गुरु के दर्शन पाकर खुशी से विभोर हुई साध-संगत

ओढां (सच कहूँ/राजू )। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के बरनावा (यूपी) में पधारने और लाइव दर्शन देने के बाद साध-संगत में खुशी की लहर है। अपने मुर्शिद के आगमन पर साध-संगत जगह-जगह मिठाईयां बांट रही है, दीप एवं रंगोली सजाकर खुशियां मना रही है। साध-संगत में पूज्य गुरु जी के लाइव मैसेज को लेकर इस कदर खुशी देखी जा रही है कि साध-संगत बड़ी-बड़ी स्क्रीनों के माध्यम से वीडियो क्लिप को देखकर फूले नहीं समा रही। साध-संगत का कहना है कि 5 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद पूज्य गुरु जी के दर्शन कर उन्हें जो खुशी हुई है उसका वर्णन नहीं किया जा सकता। इस बारे साध-संगत ने अपनी खुशी का इजहार कुछ इस प्रकार किया।

इतने लंबे समय बाद पूज्य गुरु जी के दर्शन कर आंखें भर आर्इं। यूं लगा जैसे भटके हुए मुसाफिर को मंजिल मिल गई। हम अपने गुरु का उपकार कभी नहीं उतार सकते। दर्शन करके श्वास-श्वास भी अगर उनका धन्यवाद करते रहें तो भी कम हैं। मेरे गुरु जैसा कोई नहीं है। हम गुरु जी द्वारा चलाए जा रहे लोक भलाई कार्यांे को और जोर-शोर से गति देंगे।

 रामचंद इन्सां (ओढां)।

पूज्य गुरु जी के दर्शन कर मुझे जो खुशी हुई उसे बयां नहीं किया जा सकता। यूं लगा जैसे जन्मों-जन्मों से तड़प रही रूह शांत हो गई। हमने अपने सतगुरु के हर वचन पर अमल किया है और भविष्य में भी करते रहेंगे। 17 जून का दिन हमारे लिए एतिहासिक दिन है। मेरे मुर्शिद के आगमन से प्रकृति भी झूम उठी है।

सीमा इन्सां (कालांवाली)।

पूज्य गुरु जी ने भेजी गई चिट्ठियों में जायज मांग पूरी होने के वचन किए थे। हमारी तो जायज मांग एक ही थी कि हमारे गुरु देह स्वरूप में हमारे बीच आएं। हमारी उक्त मांग पूरी हो गई। दर्शन करके यूं लगा जैसे दर्शन के बगैर मुद्दतें गुजर गर्इं थीं। मुझे जब पिताजी के बरनावा में पधारने और लाइव आने से खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।

सुमन इन्सां (कालांवाली)।

मेरे सतगुरु जैसा कोई नहीं है। पूज्य गुुरु जी तो उस दिन से ही हमारी संभाल करने लग गए थे जब हम उनके शिष्य बने। पूज्य गुरु जी ने चिट्ठियों के अलावा लाइव आकर भी ये बता दिया कि वे हमारी कितनी फि क्र करते हैं। पूज्य गुरु जी के दर्शन कर रूह शांत हो गई। मुझे कितनी खुशी हो रही है इसका वर्णन नहीं कर पा रही।

कविता इन्सां (खैरेकां)।

‘मुर्शिद ने हर चिट्ठी में हमें आशीर्वाद भेजा। अब स्वयं चले आए। खुशी इतनी है कि बता नहीं सकता। गदराना आश्रम में साध-संगत ने पूज्य गुरु जी के आगमन की जमकर खुशी मनाई। सबके चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी। हमारे लिए इस दिन से बढ़कर और कोई दिन क्या हो सकता है। पूज्य गुरु जी की वीडियो क्लिप को कई-कई बार देखने पर भी मन नहीं भर रहा।

गुरनाम इन्सां (कालांवाली)।

‘‘पूज्य गुरु जी ने कहा था कि हमारा ध्यान हमारे करोड़ों बच्चों में रहता है। ये लाइव आकर बता भी दिया। पूज्य गुरु जी के दर्शन कर दिल वैराग से भर आया। पिताजी ने वीडियोे क्लिप के माध्यम से जो साध-संगत को आशीर्वाद व खुशियां दी हैं वो अवणर्नीय है। मैं बरनावा की उस धरती को बार-बार नमन करता हूं जहां हमारे मुर्शिद पधारें हैं।

जंग सिंह इन्सां (भीवां)।

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