पंजाब विधानसभा चुनाव: किरती किसान यूनियन की अपील चुनाव न लड़ें संगठन

अब भाजपा के कार्यक्रमों का नहीं होगा विरोध

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब विधानसभा चुनाव अगले वर्ष होने जा रहे है। इस चुनाव में पहली बार 32 पंजाब किसान संगठनों ने चुनाव में उतरने का फैसला किया है। पंजाब में अकाली दल, भाजपा-कैप्टन गठबंधन, आप और किसान पार्टी चुनाव लड़ रही है। राजनीतिक पंड़ितों के अनुसार, इस बार पंजाब में किसी को बहुमत नहीं आने के आसार लग रहे है। अगर किसान 117 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ती है तो अकालीदल और आप को नुक्सान हो सकता है। इस बीच किरती किसान यूनियन ने आने वाले पंजाब विधानसभा में न उतरने का फैसला किया है।

संगठन ने साथ ही संयुक्त समाज मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ने वाले किसान संगठनों से भी अपील की है कि वे संयुक्त किसान मोर्चा की एकता को बनाए रखने के लिए चुनाव में न उतरे। उन्होंने कहा कि संघर्ष के जरिए ही अभी तक संगठन ने तीन खेती कानूनों को वापस लेने जैसी लड़ाई जीती है। इसे बरकरार रखा जाए। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत भी कह चुके हैं कि अगर कोई किसान चुनाव लड़ता है तो वह किसान नेता नहीं कहलाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में किरती किसान यूनियन के प्रधान निर्भय सिंह ढूढीके और रजिंदर सिंह दीप सिंह वाला ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को खत्म करवाने के लिए जो आंदोलन शुरू किया गया था उसके कई मसले अभी भी लंबित हैं। उन्हें सरकारों से लागू करवाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी है, इसलिए वे चुनावी लड़ाई में पडकर इस लड़ाई को कमजोर न करें।

पंजाब में नशा अहम मुद्दा

राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी एक मुहिम चलाएगी, जिसमें लोगों से संबंधित मसलों को रखा जाएगा और मतदाताओं से अपील की जाएगी कि जो पार्टी इन मुद्दों पर अपनी बात रखती है केवल उसी को वोट करें और अगर कोई पार्टी ऐसा नहीं करती तो नोटा का बटन दबाएं।

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