अदालत को गुमराह कर रही है एसआईटी, हो अवमानना की कार्रवाई

अगर फरीदकोट अदालत को सच्चाई बता देती एसआईटी तो नहीं मिलती जांच करने की इजाजत

  •  दो एजेंसी एक ही मामले की नहीं कर सकती हैं जांच
मोहाली, अश्वनी चावला / कुलवंत। पंजाब पुलिस की स्पेशल जांच टीम खुद माननीय अदालत को गुमराह करने में लगी हुई है ऐसे में एसआईटी की तरफ अवमानना की कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि अगर स्पेशल जांच टीम फरीदकोट अदालत को इस मामले में सच्चाई बयान कर देती तो शायद उन्हें फरीदकोट अदालत की तरफ से इस तरह की जांच करने की इजाजत ही नहीं मिलती इसलिए पंजाब पुलिस के खिलाफ अवमानना की सिफारिश की जाए। यह मांग माननीय सीबीआई न्यायाधीश जीएस सेखों की अदालत में एडवोकेट आर.के हांडा की तरफ से की गई है । आर.के हांडा की तरफ से लिखित तौर पर की गई इस मांग को लेकर आने वाले समय में कोई भी फैसला माननीय सीबीआई अदालत की तरफ से लिया जा सकता है। एडवोकेट हांडा डेरा श्रद्धालु सुखजिन्द्र सिंह सन्नी की तरफ से अदालत में पेश हुए थे। एडवोकेट आर के हांडा ने पत्रकार से बात करते हुए बताया कि बेअदबी के मामलों में सीबीआई की तरफ से 2015 से लगातार अभी तक जांच की जा रही है हालांकि इस दौरान सीवे की तरफ से क्लोजर रिपोर्ट भी दायर की गई थी परंतु इसी दौरान पंजाब पुलिस की मौजूदा स्पेशल जांच टीम की तरफ से नए फैक्ट सीबीआई को दिए जाने के पश्चात सीबीआई की तरफ से पुन: जांच की जा रही है।

अदालत को गुमराह करना

सीबीआई की जांच के अनुसार ही माननीय सीबीआई अदालत में लगातार सुनवाई भी चल रही है ऐसे में इसी मामले को लेकर पंजाब पुलिस की स्पेशल जांच टीम ने अलग से ही अपनी जांच शुरू कर दी जबकि इस मामले में स्पेशल जांच टीम के पास किसी तरह का अलग अधिकार ही नहीं है। सीबीआई की तरफ से दोबारा जांच शुरू करने के पश्चात जांच में आए नए तथ्यों को लेकर एक सीलबंद स्टेटस रिपोर्ट भी माननीय सीबीआई की अदालत में दाखिल की गई है जो कि अभी तक जन तक भी नहीं हुई है ऐसे में सीबीआई किस तथ्य को लेकर किस स्तर की जांच कर रही है यह सीबीआई ही जानती है इसलिए सीबीआई की चल रही जांच के बीच में एसआईटी की तरफ से नए सिर्फ जांच शुरू की गई बल्कि फरीदकोट की माननीय अदालत को इन सारे तथ्यों से गुमराह किया गया क्योंकि फ्रिज कोर्ट की माननीय अदालत को यह बताया ही नहीं गया कि इस पूरे मामले को लेकर सीबीआई की माननीय अदालत में जांच चल रही है।
आर के हांडा ने कहा कि एक एफ आई आर पर दो अलग-अलग जांच एजेंसियां ने ही जांच कर सकती हैं और ना ही एक समय में दो अदालतों में सुनवाई हो सकती है ऐसे में जब एक माननीय अदालत में पहले से सुनवाई चल रही है तो दूसरी तरफ स्पेशल जांच टीम ने फरीदकोट अदालत में अपनी जांच को लेकर पेश हो रही है। इस पूरे मामले में अवमानना का मामला बनता है इसलिए उन्होंने माननीय सीबीआई अदालत से मांग की है कि सारे मामले की रोशनी में माननीय पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट को सिफारिश की जाएगी पंजाब पुलिस व स्पेशल जांच टीम के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू हो।

20 को फिर से होगी मामलें में अहम सुनवाई

बरगाड़ी बेअदबी मामले में जांच सीबीआई की तरफ से की जाएगी या फिर स्पेशल जांच टीम को भी किसी तरह के अधिकार मिलेंगे इसको लेकर अभी भी पूरा मामला सीबीआई की अदालत में विचाराधीन है ऐसे में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान पंजाब पुलिस की तरफ से समय की मांग की गई थी जिसको देखते हुए इस पूरे मामले की सुनवाई अब 20 जुलाई तक टाल दी गई है। आप इस अहम मामले की सुनवाई 20 जुलाई को होने के पश्चात यह तय होगा कि फैसला सीबीआई तरफ आता है या फिर इस मामले में किसी तरह की स्पेशल जांच टीम को भी राहत मिलती है।

पंजाब पुलिस ने खुद दिए थे साक्ष्य तो अब खुद जांच क्यों ?

आर के हांडा ने बताया कि पंजाब पुलिस ने ही खुद नए साक्ष्य सीबीआई को देते हुए दोबारा से जांच करने के लिए विनती की थी ऐसे में उन्हीं साक्ष्यों को लेकर ही जांच की जा रही है जब पंजाब पुलिस की तरफ से बताए गए साक्ष्यों पर सीबीआई जांच कर रही है तो ऐसे में पंजाब पुलिस खुद क्यों जांच में जुट गई है जिसको लेकर कई तरह के नए सिर्फ सवाल उठ रहे हैं बल्कि पंजाब पुलिस की मंशा भी गलत दिखाई दे रही है।

सीबीआई को मिली हुई है आगे की जांच की इजाजत

आर के हांडा ने बताया कि माननीय सीबीआई अदालत में सुनवाई के दौरान पंजाब पुलिस के सामने ही सीबीआई को आगे जांच जारी करने की इजाजत सीबीआई के माननीय न्यायधीश की तरफ से दी गई है। जब माननीय सीबीआई अदालत की तरफ से सीबीआई को आगे जांच करने की इजाजत मिली हुई है और उस समय पंजाब पुलिस भी वहां पर मौजूद थी तो ऐसे में पंजाब पुलिस ने ना सिर्फ माननीय सीबीआई के आदेश की उल्लंघना की है बाकी इन आदेशों की जानकारी फरीदकोट की माननीय अदालत से भी छुपाई है।

पंजाब पुलिस नहीं दाखिल कर पाई जबाब, मांगा समय

सीबीआई की तरफ से स्पेशल जांच टीम के खिलाफ दायर की गई एप्लीकेशन को लेकर पंजाब पुलिस आज अपना जवाब दाखिल नहीं कर पाई है पंजाब पुलिस के एडवोकेट ने माननीय सीबीआई अदालत में पेश होते हुए जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की है जिसके चलते माननीय सीबीआई की अदालत की तरफ से पंजाब पुलिस को इस पूरे मामले में जवाब दाखिल करने के लिए 18 जुलाई तक का समय दे दिया गया है।

 

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