महा परोपकार माह की खुशी में न्यूजीलैंड के डेरा श्रद्धालुओं ने लगाया रक्तदान शिविर

ऑक्लैण्ड (न्यूजीलैण्ड) (रणजीत इन्सां)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए न्यूजीलैण्ड की साध-संगत द्वारा महा परोपकार माह की खुशी में (New Zealand blood donation camp) रक्त शिविर का आयोजन किया गया जिसमें साध-संगत ने बड़ी मात्रा में खून व प्लाज्मा दान किया। जिम्मेवार भाई गुरमिंदर इन्सां ने जानकारी देते हुए बताया की यह रक्त शिविर आॅकलैंड के साऊथ में स्थित ” मनुकाउ ब्लड डोनर सेंटर ” में लगाया गया जिसमें साध-संगत ने पूरे जोश व जज्बे के साथ 9 यूनिट ब्लड व 7 यूनिट प्लाज्मा दान किया।

रक्तदान शिविर की मुख्य बातें

  • ऑक्लैण्ड के बाहर के शहरों में भी संगत ने अलग अलग डोनर सेंटरों में जाकर रक्त व प्लाज्मा दान किया।
  • ऑक्लैण्ड के साथ-साथ दुसरे शहरों की गिनती को मिलकर कुल 12 यूनिट ब्लड व10 यूनिट प्लाज्मा दान किया गया।
  •  न्यूजीलैण्ड ब्लड सर्विसेज की और से पूरे  देश में रक्त व प्लाज्मा दान करने का आह्वान
  •  इस साल के अंत तक 7000 यूनिट प्लाज्मा की जरूरत है।
  • न्यूजीलैण्ड की साध संगत यहाँ की ब्लड सर्विसेज के संपर्क में है ।
  • इस बड़ी डिमांड को पूरे करने के लिए पूरा सहयोग कर रही है।

रक्तदान शिविर | New Zealand blood donation camp

उन्होंने बताया की यह आंकड़ा सिर्फ आॅकलैंड स्टेट का है जबकि ऑक्लैण्ड के बाहर के शहरों में भी साध-संगत ने अलग अलग डोनर सेंटरों में जा कर रक्त व प्लाज्मा दान किया है। जिसमे मुख्यता tauranga शहर में 1 यूनिट ब्लड व 1 यूनिट प्लाज्मा , हैमिलटन शहर में 1 यूनिट ब्लड , वेलिंगटन शहर में 1 यूनिट ब्लड , 1 यूनिट प्लाज्मा , पामेसटन नार्थ में एक यूनिट प्लाज्मा दिन किया गया है और इस तरह ऑक्लैण्ड के साथ-साथ दुसरे शहरों की गिनती को मिलकर कुल 12 यूनिट ब्लड व 10 यूनिट प्लाज्मा दान किया गया है।

आइयें, जानते हैं रक्तदान के फायदे: New Zealand blood donation camp

रक्तदान से हार्ट अटैक की संभावना कम होती है। क्योंकि रक्तदान से खून का थक्का नहीं जमता, इससे खून कुछ मात्रा में पतला हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा टल जाता है।
डेढ़ पाव रक्तदान करने से आपके शरीर से 650 कैलोरीज कम होती है।
आयरन की मात्रा को बैलेंस करने से लिवर हैल्थी बनता है और कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
रक्तदान से शरीर में एनर्जी आती है। क्योंकि रक्तदान के बाद नया ब्लड सेल्स बनते हैं, जिससे शरीर में तंदरूस्ती आती है।
रक्तदान करने से वजन कम करने में मदद मिलती है। इसलिए हर साल कम से कम 2 बार रक्तदान करना चाहिए।

रक्त कौन दे सकता है? New Zealand blood donation camp

ऐसा प्रत्येक पुरूष अथवा महिला:-

जिसकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच हो।
जिसका वजन (100 पौंड) 48 किलों से अधिक हो।
जो क्षय रोग, रतिरोग, पीलिया, मलेरिया, मधुमेंह, एड्स आदि बीमारियों से पीड़ित नहीं हो।
जिसने पिछले तीन माह से रक्तदान नहीं किया हो।

कितना रक्त लिया जाता है?

प्रतिदिन हमारे शरीर में पुराने रक्त का क्षय होता रहता है ओर प्रतिदिन नया रक्त बनता रहता है।
एकबार में 350 मिलीलीटर यानि डेढ़ पाव रक्त ही लिया जाता है (कुल रक्त का 20वां भाग)
शरीर 24 घंटों में दिए गए रक्त के तरल भाग की पूर्ति कर लेता है।
ब्लड बैंक रेफ्रिजरेटर में रक्त 4-5 सप्ताह तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

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