वित्तीय संकट में पंजाब सरकार: नए विकास कार्यों और सामान की खरीद पर लगाई रोक

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पंजाब सरकार के खजाने में सिर्फ 540 करोड़ रुपए, जबकि देनदारियां करीब 35 हजार करोड़ | Financial Crisis

  • टैक्स से 113852.75 करोड़ का टारगेट, पर नवंबर तक 26131.84 की आमदनी हुई

चंडीगढ़ (सच कहूँ/ अश्वनी चावला)। प्रदेश में (Financial Crisis) वित्तीय संकट से जूझ रही पंजाब सरकार ने हालत सुधारने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। सरकार ने प्रदेश में नए विकास कार्यों और साजो-सामान की खरीद पर रोक लगा दी गई है। मंगलवार को जारी एक पत्र के अनुसार वित्त विभाग ने प्रदेश में वेतन, पेंशन, बिजली के बिल और कर्ज की अदायगी को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की सरकारी खरीद में 20 फीसदी की कटौती करने का फैसला ले लिया है। इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वित्त विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

असल में नवंबर के अंत में आई सुर्खियों के मुताबिक पंजाब में आर्थिक संकट गहरा चुका है। हालत ये है कि सरकार के खजाने में अभी केवल 540 करोड़ रुपए हैं, जबकि सरकार की देनदारियां करीब 35 हजार करोड़ की हैं। सरकार पर चालू वित्त वर्ष के दौरान वेतन, पेंशन और ब्याज पर 52,274 करोड़ की देनदारियां थीं। फिस्कल इंडिकेटर के अनुसार 7 महीने में 17260.45 करोड़ दिए गए। बाकी 5 महीने में 35013.55 करोड़ की देनदारी बाकी है। इनमें से कर्मचारियों के डीए और एरियर का ही 60 करोड़ के अलावा 5 हजार करोड़ के कई बिल भी पेंडिंग पड़े हैं। वहीं, सरकार पर 2.13 लाख करोड़ कर्ज है और इसके ब्याज के तौर पर हर साल 4781.31 करोड़ देने पड़ रहे हैं।

सरकार को आमदन कम होने की वजहें | Financial Crisis

जहां तक आमदन कम होने की वजह की बात है, पंजाब सरकार ने बजट में विभिन्न टैक्स से होने वाली आमदनी का लक्ष्य 113852.75 करोड़ रखा था, पर अभी तक 26131.84 करोड़ ही मिले हैं। यदि यह 4100 करोड़ समय पर मिल जाते तो ऐसी नौबत नहीं आनी थी। इसके अलावा सरकर ने 2019-20 में लोन रिकवरी का 15685.18 करोड़ का लक्ष्य रखा था, लेकिन अगस्त तक केवल 312.46 करोड़ रुपए की ही रिकवरी हो पाई।

अब नई प्लानिंग हो रही| Financial Crisis

  • अब खराब वित्तीय हालत को संभालने के लिए वित्त विभाग ने खर्चों में कटौती के नए उपाय तलाशे हैं।
  • जिनके संबंध में जारी प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने मोहर लगा दी है।
  • वित्त विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है ।
  • वर्ष 2019-20 के दौरान कोई नया विकास कार्य शुरू नहीं किया जाएगा।
  • केवल उन्हीं विकास कार्यों को पूरा किया जाएगा, जो इस समय चल रहे हैं।
  • नए टेंडर भी जारी नहीं किए जाएंगे, लेकिन किसी आपात स्थिति में अगर कोई विभाग टेंडर जारी करना चाहे
  • उसे वित्त विभाग से मंजूरी लेनी होगी।
  • इसके अलावा सभी सरकारी विभाग किसी प्रकार का साजो-सामान भी नहीं खरीद सकेंगे।
  • विभाग ने वेतन, पेंशन, बिजली के बिल और कर्ज की अदायगी को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की सरकारी खरीद में 20 फीसदी की कटौती करने का फैसला ले लिया है।

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