नई दिल्ली (एजेंसी)। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में भारी बढ़ोत्तरी के बावजूद देश में करीब तीन महीने से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं आया है। लेकिन यह स्थिति ज्यादा दिनों तक ऐसी रहने वाली नहीं दिख रही है। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के बाद देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में भारी उछाल आ सकता है। सोमवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 94 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई। जब कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन ने दस्तक दी थी तो कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई थी।
एक दिसंबर को इसकी कीमत 69 डॉलर पर आ गई थी, जो चार नवंबर को 81 डॉलर थी। लेकिन ओमीक्रोन का खतरा कम होते ही इसमें फिर तेजी आई है। यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव भी इसका प्रमुख कारण है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में चार नवबंर के बाद 12 डॉलर प्रति बैरल यानी 15 फीसदी की तेजी आई है जबकि इस दौरान देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
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