बरगाड़ी केस को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला, पढ़िए पूरी कार्रवाई

‘फरीदकोट नहीं जाएंगे पूज्य गुरु जी, वीडियो कांफ्रेंसिंग से होंगे शामिल’

सच कहूँ/एम.के.शायना

चंडीगढ़। बरगाड़ी बेअदबी केस में माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जहां पंजाब पुलिस की एसआईटी के प्रोडक्शन वारंट पर रोक लगा दी है। साथ ही केस से जुड़ी हर तरह की कार्रवाई में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल होने का फैसला सुनाया। इसके साथ ही साफ हो गया कि एसआईटी किसी भी सूरत में पूज्य गुरु जी को पंजाब नहीं बुला सकती है। इस मामले में माननीय हाईकोर्ट में किस पक्ष ने क्या-क्या तर्क दिए। इसको लेकर सच कहूँ संवाददाता एम.के. शायना ने डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता एडवोकेट जितेन्द्र खुराना इन्सां के साथ विशेष बातचीत की। आइए जानते हैं केस से जुड़े हर पहलु के बारे में।

सवाल : बरगाड़ी केस का पूरा मामला क्या है?

जवाब : पंजाब के बरगाड़ी में बेअदबी को लेकर एफआईआर 63 को लेकर 25 अक्तूबर 2021 को फरीदकोट कोर्ट से पंजाब पुलिस की एसआईटी ने पूज्य गुरु जी के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी करवाए थे। उस प्रोडक्शन वारंट के तहत वो पूज्य गुरु जी को पंजाब में ले जाकर जांच करना चाहते थे। इस प्रोडक्शन वारंट पर रोक लगाने के लिए पूज्य गुरु जी की ओर से माननीय हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। मामले की सुनवाई करते हुए 28 अक्तूबर 2021 को माननीय हाईकोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया था। स्टे लगने के बाद एसआईटी ने दो और एफआईआर में पूज्य गुरु जी का नाम शामिल किया और इसमें वो चालान भी फरीदकोट कोर्ट में दे चुके हैं। दोनों एफआईआर को लेकर हमने उसी पिटीशन के अंदर एक सीएम भी डाली कि जिस तरह से एफआईआर 63 में प्रोडक्शन वारंट पर पर स्टे लगा है, इस मामले में भी स्टे लगाई जाए।
उस मामले को लेकर सोमवार को माननीय हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। माननीय हाईकोर्ट से पंजाब सरकार की मांग थी की कि पूज्य गुरु जी को इन्वेस्टिगेशन में शामिल होने के लिए पंजाब में भेजा जाए। इस पर पूज्य गुरु जी की तरफ से सीनियर एडवोकेट विनोद घई पेश हुए और उन्होंने मजबूती से अपना पक्ष रखा और पूरे केस के बारे में कोर्ट को अवगत करवाया। क्योंकि पहले भी पूज्य गुरु जी के जो केस चल रहे हैं, वीसी के थ्रू ही चल रहे हैं और उसके हाईकोर्ट में आॅर्डर भी पेश किए। दोनों तरफ की बहस सुनने के पश्चात माननीय हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि जो ये तीनों एफआईआर हैं, पंजाब के बरगाड़ी केस की, एफआईआर नंबर 63, एफआईआर 117 और एफआईआर 128, इन तीनों में जब तक ट्रायल चलेगा, पूज्य गुरु जी विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही ट्रायल में पेश होंगे, फिजीकली पूज्य गुरु जी को पंजाब नहीं लाया जाएगा। इस तरह निचली कोर्ट के आदेशों पर माननीय हाईकोर्ट ने पूर्णत: रोक लगा दी है। वहीं अगर इन्वेस्टिगेशन के लिए एसआईटी को पूज्य गुरु जी से कोई पूछताछ करनी है तो वो भी विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही की जाए। पूज्य गुरु जी को इन्वेस्टिगेशन या किसी भी पर्पज के लिए, चाहे उसमें ट्रायल के दौरान कोई स्टेटमेंट रिकॉर्ड करनी है, या चार्ज फ्रेम होने हैं या 313 की स्टेटमेंट होनी है सहित जो भी कार्रवाई होगी वो विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही होगी। फिजीकली पूज्य गुरु जी को पंजाब में नहीं लाया जाएगा, ये माननीय हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए हैं।
अगर इनकेस फरीदकोट कोर्ट को ये लगता है कि किसी स्टेटमेंट के लिए पूज्य गुरु जी की फिजीकली उपस्थिति की उनको जरूरत है तो उसके लिए भी हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि फरीदकोट सीजेएम, डिस्ट्रिक सेशन जज रोहतक को मेल भेजेगा और डिस्ट्रिक्ट सेशन जज रोहतक, सीजेएम रोहतक को नियुक्त करके पूज्य गुरु जी के पास सुनारियां में भेजेंगे। वो वहां जाकर, जो भी कार्रवाई करनी है, वो करके आएंगे और जो सीजेएम वहां जाएंगे वो फरीदकोट कोर्ट के सीजेएम के बराबर अधिकारों के साथ वहां जाएंगे और वहां की कार्यवाही को आगे बढ़ाएंगे। साथ ही माननीय हाईकोर्ट ने पूज्य गुरु जी की ओर से बेल बौंड भी विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भरने के आदेश दिए। इस तरह तीनों केसों में पूज्य गुरु जी को बेल भी मिल गई है।

सवाल : डेरा सच्चा सौदा इतने भलाई के काम कर रहा है, इसके बावजूद पूज्य गुरु जी को बदनाम क्यों किया जा रहा है?

जवाब : देखिए, मानवता भलाई कार्यों में डेरा सच्चा सौदा की ख्याति पूरी दुनिया जानती है। डेरा सच्चा सौदा एक वट वृक्ष बन चुका है, जिसके नाम नेकी भलाई के अनेक रिकॉर्ड हैं। 29 अप्रैल को डेरा सच्चा सौदा रूहानी स्थापना दिवस के पावन भंडारे में लाखों लोगों ने शिरकत की और मानवता भलाई के 139 कार्यों को आगे बढ़ाया। इसी तरह डेरा सच्चा सौदा का हर विशेष अवसर मानवता भलाई कार्यों को ही समर्पित रहता है। अप्रैल का पूरा महीना हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, नई दिल्ली, उत्तराखंड सहित देश के अलग-अलग राज्यों में लाखों की तादाद में साध-संगत ने एकत्रित होकर नेकी-भलाई के कार्य करके मनाया है। डेरा सच्चा सौदा हमेशा से भाईचारे का संदेश देता आया है। पूज्य गुरु जी सभी धर्मों का सत्कार करते हैं। तो बेअदबी करना तो बहुत दूर की बात है, इसकी तो कल्पना भी पूज्य गुरु जी द्वारा नहीं की जा सकती। ये सिर्फ एक राजनीतिक षड्यंत्र है, जो पिछली सरकार द्वारा रचा गया। पूज्य गुरु जी को इसमें फंसाने की साजिश की गई। सिर्फ एक डिस्क्लोजर स्टेटमेंट को आधार बनाकर पंजाब की एसआईटी ने पूज्य गुरु जी को राजनीतिक साजिश के तहत इसमें इनवोल्व करने की साजिश की है। किसी तरह का कोई साक्ष्य इस केस में नहीं है, नो एविडेस केस है ये। हमें माननीय अदालतों पर पूरा भरोसा है कि बहुत जल्द पूज्य गुरु जी को इसमें न्याय मिलेगा। और आगे भी हमें उम्मीद है कि कानूनी प्रक्रिया को पूरा करते हुए पूज्य गुरु जी जल्द ही हमारे बीच होंगे। जहां तक बात मानवता भलाई कार्यों की आती है तो पूरे विश्व में पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं की बदौलत करोड़ों डेरा सच्चा सौदा अनुयायी मानवता भलाई के कार्य कर रहे हैं।

सवाल : सोशल मीडिया पर कुछ शरारती तत्वों द्वारा अफवाहें फैलाकर डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत को गुमराह करने की कोशिशें की जा रही हैं, पूज्य गुरु जी के केसों में बाधा डालने की साजिशें की जा रही हैं, इस पर क्या कहेंगे?

जवाब : डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ना तो किसी के कहने से आज गुमराह हुई है और ना भविष्य में गुमराह होगी। क्योंकि डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत को अपने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां पर पूरा दृढ़ विश्वास है और ये विश्वास कम होना तो बहुत दूर की बात है, बल्कि दिन-ब-दिन लगातार और मजबूत हो रहा है। क्योंकि साध-संगत ने देखा कि पूज्य गुरु जी के पावन सान्निध्य में आने के बाद उन्हें जीवन में क्या-क्या मिला है। कैसे उनका जीवन खुशियों से महक उठा है। ये तो सवाल ही नहीं उठता कि डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत किसी के कहने भर से गुमराह हो जाएगी। बाकी सोशल मीडिया पर कुछ असामाजिक तत्व और डेरा विरोधी ताकतें हैं, जो गुमराह करने की कोशिश जरूर करती हैं। लेकिन ऐसे लोगों की दाल नहीं गलने वाली है। वहीं साध-संगत से कहना चाहूंगा कि साध-संगत ने किसी के बहकावे में नहीं आना है। किसी तरह से भी गुमराह नहीं होना है और डेरा सच्चा सौदा की आॅफिशियल साइट्स पर जो जानकारी दी जाती है, उसे ही सत्य मानें।

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