मानवता भलाई कार्यों को समर्पित रहे पूज्य गुरु जी के 40 दिन

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सरसा। सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां महान समाज सुधारक हैं। आप जी ने अपने पैरोल के 40 दिनों के दौरान जो समाज कल्याणकारी कार्य किए हैं, वह इतिहास के सुनहरी पन्नों पर लिखे गए हैं। हर धर्म, जात, भाषा, वर्ग के लोग पूज्य गुरु जी के भलाई कार्यों की प्रशंसा करते हुए इस मुहिम में शामिल होने को अपना सौभाग्य मानते हैं। इन महान कार्यों को बयान करना कलम के वश की बात नहीं लेकिन फिर भी इनकी संक्षेप में चर्चा इस प्रकार है:-

21 जनवरी 2023 को दोपहर बाद पूज्य गुुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां, शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा, जिला बागपत, उत्तर प्रदेश पधारे।

24 जनवरी 2023 को पूज्य गुरु जी ने 148वां मानवता भलाई का कार्य शुरू करवाया। इसमें साध-संगत महीने के आखिरी शनिवार को अपने बच्चों के साथ अनाथ बुजुर्गों से मिला करेगी व उनके खाने-पीने व रहने के साथ जुड़ी कमियों को दूर करेगी ताकि उनको यह महसूस न हो कि वह अकेले हैं।

25 जनवरी 2023 को पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन अवतार दिवस पर पूज्य गुरु जी ने बरनावा आश्रम से आॅनलाईन गुरुकुल के माध्यम से पावन भंडारा मनाया। इस मौके पूज्य गुरु जी ने मानवता भलाई के तीन और नये कार्यों की शुरूआत की।

इनमें 149वां कार्य :- भारतीय संस्कृति को जिंदा रखने व खुशहाल जिंदगी के िलए सुबह उठते ही माता-पिता व बड़ों के पैरों को हाथ लगाकर उनका आशीर्वाद लेकर अपने दिन की शुरूआत करना।

150वां कार्य:- परिवार में खुशहाली बनी रहे, इसके लिए प्रतिदिन नहीं तो कम से कम सप्ताह में एक दिन जरूर पूरा परिवार एक साथ बैठकर खाना खाए। इस मौके पूज्य गुरु जी ने 150वें कार्य के तहत साध-संगत के साथ खुद लंगर-भोजन ग्रहण कर इस शुभ कार्य की शुरूआत की।

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151वां कार्य:- गरीब बस्तियों में साफ पानी के लिए आरओ लगवाकर देना। इस मौके पूज्य गुरु जी ने 151वें कार्य के तहत अपनी बेटी ‘रूह दी’ हनीप्रीत इन्सां के साथ 1 लाख 4 हजार रूपये का परमार्थ भी किया।

25 जनवरी को ही पूज्य गुरु जी ने अपनी वैबसाईट ‘सैंट डॉ. एमएसजी इन्सां डॉट मी’ को री-लांच किया, जिसमें नशों के खिलाफ चलाई गई ‘डैप्थ मुहिम’ से संबंधित मोबाईल नंबर 80596-02525 जारी किया। इस नंबर व वैबसाईट पर कोई भी नशा छोड़ने वाला व्यक्ति संपर्क कर सकता है।

4 फरवरी 2023 को राजस्थान के डेरा श्रद्धालुओं ने करीब 5 साल बाद पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज का पावन एमएसजी महा रहमोकर्म माह का शुभ भंडारा पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के साथ मनाने की खुशी में सफाई महा अभियान चलाया व सवा 6 घंटों में साध-संगत द्वारा पूरा राजस्थान चमका दिया गया।

11 फरवरी 2023 को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां ने 152वां मानवता भलाई कार्य शुरु किया। इसमें डेरा श्रद्धालु आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के बच्चों की ताउम्र पढ़ाई, किताबें, खाना-पीना, कपड़ा आदि का खर्च उठाएंगे।

25 फरवरी 2023 को पूज्य गुरु जी ने कोरोना काल में अपनी देह अपनी इच्छा अनुसार कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए देने वाले डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु व शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार अरुण पाल इन्सां निवासी अमेरिका को ‘रूहानियत के धुरंधर महायोद्धा’ के खिताब से नवाजा। पूज्य गुरू जी ने आॅनलाईन गुरुकुल के माध्यम से अरुण पाल इन्सां को यह खिताब दिया।

28 फरवरी 2023 को पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज का पवित्र गुरुगद्दीनशीनी दिवस ‘पावन एमएसजी महा रहमोकर्म दिवस’ भंडारे के अवसर पर पूज्य गुरु जी ने मानवता भलाई के दो और नए कार्यों की शुरूआत की। इन कार्यों में 155वां कार्य पेड कैंपेन, 156वां कार्य फास्टर कैंपेन शुरू करवाए। पेड कैंपेन के तहत साध-संगत अपनी एक दिन की सैलरी (वेतन) जरूरतमंदों की मदद करने में खर्च करेगी।

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हीं फास्टर कैंपेन के तहत साध-संगत अपने वाहनों में फर्स्ट एड किट रखेगी ताकि रास्ते में अगर कोई दुघर्टनाग्रस्त व्यक्ति मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सके। इस मौके पर पूज्य गुरु जी की पावन प्रेरणा से नशा छोड़ने वाले युवाओं को सेफ कैंपेन के तहत पूज्य गुरु जी व ‘रूह दी’ द्वारा 25 युवाओं को हेल्दी डाईट किटें व फास्टर मुहिम के तहत 50 फर्स्ट एड किटें विभिन्न वाहन चालकों को बांटी गई।

इस मौके पर ही पूज्य गुरु जी ने 125 मंदबुद्धियों का इलाज करवाकर उनको उनके घर तक पहुंचाने वाले ब्लाक केसरी सिंह पुरा (राजस्थान) के डेरा सच्चा सौदा के सेवादार राजेन्द्र पाल इन्सां को अग्रणी सेवादार के नाम से नवाजते अपने पावन कर कमलों से एक शानदार ट्रॉफी व प्रेम निशानी देकर सम्मानित किया। इस दिन ही पूज्य गुरु जी द्वारा चलाई गई ‘नई किरण’ मुहिम के तहत गांव जगतपुरा (सुनाम) जिला संगरूर निवासी एक डेरा श्रद्धालु परिवार ने अपने बेटे के देहांत के बाद अपनी विधवा पुत्रवधू का विवाह भक्तयोद्धा से करवाया। भक्तयोद्धा ने लड़की के पहले विवाह से हुए बच्चे को भी अपनाया।

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