सीनियर खिलाड़ी न हो नजरअंदाज

Senior, Player, Ignore

रोमेश पोवार व कप्तान मिताली राज के बीच विवाद ने काफी सुर्खियां बटोरी

पिछले दिनों महिला क्रिकेट टी-20 विश्व कप के बाद भारतीय क्रिकेट में महिला टीम के प्रशिक्षक रोमेश पोवार व एक दिवसीय टीम की कप्तान मिताली राज के बीच विवाद ने काफी सुर्खियां बटोरी जिसके परिणामस्वरूप प्रशिक्षक पोवार के 30 नवंबर को टीम के कोचिंग करार के खत्म होने पर उसे आगे न बढ़ाने का निर्णय लिया गया (senior player ignore)। हालांकि टी-20 की कप्तान हरमनप्रीत व अन्य खिलाड़ी पोवार के काम से संतुष्टि नहीं, लेकिन मिताली जैसी वरिष्ठ खिलाड़ी द्वारा नाराजगी प्रकट करने पर शायद बीसीसीआई यह समझ चुका था कि प्रशिक्षक पोवार का कार्यकाल को ओर बढ़ाने का मतलब टीम में खिलाड़ियों की आपसी रंजिश को हवा देना ही होगा इसीलिए बीसीसीआई के इस फैसले की तारीफ करनी बनती है कि उसने प्रशिक्षक के कार्यकाल को यहीं समाप्त करते हुए इस झगड़े को समाप्त कर दिया।

मिताली राज पिछले लगभग 20 सालों से भारतीय टीम की सबसे अहम खिलाड़ी है

देखा जाये तो यहां प्रशिक्षक पोवार व चयनकर्ताओं के मिताली को इंग्लैंड के खिलाफ बाहर बिठाने का फैसला सही भी पड़ सकता था क्योंकि भारत ने विश्व कप टी-20 के सेमीफाइनल में इंग्लैंड विरुद्ध मैच से पहले मिताली के बाहर होने के बावजूद विश्व चैंपियन आस्ट्रेलिया को हराया था। यदि टीम सेमीफाइनल जीत जाती तो शायद यह विवाद जन्म भी न लेता लेकिन इसमें यह ज्यादा सही रहता कि मिताली को बाहर बिठाने के फैसले में उसे यह बात समझाकर पूरे विश्वास में लिया जाता क्योंकि यह बात छिपी हुई नहीं कि मिताली राज पिछले लगभग 20 सालों से भारतीय टीम की सबसे अहम खिलाड़ी है और उसे सेमीफाइनल में फिट होने के बावजूद उसकी राय से ऊपर होकर बाहर बिठाने का फैसला कर लिया गया।

पुरूष टीम के कप्तान सदैव सुर्खियों में बने रहते हैं

खेल एक और कप्तान दो, एक पुरूष क्रिकेट टीम का तो दूसरी महिला क्रिकेट टीम की और अगर बात उपलब्धियों की करें तो दोनों का खेल बेमिसाल हैं और दोनों के ही खाते में ढ़ेरों रिकॉर्ड दर्ज हैं लेकिन इसे पितृसत्तात्मक सोच कहें या कुछ और कि पुरूष टीम के कप्तान सदैव सुर्खियों में बने रहते हैं, उन्हें खेल प्रेमियों के साथ-साथ खेल संघों द्वारा भी सिर-आंखों पर बिठाया जाता रहा है मगर महिला कप्तान के मामले में ऐसा नजारा कम ही देखने को मिलता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं पुरूष टीम के कप्तान विराट कोहली और महिला टीम की कप्तान मिताली दोराई राज की, जिन्हें लेडी सचिन भी कहा जाता है।

  •  मिताली ने कुआलालंपुर में टीम इंडिया और श्रीलंका के बीच खेले गए टी-20 महिला एशिया कप में 2000 रन बनाकर एक इतिहास रच डाला था
  • क्योंकि इसके साथ ही वह इतने रन बनाने वाली पहली भारतीय बल्लेबाज बन गईं थी।
  • महिला एशिया कप टी-20 टूनार्मेंट के पहले ही मैच में मिताली की कप्तानी में भारतीय टीम ने पूरी मलेशियाई टीम को सिर्फ 13.4 ओवर में महज 27 रनों पर ही ढ़ेर कर दिया था और 142 रनों के बहुत बड़े अंतर से ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।
  • इसी मैच में मिताली ने 69 गेंदों पर नाबाद 97 रनों की पारी खेली थी, जिसके लिए उन्हें ‘प्लेयर आॅफ द मैच’ चुना गया था
  • लेकिन आप जानकर चौंक जाएंगे कि इसके लिए उन्हें पुरस्कार स्वरूप चैक मिला
  • महज 17 हजार रुपये का जबकि यदि यही खिताब भारतीय पुरूष टीम के किसी खिलाड़ी को मिलता तो इसी पुरस्कार की राशि होती करीब एक लाख साठ हजार रुपये।

विराट कोहली सहित दूसरे पुरूष खिलाड़ियों को भी पीछे छोड़ दिया है

दरअसल मिताली की कुछ उपलब्धियां तो ऐसी हैं कि कुछ रिकॉर्डों के मामले में उन्होंने विराट कोहली सहित दूसरे पुरूष खिलाड़ियों को भी पीछे छोड़ दिया है। हाल ही में मिताली ने अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैचों में रन बनाने के मामले में रोहित शर्मा को भी पीछे छोड़ दिया है, जिन्होंने 87 टी-20 मुकाबलों में 2007 रन बनाए हैं जबकि कप्तान विराट कोहली 72 पारियों में अब तक 2102 रन बना सके हैं लेकिन मिताली 84 टी-20 मैचों में 2232 रन बनाकर सभी को पीछे छोड़ चुकी हैं। हालांकि हाल ही में छठे महिला टी-20 विश्व कप के भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए सेमीफाइनल से मिताली को बाहर रखे जाने को लेकर टीम की कप्तान हरमनप्रीत, टीम के मैनेजमेंट को तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।

योगेश कुमार गोयल

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