पंचायत चुनाव: बादल अपने गांव में बुरी तरह हारे

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बठिंडा (एजेंसी)। इस बार के ग्राम पंचायत चुनाव राजनीतिक परिवारों के लिए काफी उलट फेर वाले रहे। खासकर पूर्व मुख्यमंत्री परकाश सिंह बादल के लिए चुनाव नतीजे बेहद चौंकाने वाले रहे। परकाश सिंह बादल के गांव बादल में शिअद प्रत्याशी बादल परिवार के दूर के रिश्ते में पोते लगते उदयवीर सिंह बादल को कांग्रेस के प्रत्याशी जबरजंग सिंह उर्फ मोखा बराड़ ने 376 वोटों के अंतर से शिकस्त देकर पूरे पंजाब की राजनीति को चकित कर दिया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेशइंदर सिंह बादल समर्थित कांग्रेस के उम्मीदवार एक सामान्य किसान परिवार से संबंध रखते हैं। बादल परिवार के लिए राहत की खबर बस इतनी है कि परकाश सिंह बादल के ससुराल गांव चक्क फतेह सिंह वाला के लोगों ने अकाली दल के उम्मीदवार को सरपंची की जिम्मेदारी सौंपी है। यहां अकाली दल के विधायक रहे स्वर्गीय बलवीर सिंह के बेटे अमरिंदर सिंह ने विरोधी हरमेल सागर को 150 वोटों के अंतर से हराकर सरपंच पद पर जीत प्राप्त की है।

इन रसूखदारों के गांवों में हुई सर्वसम्मति :

मालवा में पक्ष तथा विपक्ष के नेताओं में कई महत्वपूर्ण चेहरों में शामिल अधिकतर कांग्रेस नेताओं तथा कुछ एक आप के नेताओं से संबंधित गांवों में सर्वसम्मति होती नजर आई। इसमें कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय हरचरण बराड़ के गांव सराय नागा में सरपंच पद पर सर्वसम्मति से उनके पोते करनबीर बराड़ गांव के सरपंच चुने गए। पंचायत में एक पंच के बाकी रहते चुनाव को भी कांग्रेस पार्टी जीतने में कामयाब रही।

इसी तरह पंजाब प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रधान तथा कांग्रेस सांसद सुनील जाखड़ के गांव पंचकोसी में भी सर्वसम्मति से पंचायत चुनी गई। 25 साल बाद गांव में सर्वसम्मति से चुनी गई इस पंचायत में ओम प्रकाश धानक सरपंच चुने गए, जो जाखड़ परिवार के काफी नजदीक हैं। इसी तरह कांग्रेस सरकार में बिजली मंत्रालय संभाल रहे गुरप्रीत सिंह कांगड़ के गांव कांगड़ में भी सर्वसम्मति हुई तथा वहां भी उनके करीबी माने जाते गुरप्रताप सिंह सरपंच पद पर काबिज होने में कामयाब रहे हैं।

वहीं आप के मानसा से विधायक नाजर सिंह मानशाहीया के गांव मानसा खुर्द में भी वह सर्वसम्मति करने में कामयाब रहे। वहीं फिरोजपुर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राणा गुरमीत सोढ़ी के गांव मोहन के उताड़ में भी सर्वसम्मति से पंचायत बनी तथा आरक्षित सीट पर सरपंच जसवीर सिंह काबिज हुए, जो उनके काफी करीबी हैं।

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