ममता को झटका: चुनाव बाद हिंसा के हर मामले की दर्ज करो रिपोर्ट, इलाज भी कराओ: हाईकोर्ट

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नई दिल्ली (सच कहूँ डेस्क)। पश्चिम बंगाल में ममता सरकार को कोलकाता हाईकोर्ट से झटका लगा है। विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर हाईकोर्ट ने सभी मामलों की एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। वहीं हिंसा के पीड़ितों का इलाज कराने और उन्हें मुफ्त में राशन दिए जाने का भी आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह राशन उन लोगों को भी मिलना चाहिए, जिनका कार्ड नहीं बना है। यह आदेश ममता सरकार के लिए झटका माना जा रहा है। आपको बता दें कि ममता सरकार ने हिंसा के आरोपों को खारिज कर दिया था।

कल ही सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच वाली यचिका पर केंद्र, राज्य को दिया था नोटिस

उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराए जाने संबंधी याचिका पर केंद्र, राज्य सरकार और चुनाव आयोग से गुरुवार को जवाब तलब किया। न्यायमूर्ति विनीत सरन की अध्यक्षता वाली दो-सदस्यीय खंडपीठ ने रंजना अग्निहोत्री याचिका एवं एक अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किए। न्यायालय ने नोटिस के जवाब के लिए इन सभी पक्षकारों को चार सप्ताह का समय दिया है।

हालांकि याचिका में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी पक्षकार बनाया गया था, लेकिन उन्हें कोई नोटिस नहीं जारी किया गया। लखनऊ की वकील सुश्री अग्निहोत्री ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की निष्पक्ष जांच कराने के लिए विशेष जांच दल गठित करने की मांग भी न्यायालय से की है। इससे पहले इस याचिका पर दो बार सुनवाई तब टल गयी थी, जब न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और अनिरुद्ध बोस ने एक-एक करके खुद को मामले की सुनवाई से अलग कर लिया था।

 

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