हथियारों की नोक पर ट्रक चालकों से लूटपाट करने वाले दो गिरफ्तार

Patiala Police

गिरफ्तार आरोपी अब तक 11 वारदातों को दे चुके हैं अंजाम | Patiala Police

पटियााला(खुशवीर सिंह तूर)। पटियाला पुलिस(Patiala Police) की ओर से हाईवे से हथियारों की नोक पर ट्रक चालकों से पैसे छीनने वाले दो युवकों को काबू किया गया है। इस संबंधी जानकारी देते जिला पुलिस प्रमुख मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि सीआईए के एएसआई जसपाल सिंह की ओर से पुलिस पार्टी सहित अंडरब्रिज पुल सेरमाजरा में नाकाबंदी दौरान मुखबर के सूचना पर भारत भूषण उर्फ गुसी और अमित कुमार उर्फ मीतू को काबू किया गया। इनकी तरफ से पूछताछ दौरान पंजाब व हरियाणा में लूटपाट की 11 वारदातों को अंजाम दिया गया है।

भारत भूसन उर्फ गुसी के खिलाफ साल 2013 में नशीले पदार्थ का थाना कोतवाली नाभा में मामला दर्ज हुआ था। जिसमें 10 साल की सजा हुई थी अब यह जेल से जमानत पर बाहर आया है। उन्होंने बताया कि इनकी तरफ से पटियाला से भवानीगढ़ रोड पर 4 ट्रक ड्राईवरों को रोककर उनसे हथियारों की नोक पर पैसे, एटीएम व सोने की अंगूठियां आदि छीनते थे व इन्होंने कुछ चालकों से छीने हुए एटीएम के कोड लेकर कुछ पैसे भी निकलवा लिए थे।

आरोपियों का पुलिस रिमांड हासिल कर गहराई से की जाएगी पूछताछ डीएसपी

इनकी तरफ से एक वारदात चीका से समाना रोड पर चालक से पैसों की छीनने की है। इसके अलावा समाना रोड, पासी रोड पटियाला, अबलोवाल, मल्लोमाजरा व सरहन्द से अरबन अस्टेट बायपास जाते व्यक्तियों को रोककर उनसे पैसों की लूट संबंधी भी स्वीकार किया है। इनकी तरफ से अधिक वारदातें मैन हाईवे पटियाला से भवानीगढ़ पर ट्रक चालकों को सफेद रंग के अपाचे मोटरसाईकिल पर सवार होकर दी जाती थी।

उन्होंने बताया कि आरोपियों को अदालत में पेश करने उपरांत पुलिस रिमाड हासिल कर और गहराई से पूछताछ की जाएगी, जिससे छीन गए पैसों की बरामदगी करवाई जा सके। इस मौके डीएसपी सुखविन्दर सिंह चौहान और सीआईए इंचार्ज इंस्पेक्टर शमिन्दर सिंह मौजूद थे।

पुलिस कर्मचारी बता कर रोकते थे वाहन चालकों को

एसएसपी ने बताया कि यह दोनों मोटरसाईकिल पर सवार होकर दिन के समय हाईवे पर जाते थे व ट्रक ड्राईवरों व अन्य वाहनों वाले व्यक्तियों को अपने आप को सिविल कपड़ों में पुलिस कर्मचारी बताकर रोकते। उनको कहते कि किसी आदमी का पैसों वाला पर्स गिर गया है, जो आपके पास है चैक करवाओ। पैसों और बैंक की मोहर लगी है। जब वह व्यक्ति अपना पर्स निकालकर पैसे दिखाता था तो यह पर्स छीनकर फरार हो जाते थे। इसी तरीके से ही सोने की लूट को अंजाम देते थे।

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