमेंट शरीफ के परिवार के मालिकाना हक वाली विदेशी कंपनियां करती थीं।
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