अब सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की सेहत बनाने पर होगा फोकस, मिलेगा पोषण युक्त चावल

सच कहूँ/सुनील वर्मा, सरसा। सरकारी स्कूलों में मिलने वाले मिड-डे-मील बैंक अकाउंट बंद करवा दिए हैं। शिक्षा विभाग मिड-डे-मील के नए वर्चुअल खाते खुलवाएगा और पायलट स्कीम चलाएगा। इस स्कीम के तहत बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें एफसीआई की ओर से सामान्य चावल की जगह पोषण युक्त चावल दिया जाएगा। वहीं, वर्चुअल खातों में विभाग मिड-डे-मील की राशि के इस्तेमाल को अकाउंट खोलकर देख सकेंगे। यह प्रोसेस मिड-डे-मील ग्रांट के रुपयों के इस्तेमाल में पारदर्शिता बरतने के लिए लागू की गई है। बता दें कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मिड डे मील दिया जाएगा। जिसके तहत जिले में 840 स्कूलों में मिड-डे-मील राशन दिया जाता है।

कुपोषण से बचाने के लिए दिया जाएगा चावल

सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग द्वारा पायलट स्कीम के जरिए बच्चों को एफसीआई की ओर से दिए जाने वाले पोषणयुक्त चावलों में आयरन, विटामिन बी-12, फालिक एसिड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं। इन चावलों का सेवन विद्यार्थियों को कुपोषण से बचाएगा। पोषणयुक्त चावलों में जरूरी पोषक तत्व, विटामिन और खनिज की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है। अब बच्चों को पोषणयुक्त आटे के साथ पोषणयुक्त चावल भी मिलेंगे। सरकारी स्कूलों में प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों को 100 ग्राम चावल व मिडिल स्तर के विद्यार्थियों को 150 ग्राम दिए जा रहे हैं।

विद्यार्थियों को मिल रहा सूखा राशन

कोरोना काल में सरकार ने सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील में खाना बंद करवा कर दिया। विद्यार्थियों को सूखा राशन दिया जा रहा है। इस सूखे राशन में विद्यार्थियों को चावल व आटा मिलता था, लेकिन अब शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील के खाते बंद करने के आदेश जारी किए थे।

विभाग की रहेगी सीधी नजर

शिक्षा विभाग ने पुराने फिजिकल मिड-डे-मील के खातों को बंद करवा दिए हैं। नए वर्चुअल अकाउंट खोलने की प्रक्रिया चल रही है। इससे विभाग के पास वर्चुअल खातों में डाली पूरी राशि की जानकारी रहेगी। इन खातों के जरिए मिड-डे-मील की राशि के एक-एक रुपये का सीधा हिसाब विभाग के पास रहेगा। इससे पता चल सकेगा कि किस स्कूल ने राशि के कितने रुपये कहां इस्तेमाल किए हैं, जबकि पुराने खातों के जरिए विभाग को हर जिले के हर स्कूल से अकाउंट की जानकारी मांगनी पड़ती थी। अब वर्चुअल अकाउंट खुलने से मिड-डे-मील राशि के इस्तेमाल में पूरी तरह से पारदर्शिता रहेगी।

सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को अभी सूखा राशन ही दिया जा रहा है। स्कूलों के विद्यार्थियों की सेहत बनाने के लिए पोषण युक्त चावल भी दिया जाएगा। स्कूलों के मिड डे मील के बैंक खातों को बंद करवा दिया है। अब वर्चुअल अकाउंट खुलने से मिड-डे-मील राशि के इस्तेमाल में पूरी तरह से पारदर्शिता रहेगी।

आत्मप्रकाश मेहरा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, सरसा।

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