DAP Fertilizer Distributed Case: पासबुक में केवल पैसों का लेनदेन करने वालों को मिल रहे 2 बैग खाद, किसान बोले, हमें एनपीके नहीं डीएपी चाहिए

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पैक्स से सही लेनदेन करने वाले किसानों को मिली 5-5 बैग खाद

DAP Fertilizer Distributed Case: ओढां (सच कहूँ/राजू)। सरकार द्वारा प्रदेश में डीएपी की कमी न होने की बात कही जा रही है, लेकिन किसान पिछले काफी दिनों से डीएपी को लेकर कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। सुबह से लेकर शाम तक सहकारी समितियों व विक्रय केन्द्रों के बाहर किसान खाद के लिए लाइनों में खड़े रहे। Sirsa News

ओढां की सहकारी समिति में बीते दिन 660 बैग डीएपी व 500 बैग एनपीके खाद पहुंची। मंगलवार को किसानों को लाइन में खड़े होकर अपनी बैंक कॉपी व आधार कार्ड दिखाकर 5-5 बैग खाद दी गई। पैक्स प्रबंधक कुलविन्द्र सिंह ने बताया कि जिन किसानों की खाद की पासबुक बनी हुई है और जिनका पैक्स के साथ लेनदेन सही है उन्हें 3 बैग डीएपी व 2 बैग एनपीके सहित 5 बैग खाद प्राथमिकता के आधार पर दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिन किसानों की पासबुक पर केवल पैसों का लेनदेन होता है उन्हें 2 बैग खाद दी जा रही है।

पैक्स प्रबंधक ने बताया कि गांव नुहियांवाली के सैल प्वाइंट पर 500 बैग तथा मिठड़ी सैल प्वाइंट पर 500 बैग एनपीके आई है। उन्होंने बताया कि जो अन्य सैल प्वाइंट हैं उन पर बुधवार तक खाद पहुंचने की उम्मीद है। बता दें कि जिला में अब तक 24 हजार एमटी डीएपी का वितरण हो चुका है, लेकिन किसानों की कतार कम होने की बजाय बढ़ रही है। डीएपी के अभाव में किसान मजबूरन एनपीके की सहायता से बिजाई कर रहे हैं।

एनपीके के सहारे करनी पड़ रही बिजाई | Sirsa News

नुहियांवाली के किसान राधाकिशन, सुनील सहारण, डॉ. जगदीश सहारण, सीताराम नेहरा, दलीप नेहरा आदि ने बताया कि गेहूं की बिजाई के लिए भूमि बिल्कुल तैयार है, लेकिन पर्याप्त मात्रा में डीएपी के अभाव में बिजाई नहीं हो पा रही। अगर शीघ्र ही डीएपी नहीं मिली तो गेहूं के लिए तैयार की गई भूमि की नमी सूख जाएगी। किसानों ने बताया कि जो तेलीय फसलें हैं उनमें तो एनपीके खाद का उपयोग सही है, लेकिन गेहूं की बिजाई में डीएपी की ही आवश्यकता होती है। लेकिन डीएपी के अभाव में मजबूरन एनपीके के सहारे बिजाई करनी पड़ रही है।

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