शोध : बच्चों के प्रारंभिक विकास के लिए बुजुर्गों का सानिध्य जरूरी

Oldeg

आधुनिक परिप्रेक्ष्य में एकल परिवारों की संख्या में वृद्धि 

(Elderly) बदलती जीवन शैली और व्यवसायिक परिस्थितियों ने व्यक्ति को अपना घर-परिवार, अपने माता-पिता से दूर जीवन व्यतीत करने के लिए विवश कर दिया है। आय के बेहतर अवसरों की तलाश और आर्थिक स्थिति सशक्त बनाने के लिए व्यक्ति जब अपने अभिभावकों से अलग दूसरे शहरों में रहने लगता है, तो ऐसे में वह वहीं अपना परिवार बसा लेता है। परिणामस्वरूप आधुनिक परिप्रेक्ष्य में एकल परिवारों की संख्या में दिनों-दिन वृद्धि होने लगी है।

नैतिक और मानसिक विकास को भी बढ़ावा देते हैं बुजुर्ग | Elderly

भले ही यह एकल परिवार आज के युवाओं की पहली पसंद हों, लेकिन हाल ही में हुए एक शोध ने यह प्रमाणित कर दिया है कि बच्चों के प्रारंभिक विकास के लिए परिवार के बड़े-बुजुर्गों का सानिध्य अत्यंत उपयोगी सिद्ध होता है। सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि यह सर्वेक्षण एक ब्रिटिश संस्थान द्वारा कराया गया है। जहां व्यक्तिगत स्वतंत्रता और हितों को अत्याधिक महत्व मिलने के चलते संयुक्त परिवारों का औचित्य लगभग समाप्त हो चुका है। वह भी इस तथ्य को स्वीकारते हैं कि दादा-दादी, बच्चों को केवल लाड़-प्यार ही नहीं करते बल्कि उनके नैतिक और मानसिक विकास को भी बढ़ावा देते हैं।

यद्यपि यह शोध एक विदेशी कंपनी द्वारा कराया गया है लेकिन यह भारतीय परिदृश्य के संदर्भ में और अधिक प्रासंगिक प्रतीत होता है। आमतौर पर यह देखा जा सकता है कि विदेशों में संबंधों में मधुरता और लगाव का प्रभाव समान रूप से माता-पिता और बच्चों पर भी पड़ता है। जहां एक ओर बच्चे अपने अभिभावकों को पर्याप्त महत्व नहीं देते वहीं अभिभावक भी बच्चों के जीवन में हस्तक्षेप करना बंद कर देते हैं जो एकल परिवारों की प्रमुखता का कारण बनता है।

  • संयुक्त परिवार का महत्व गौण होने के पीछे सबसे बड़ा उत्तरदायी कारक लोगों में आत्मकेंद्रित होती मानसिकता है ।
  • जो उन्हें केवल अपने परिवार और अपने तक ही सीमित रखती है।
  • मॉडर्न होते युवा माता-पिता के साथ रहना आउट आफ फैशन समझते हैं।
  • अपना अलग घर, अपनी अलग दुनिया बसाना उन्हें बहुत आकर्षक लगता है।
  • इसके अलावा बढ़ती महंगाई भी एक और कारण है ।
  • जिसकी वजह से घर में ज्यादा सदस्य होना बोझिल लगने लगता है।

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।