परिजनों ने सिविल अस्पताल का किया घेराव

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अस्पताल में प्रसूता के प्रसव दौरान हुई मौत का मामला

अबोहर (नरेश बजाज)। स्थानीय सिविल अस्पताल में गत रात्रि एक प्रसूता के प्रसव के बाद हुई मौत के बाद मृतका के परिजनों ने बुधवार को सरकारी अस्पताल में सिविल प्रशासन के खिलाफ धरना लगा दिया व डॉक्टरी स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इधर सिविल अस्पताल के डॉक्टरों व स्टाफ ने आए दिन सिविल प्रशासन के खिलाफ लगाए जाने वाले धरने के विरोध में अपना मोर्चा खोलते हुए अपना कामकाज ठप्प करके धरना लगा दिया।

परिजनों ने डॉक्टरी स्टाफ के खिलाफ की कड़ी कार्यवाही करने की मांग

इधर माहौल को तनावपूर्ण देखते हुए एसडीएम पूनम सिंह, सिविल सर्जन डॉ. सुरेन्द्र सिंह, डीएसपी गुरबिंदर सिंह, तहसीलदार जैतकंवर, नायब तहसीलदार बलजदिंर सिंह व भारी पुलिस मौके पर पहुंच गई और दिन भर अस्पताल में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही।

जानकारी अनुसार खुईयां सरवर निवासी तथा देहाती मजूदर सभा के सचिव गुरमेज की गेजी की करीब 30 वर्षीय पुत्रवधू सुखविंदर कौर पत्नी राज कुमार को प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया, जहां पर 14 अगस्त को प्रसूता का प्रसव किया गया, इस दौरान प्रसूता ने एक बच्ची को जन्म दिया। लेकिन 15 अगस्त की देर रात्रि प्रसूता की हालत खराब हुई व सुबह करीब 5 बजे उसने दम तोड़ दिया।

सिविल अस्पताल में भारी पुलिस बल तैनात

Protest, Civil Administration, Demand, Hospital, Police, Punjabइधर मृतका की मौत के बाद उसके परिजनों, गांववासियों तथा विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने अस्पताल के डॉक्टरों व स्टाफ पर प्रसूता का सही ईलाज न किए जाने का अरोप लगाते हुए अस्पताल में धरना लगा दिया। धरने के दौरान संबोधित करते हुए वक्ताआें ने कहा कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों तथा नर्सों पर आए दिन भ्रष्टाचार के आरोप लगते आए हैं। इन डॉक्टरों की लापरवाही से पहले भी कई जानें जा चुकी हैं।

आज तक उन मामलों की जांच भी पूरी नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि मृतका रमनदीप कौर के परिजनों को आज तक इंसाफ नहीं मिल पाया और न ही सिविल प्रशासन ने उस मामले की रिर्पोट सार्वजनिक की है। धरनाकारियों ने कहा कि यदि उन्हें इंसाफ न मिला तो संघर्ष को तेज किया जाएगा।

छावनी में तबदील हुआ अस्पताल

कुछ ही समय बाद पूरा अस्पताल छावनी के रूप में तबदील हो गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों तथा अस्पताल के पूरे स्टाफ ने भी कामकाज ठप्प करके धरना शुरू कर दिया, जिससे अस्पताल में आए सैंकडों मरीजों को बिना ईलाज करवाए वापिस लौटना पड़ा। इतना ही नहीं अस्पताल की लैबोरेट्री में ब्लड जांच के लिए लगाए गए दर्जनों सैंपल भी जांच न हो पाने के चलते खराब हो गए।

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