पूज्य गुरु जी ने समझाया सुखमय जीवन का फलसफा

Dr. MSG

आत्मबल बढ़ने से चमक जाएगी आपकी किस्मत’

  • यकीन करके देखियेगा रिजल्ट 100 पर्सेंट जरूर आएगा

बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने वीरवार रात (23 जून 2022) यूट्यूब चैनल पर साध-संगत से मुखातिब होते सुखमय आदर्श जीवन जीने का तरीका समझाया। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि मालिक ने लिखा है वो होगा, भगवान ने जो लिखा है वो जरूर होगा। लेकिन उनकी लिखे में एक बात और है कि मनुष्य शरीर जो है, ये खुद मुखत्यार है, मर्जी का मालिक है काफी हद तक, जिसकी वजह से ये अपने अच्छे कर्म नए या बुरे खुद बना सकता है। ये इन्सान के हाथ में भगवान ने ताकत दी है। सो कहने का मतलब भाग्य को कुछ हद तक बदला भी जा सकता है। क्यों? क्योंकि पाँच तत्व होते हैं इन्सान में, पूरी सृष्टि उसी से बनी हुई है, पृथ्वी, पानी, अग्नि, वायु और आकाश। आकाश तत्व बुद्धि देने वाला है और वो इन्सान में सबसे ज्यादा पाया जाता है, इसलिए भगवान ने ये शक्ति दी है कि आप अपने भाग्य को कुछ हद तक बदल सकते हैं और भाग्य बदलने के लिए क्या करना चाहिए? भाग्य बदलने के लिए आत्मबल का होना बड़ा जरूरी है।

राम-नाम से बढ़ेगा आत्मबल

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आत्मबल कब आता है? जब आप कर्म योगी और ज्ञान योगी बनते हैं। जब तक आप कर्मयोगी और ज्ञानयोगी नहीं तो आत्मबल बढ़ेगा नहीं। तो कौन सा कर्म करना चाहिए जिससे आत्मबल बढ़ जाए? एक ऐसा कर्म है जो आत्मबल की स्पेशल खुराक भगवान ने बना रखी है और वो कर्म है ओउम, हरि, अल्लाह, राम, गॉड, खुदा, रब्ब का नाम लेना, उसकी भक्ति इबादत करना, गॉड्स प्रेयर, मैथड आफ मेडिटेशन, अगर आप करते हैं, प्रभु का सुमिरन करते हैं, प्रभु का नाम लेते हैं तो आपके अंदर का आत्मबल बढ़ता जाएगा।

कर्मों से जुड़ा है आने वाला वक्त

आत्मबल बढ़ने से आप कर्मयोगी बहुत अच्छे बन जाएंगे। कर्म दो प्रकार के हैं, सारे आप लोग जानते हैं, अच्छे कर्म और बुरे कर्म। बुरे कर्म करने से आपका भाग्य बुरा होता है, आने वाला समय बुरा होता है और अच्छे कर्म करने से आने वाला समय अच्छा हो जाता है। तो ये जरूरी है कि आप अच्छे कर्म करें, उसके लिए जैसे ही आत्मबल बढ़ेगा आप अच्छे कर्मों में राम का नाम सर्वोत्तम है, जो अभी आपको बताया मैथड़ आॅफ मेडिटेशन या कलमा, अलग-अलग धर्मों में अलग-अलग नाम दिये गए हैं। तो उसका जाप करिये, जैसे-जैसे जाप करते जाएंगे, अब आत्मबल उससे बढ़ा, फिर भी आप सुमिरन करते जा रहे हैं, भक्ति करते जा रहे हैं तो वो आपके अच्छे कर्म बनाने में बहुत बड़ी आपकी मदद करेगा। आप अच्छे कर्म योगी बनेंगे और साथ के साथ ज्ञानयोगी बनेंगे।

इन्सान में दो गुणों का होना जरूरी

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हर इन्सान में ये दोनों गुण होना बहुत जरूरी है, कर्मयोगी और ज्ञान योगी। क्योंकि अगर आप इनमें से एक हो जाते हैं, सिर्फ कर्म करते हैं और ज्ञान आपको नहीं या ज्ञान है और कर्म आप नहीं करते तो उसका फायदा आपको नहीं होगा। जैसे आपको ये पता है कि धरती में पानी है, लेकिन निकालने की विधि नहीं आती, तो आप धरती के ऊपर आलथी-पालथी मारकर बैठ जाइये और अपने ये सोचते रहिये कि पानी बाहर आएगा या फिर उसे पुकारिये कि हे पानी! बाहर आ जा, पानी बाहर आ जा तो क्या पानी बाहर आ जाएगा? न

हीं आएगा। दूध में घी है, लेकिन आप तो कर्म योगी हैं, ज्ञान का आपको पता नहीं है। तो अगर बैठे-बैठे आप ये कहें कि हे घी! मुझे पता है कि तू दूध में छुपा बैठा है, निकल बाहर, बाहर आ जा, तो क्या दूध में से घी निकल कर बाहर आ जाएगा? कभी नहीं आता, उसके लिए ज्ञान योगी होना बहुत जरूरी है और ज्ञान योगी अगर आप बन जाते हैं तो आपको पता है कि धरती से पानी कैसे निकालना है? आप बोरिंग करेंगे, पाइपें डालेंगे, मोटर डालेंगे और पानी है धरती में उस जगह पर तो बाहर आ जाएगा।

‘आत्मबल बढ़ने से बदल जाएगा आपका भाग्य’

उसी तरह दूध में से अगर घी निकालना है तो दूध को गर्म करेंगे, जाग (जामन) लगाएंगे, सुबह वो जम जाएगा, उसको बिलोएंगे, मक्खन निकलेगा, उसको आराम से गर्म करेंगे तो छाछ अलग और घी अलग हो जाएगा। तो उसी तरह अगर आप अपना भाग्य बदलना चाहते हैं तो भाग्य बदलने के लिए ये जरूरी है कि आप ये ध्यान रखें कि कर्म करते समय, ज्ञान योगी बनते समय आप हमेशा, हमेशा अच्छे कर्म करें। प्रभु का नाम जपें, सुमिरन करें, लेकिन इसके साथ जरूरी है कि मेहनत भी करें।

मेहनत की करके खाएं, हक हलाल की रोजी, हक हलाल की रोजी रोटी खाना, मेहनत की करके खाना, हार्ड वर्क करके खाना, ये आपकी मदद करेगा कि आप प्रभु की तरफ भी जाएंगे और प्रभु मदद करेंगे कि आपके जो दुनियावीं कार्य हैं, उनमें आपकी मदद होगी, उनमें आप तरक्की करेंगे। इस तरह से भाग्य बदला जा सकता है। लेकिन उसके लिए साधना तो जरूरी है।

धर्म नहीं अपने कर्म बदलिये

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आपको राम का नाम जपना पड़ेगा, प्रभु के नाम का सुमिरन करना पड़ेगा, जो आपको बार-बार हम इसलिए कह रहे हैं कि आप सोचते हैं कि पता नहीं पहाड़ों पर जाना होगा, जंगलों में, उजाड़ों में, पता नहीं कहां जाना है? नहीं…नहीं…कहीं नहीं जाना। धर्म नहीं बदलना, धर्म बदलने से कर्म नहीं बदलते, इसलिए जो आपका धर्म है उसको पकड़कर रखिये, धर्म मत बदलिये, अपने कर्म बदलिए, अपने ज्ञान को बढ़ावा दीजिये। जो भी आपके धर्म में लिखा है, जो आपको अभी बताया कि ज्ञान योगी और कर्म योगी, हर धर्म की ये कुंजी है तो उसको पकड़कर चलते हुए आप दुनिया में बहुत तरक्की कर सकते हैं, अपना भाग्य बदल सकते हैं।

संचित कर्मों से निजात दिलाएगा प्रभु का नाम

आपजी ने फरमाया कि कई बार आपके अंदर आता है कि मैं जिस चीज को भी हाथ डालता हूँ वो राख बन जाती है। बहुत बार, बहुत से बहन, भाई, बुजुर्ग कहते हैं कि गुरु जी क्या करें हमने तो कभी कोई बुरा कर्म भी नहीं किया, लेकिन फिर भी हमारा भाग्य इतना बुरा क्यों है? कोई नशा नहीं करते हम, कोई बुरा कर्म नहीं करते, फिर भी हमें फायदा नहीं होता। किसी बिजनेस में हाथ डालते हैं तो घाटा, यहां तक कह देते हैं कि सोने को हाथ डालते हैं तो राख बन जाता है तो इसका कारण है, हमने जो अपने धर्मों को पढ़ा, सभी धर्मों को देखा, इसका कारण है संचित कर्म, जन्मों-जन्मों के इकट्ठे हुए कर्म, जो वो शरीर नहीं भोग सकते,

इसलिए इस शरीर को भोगने पड़ते हैं, वो कर्म कर सकते हैं, लेकिन भोगने की ताकत नहीं होती तो इस शरीर में जब वो कर्म भोगने पड़ते हैं तो आदमी बड़ी मुश्किल में आ जाता है, भाग्य इस तरह का हो जाता है। तो उसको बदलने का तरीका सिर्फ एक ही है, अपने घर-परिवार में रहिये, घूमते, लेटके, बैठके, कहीं भी, अपने धर्म में रहते हुए, बस कुछ नहीं बदलना, ना कोई कपड़ा बदलना है बस अपने कर्म बदल दीजिये, आप कर्मयोगी और ज्ञान योगी बनके प्रभु का नाम जपते रहें, प्रभु की भक्ति करते रहें तो यकीन मानो आपका भाग्य बदल जाएगा और जो आपके अंदर ये बात आ रही है कि मैं हाथ डालता हूँ सोने को तो मिट्टी बनता है, हो सकता है प्रभु जी ऐसे कर्म बना दें मिट्टी को हाथ डालो और वो सोना बन जाए। तो यकीन तो करके देखियेगा आप, अगर करेंगे तो रिजल्ट 100 पर्सेंट जरूर आएगा।

‘बुलंद हौंसले के साथ राम-नाम में बढ़ते जाएं’

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शुक्रवार सुबह इंस्टाग्राम पर वीडियो के माध्यम से आमजन व युवा पीढ़ी को संदेश दिया। पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि अच्छे लोगों के साथ बुरा क्यों होता है? ये कलियुग है बुराई का समय है। कोई भी बुरा कर्म करता है इन्सान तो यहां पे फलता-फूलता नजर आता है। लेकिन अच्छा कर्म करता है, क्योंकि ये कलियुग है तो काल महाकाल उसे जरूर रोकता है। काल कभी नहीं चाहता कि रूहें, आत्माएं अच्छा कर्म करके ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरू राम में जा विराजे। इसलिए वो ऐसी-ऐसी अड़चनें अड़ाता है, जिससे अच्छाई करने वाले, अच्छाई पर चलने वाले दूर हो जाए।

लेकिन बुलंद हौंसला रखिए, राम का नाम जपते रहिए, अपने विल पॉवर को ऊंचा रखिए तो आप हर मुश्किलों को पार कर सकते हैं। कोई भी बुराई आपको नहीं रोक पाएगी, लेकिन आदमी के अंदर जरूर आता है कि मैं तो हमेशा अच्छे कर्म करता रहा हूँ, मेरे पर बहुत जुल्म हो रहा है, तो ये संचित कर्म भी होते हैं, लेकिन अगर फिर भी आपको लगता है कि ऐसा क्यों हो रहा है तो ये भी हो सकता है, कहते हैं कि शेर जब दो कदम पीछे हटता है तो वो जम्प मार कर बहुत आगे की मंजिल पा जाता है।

तो हो सकता है कि ये बुराई आपको बहुत कुछ सिखा रही हो, ताकि आने वाले समय में आप बहुत आगे निकल जाएं। तो बुराई के समय में घबराइये नहीं अच्छाई कभी मरा नहीं करती और बुराई कभी आसमां नहीं छूती। बुराई एक दिन जरूर खत्म होती है, और अच्छाई एक दिन जरूर ऊंचाईयों पे जाती है, तो इसलिए टेंशन छोड़िये, ये मत सोचिए मेरे साथ क्यूं हुआ, ये सोचिए कि अगर आप भक्ति कर रहे हैं, राम का नाम ले रहे हैं फिर भी आपके साथ बुरा हो रहा है तो अच्छे के लिए हो रहा है, भगवान कभी भी अपने भक्तों के बुरे के लिए कुछ भी नहीं करते, हमेशा अच्छे के लिए करते हैं, उसकी रज़ा में रह के देखिए, जरूर मालिक आपको अच्छाई की तरफ लेकर जाएंगे, तरक्की दिलवाएंगे

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