परम पिता जी ने डेरा श्रद्धालु की दिली इच्छा की पूरी

एक बार राजस्थान में सत्संग था। पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज आराम करने वाले घर में पधारे हुए थे। बाहर बैठे सेवादारों के पास करीब 80 वर्षीय बुजुर्ग अपनी 14-15 साल की पोती के साथ दूध लेकर आ गया। पूछने पर पता चला कि उस बुजुर्ग ने पूज्य हजूर बाबा सावण सिंह जी महाराज जी से नाम शब्द लिया हुआ था व उसकी पोती ने पूज्य परम पिता शाह सतनाम जी महाराज जी से नाम दान लिया हुुआ थ। वह बुजुर्ग कहने लगा कि हमें पूज्य परम पिता जी से मिलना है। सेवादार कहने की कि परम पिता जी अभी बाहर घूमने जाएंगे व जब वापिस आएं तो आप पिता जी से मिल लेना। बुजुर्ग कहने लगा,‘‘नहीं जी! हमें तो अभी मिलना है’’ बातों-बातों में उन्होंने बताया, ‘‘एक बार पूजनीय बाबा सावण सिंह जी महाराज ने मुझे कहा था कि आपको फिर कभी मिलेंगे। फिर मैं शराब पीने लग गया था।

अब मुझे मेरी पोती लेकर आई है। मैंने पूजनीय परम पिता से माफी भी लेनी है।’’वह मिन्नतें करने लगा कि मुझे परम पिता जी से तुरंत मिला दो। मैं पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज जी के लिए घर से हलवा बनाकर लाया हूं। इतने में पूजनीय परम पिता जी ने एक सेवादार को अंदर बुलाया व पूछने लगा, ‘‘क्या बात है?’’ उस सेवादार ने सारी बात पूजनीय परम पिता जी बताई। परम पिता जी ने फरमाया, ‘‘उनको अंदर भेज दो।’’ वह अंदर चले गए व बैठते ही उस बुजुर्ग ने अपना सिर पूजनीय परम पिजा जी के चरणों में रख दिया। जब पास खड़े सेवादार ने उसे थोड़ा पीछे करना चाहा तो पूजनीय परम पिता जी ने फरमाया,‘‘कोई बात नहीं भाई! इसे अपनी कसर निकाल लेने दो।’’ फिर वह बुजुर्ग पूरे वैराग्य में आ गया व रो-रोक कर उसके मन का बोझ पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज जी के दर्शन करने से हलका हो गया।

पूजनीय परम पिता जी उसे अपनी रहमत से निहाल करते फरमाया,‘‘हां भाई! ठीक है, खुश है अब।’’ उसने कहा, ‘‘हां पिता जी!’’ मैं तो काफी समय से शराब पीता रहा हूं, मुझे माफ कर दो जी। ‘‘परम पिता जी ने फरमाया, कोई बात नहीं बेटा, माफ है, माफी के लिए ही तुझे यहां बुलाया है।’’ फिर परम पिता जी उस बर्तन की तरफ इशारा कर फरमाने लगे, ‘‘यह क्या है भाई लगता है हलवा है।’’ फिर पूजनीय परम जी ने उसकी बेहद श्रद्धा व मालिक प्रति उसके विश्वास को और मजबूत करने के लिए वह हलवा खुद भी ग्रहण किया व सेवादारों को भी खिलाया। इस तरह पूजनीय परम पिता ने पूजनीय बाबा सावण सिंह महाराज जी के वचनों को पूरा किया।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।