पीआरटीसी चालकों व कंडक्टरों का जीएम के खिलाफ फूटा गुस्सा, की रोड जाम

Protest

मामला। पीआरटीसी बठिंडा डीपू के जरनल मैनेजर द्वारा कर्मचारी नेताओं के साथ की कथित बदसलूकी और सुनवाई न करने का | Protest

  • जिला प्रशासन के दखल उपरांत जीएम के साथ सहमति बनने पर कर्मचारियों ने हटाई बसें

बठिंडा(सच कहूँ/अशोक वर्मा)। पीआरटीसी बठिंडा डीपू के जरनल मैनेजर की ओर से कर्मचारी (Protest) नेताओं के साथ की कथित बदसलूकी और सुनवाई न करने के विरोध में पीआरटीसी के चालकों और कंडक्टरों ने आज बस स्टैंड के मुख्य गेट व राष्ट्रीय सड़क मार्ग पर टेढ़ी बसें खड़ी कर दी, जिसके निष्कर्ष के तौर पर राष्ट्रीय सड़क मार्ग पर यातायात प्रबंध तहस-नहस हो गए हालांकि जिला प्रशासन के दखल उपरांत जीएम के साथ सहमति बनने पर कर्मचारियों ने बसें हटा ली और यातायात बहाल कर दिया परंतु लम्बे समय पड़ी रही रुकावट कारण मुसाफिर भारी मुश्किलों का सामना करते रहे खास तौर पर छोटे बच्चे, महिलाएं, बुजुर्र्गाे व मरीजों के लिए तो जाम मुसीबतें लेकर आया। बस स्टैंड में फंसें सरकारी और प्राईवेट बसें के भी काफी टाईम मिस हो गए, जिस कारण उनको आर्थिक नुक्सान बर्दाश्त करना पड़ा।

मुसाफिरों को करना पड़ा भारी परेशानियों का सामना | Protest

ट्रैफिक पुलिस ने चौंक में से वाहनों को परिवर्तनीे रास्तों के द्वारा निकाला। इस संघर्ष का नेतृत्व कर रहे पीआरटीसी वर्करज यूनियन के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बताया कि जरनल मैनेजर की तरफ से बीते दिनों कुछ फैसले लिए गए हैं। इसी तरह ही कुछ कंडक्टरों को बिना किसी जांच के नौकरियों से निकाल दिया गया है। इन मसलों को लेकर आज यूनियन का करीब 10 सदस्यता वफद जीएम परवीन कुमार के साथ बातचीत के लिए गया था। उन्होंने बताया कि वफद प्रति जीऐम का व्यवहार काफी रूखा व कथित तानशाह जैसा था जिसे लेकर हड़ताल करने की नौबत आई है। उन्होंने बताया कि पहले उन्होंने सिर्फ दो तीन नेताओं के साथ बात करने संबंधी कहा परन्तु संगठन की तरफ से लिए सख़्त स्टैंड कारण जीऐम को वफद के साथ मीटिंग करनी माननी पड़ी।

यह था मामला | Protest

पीआरटीसी वर्कर यूनियन (एटक) के अध्यक्ष प्रतीम सिंह का कहना था कि सोमवार को जीएम ने कुछ आदेश जारी किए थे, जिनका संगठन विरोध कर रही थी । इसी तरह ही बठिंडा डीपू के करीब एक दर्जन कंडक्टरों को फ्रॉड के शक में नौकरियों से निकाल दिया गया है जबकि कुछ मसले मुख्य कार्यालय के साथ सम्बन्धित थे उन्होने बताया कि इन मसलों को लेकर यूनियन का वफद जीएम को मिलने गया था, जिनका व्यवहार सही नहीं था। उन्होंने बताया कि संगठन ने मांगें न माने जाने की सूरत में सख़्त एक्शन की चेतावनी दी थी परंतु जीऐम की तरफ से अनदेखा करने पर जाम लगाना पड़ा है। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों और जीऐम के साथ मीटिंग में मांगों मान ली गई तो यातायात को शुरू करवा दिया गया है।

सहमति बनने पर कर्मचारियों ने उठाया धरना : जीएम | Protest

  • पीआरटीसी बठिंडा डीपू के जरनल मैनेजर परवीन कुमार का कहना था
  • यूनियन नेताओं के साथ मीटिंग दौरान सहमति बनने पर मसला निपटा लिया गया है।
  • मुख्य दफ़्तर के साथ सम्बन्धित मांगों संबंधी उच्च आधिकारियों पत्र लिखा जाएगा,
  • जबकि स्थानीय स्तर की मांगें स्वीकृत कर ली गई हैं।
  • यूनियन की ओर से व्यवहार सम्बन्धित लगाए आरोप सही नहीं हैं।

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