मनमर्जी के प्रकाशकों की पुस्तकें नहीं लगा सकेंगे निजी स्कूल

Private schools will not be able to keep publishers' books of their own free will

शिक्षा विभाग ने जारी किए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें ही पढ़ाने के आदेश जारी

भिवानी (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से जुड़ी पुस्तकें लागू करने के आदेश जारी किए हैं। अब निजी स्कूल अपनी मनमर्जी से निजी प्रकाशकों की पुस्तकों को बच्चों पर नहीं थोप पाएंगे और मोटा मुनाफा नहीं कमा पाएंगे। इसी को लेकर वर्ष 2016 से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में भी मामला विचाराधीन चल रहा है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हाई कोर्ट में यह दलील दी थी कि अधिकांश निजी स्कूल अपने मुनाफे व स्वार्थ के लिए निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लागू कर रहे हैं।

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि 2016 में कुछ निजी स्कूल संगठन ने उनके स्कूलों में प्राइवेट प्रकाशकों की पुस्तकें लागू किए जाने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसी मामले में संगठन की तरफ से भी निजी प्रकाशकों की इस मांग को गलत ठहराया गया था। फिलहाल ये मामला अभी भी हाई कोर्ट में विचाराधीन चल रहा है। लेकिन अब हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय पंचकूला ने सभी निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें लागू किए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं। सैकेंडरी निदेशालय ने ये आदेश प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को दिए हैं।

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश सचिव भारत भूषण बंसल ने बताया कि हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने सभी निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें अनिवार्य रूप से लागू करने के आदेश अभिभावकों की लंबी लड़ाई की जीत है। सरकार ने अभिभावकों के लिए ये बेहतर कदम उठाया हैं, अब शिक्षा निदेशालय निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से जुड़ी पुस्तकों को सख्ती से लागू कराए, ताकि अभिभावकों को राहत मिले।

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