उच्च शिक्षा के दावे: पीयू ने 50 हजार में रखा री-अपियर का ‘गोल्डन चांस’

पीयू द्वारा घोषित किए गए इस गोल्डन चांस पर उठने लगे सवाल

  • विद्यार्थियों परीक्षा फीस अलग से देनी होगी
  • संबंधित तारीख के बाद गोल्डन चांस लेने के लिए 5 हजार रखी लेट फीस

पटियाला। (सच कहूँ/खुशवीर सिंह तूर) पंजाबी यूनीवर्सिटी पटियाला द्वारा विद्यार्थियों को ‘गोल्डन चांस’ के नाम पर अपने खाली खजाने में जान डालने की कोशिश की गई है। यूनीवर्सिटी द्वारा री-अपियर के पेपर संबंधी 50 हजार रुपये के साथ ही परीक्षा फीस अलग से रखी गई है। इधर यूनीवर्सिटी द्वारा दिए गए इस गोल्डन चांस की फीस पर सवाल उठाए गए हैं व इसे विद्यार्थियों की लूट बताया गया है। जानकारी के अनुसार पंजाबी यूनीवर्सिटी द्वारा एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि जो विद्यार्थी री-अपियर के कारण अपनी डिग्री पूरी नहीं कर सके, उनको एक विशेष मौका दिया जा रहा है। यह विशेष मौका गोल्डन चांस के रूप में दिया गया है।

पंजाबी यूनीवर्सिटी द्वारा इस गोल्डन चांस की फीस 50000 हजार रूपये रखी गई है जबकि इसके अलावा अलग तौर पर परीक्षा फीस भी ली जाएगी। इस तरह विद्यार्थियों को यह गोल्डन चांस लगभग 55 हजार रुपये में पड़ेगा। परीक्षा फीस भरने की आखिरी तारीख 10 फरवरी 2023 तय की गई है। यहीं बस नहीं अगर कोई विद्यार्थी इस परीक्षा की आखिरी तारीख तक रह जाता है तो इससे एक सप्ताह बाद भी वह गोल्डन चांस की फीस भर सकता है, लेकिन फिर उसे लेट फीस 5 हजार रुपये और देनी होगी। यह गोल्डन चांस के तहत विद्यार्थी अधिक से अधिक दो पेपरों की री-अपियर या अधिक से अधिक दो समैस्टरों के लिए होगा।

पंजाबी यूनीवर्सिटी द्वारा ऐलाने गए इस गोल्डन चांस पर सवाल भी खड़े हो गए हैं कि अगर यूनीवर्सिटी ने विद्यार्थियों को अपनी री-अपियर क्लियर करने के लिए मौका ही देना था तो फिर फीस वाजिब होनी चाहिए थी। जबकि बाकी दूसरी यूनीवर्सिटियों में गोल्डन चांस की फीस 5 हजार रूपये या इससे कुछ ही अधिक है, लेकिन पंजाबी यूनीवर्सिटी तो विद्यार्थियों के कपड़े उतारने पर तुली हुई है।

यूनीवर्सिटी ने शिक्षा का व्यापारीकरण किया: कुलविन्द्र सिंह

पीएसयू संगठन के पूर्व प्रधान कुलविन्द्र सिंह नदामपुर का कहना है कि पंजाबी यूनीवर्सिटी द्वारा दिया गया गोल्डन चांस विद्यार्थियों की सीधी लूट है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मुनाफा आधारित प्रबंध समाज के बहुगिनती वर्ग को हासिये की तरफ धकेल रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार उच्च व सस्ती शिक्षा देने का वादा पूरा करे व यूनीवर्सिटी का यह तुकलकी फरमान वापिस लिया जाए। कुलविन्द्र सिंह ने कहा कि 50 हजार रूपये में तो विद्यार्थी बीए व एमए की डिग्री पूरी कर लेते हैं।

गोल्डन चांस की फीस सिंडीकेट की मीटिंग से प्रवानित: वाईस चांसलर

पंजाबी यूनीवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रो. अरविन्द से बात की तो उन्होंने बताया कि गोल्डन चांस पहले से सिंडीकेट की मीटिंग में प्रवानित है व उनकी तरफ से जो फीस रखी गई है, उसी अनुसार ही है। उन्होंने कहा कि यह स्पैशल गोल्डन चांस उन विद्यार्थियों के लिए है, जो कभी भी पास नहीं हुए। जब उनसे बाकी यूनीवर्सिटियों के गोल्डन चांस की बहुत कम फीस संबंधी पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हर यूनीवर्सिटी का अपना अलग कार्य है।

उल्लेखनीय है कि पंजाबी यूनीवसर््िाटी करोड़ों के घाटे में चल रही है और अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी इसके पास रूपये नहीं बचे हैं। अपने वित्तीय घाटे में फंसी यूनीवर्सिटी द्वारा विद्यार्थियों को गोल्डन चांस देकर अपने खजाने को भरने की कोशिश की गई है।

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