रूहानियत के सच्चे रहबर शाह सतनाम सिंह जी महाराज

युग बीत जाएं तब भी वो अल्लाह, गॉड, वाहेगुरू, खुदा, रब्ब, एक था, एक है और वो एक ही रहेगा, और सच्चाई यह भी है कि वदल दी मय हकीकी नहीं, पैमाना वदलदा रहिंदा। सुराही वदलदी रहंदी, मयखाना वदलदा रहन्दा। दिन, महीना, साल, दिन-रात, मौसम, समय स्थान बेशक बदल जाएं और बदलते रहते हैं परन्तु … Continue reading रूहानियत के सच्चे रहबर शाह सतनाम सिंह जी महाराज