नन्हें वाहन चालकों के अभिभावकों व बुलेट के पटाखों की खैर नहीं

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सार्वजनिक स्थानों पर वाहन चलाने व बिना ड्राइविंग लाइसेंस ड्राईविंग व
जुर्माने के अलावा सजा का भी प्रावधान

बठिंडा(अशोक वर्मा)। बठिंडा में अब छोटी आयु में वाहन चलाने वाले बच्चों के अभिभावकों की भी खैर नहीं है। बठिंडा पुलिस ने नाबालिग (18 साल से कम) वाहन चालकों के माता-पिता के खिलाफ मोटर वहीकल एक्ट की धारा 180 के अंतर्गत कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। फिलहाल पुलिस ने ऐसे बच्चों के माता-पिता को नसीहत भी दी है और जल्द ही सख़्त एक्शन लिए जाएंगे। बताने योग्य है कि 18 साल से कम आयु का लड़का या लड़की वाहन नहीं चल सकता है वैसे 16 साल की उम्र में बिना गेयर के दो पहिया वाहन चलाने की स्वीकृति है। मोटर वहीकल एक्ट मुताबिक 18 वर्ष से कम उम्र में सार्वजनिक स्थानों पर वाहन चलाने व बिना ड्राइविंग लाइसेंस ड्राईविंग व जुर्माने के अलावा सजा का भी प्रावधान है।

‘रफ ड्राईविंग’ करने पर तीन माह की जेल व एक हजार रु पये जुर्माने की सजा

सैंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 180 अनुसार यदि कोई व्यक्ति नाबालिग को अपना वाहन चलाने के लिए देता है तो उसे एक हजार जुर्माना या तीन माह की कैद या दोनों सजाएं हो सकतीं हैं। इस तरह ही तय सीमा से अधिक स्पीड पर वाहन चलाने के मामले में पहली बार 400 रुपये जुर्माना किया जा सकता है यदि यही गलती दोबारा होती है तो जुर्माने की राशि एक हजार होगी। नाबालिग वाहन चालक द्वारा ‘रफ ड्राईविंग’ करने पर तीन माह की जेल व एक हजार रु पये जुर्माने की सजा है वहीं दूसरी बार इसी अपराध के लिए दो साल की कैद या दो हजार जुर्माने का प्रावधान है या दोनों सजाएं इकट्ठे हो सकतीं हैं। ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारियों ने बताया कि बठिंडा में मोटरसाईकलों व ऐक्टिवा पर धूल उठाते फिर रहे नाबालिग वाहन चालकों को नियमों की जरा भी परवाह नहीं है।

माता पिता के लाडले अन्यों के लिए बन रहे खतरा

उन्होंने कहा कि बड़ी बात है कि माता पिता के लाडले अन्यों के लिए खतरा बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस स्टंटबाजी में लड़कियां भी पीछे नहीं जोकि अक्सर बेखौफ ढंग से रैड्ड लाईटें जम्प करती दिखाई देती हैं। देखने में आता है कि बालिग वाहन चालकों के लिए अजीत रोड व सौ फूटी स्वर्ग बने हुए हैं जबकि बच्चे शहर की मुख्य सड़क, माल रोड व कई प्राईवेट स्कूलों समीप कानून का उल्लंघन करते नजर आते हैं। मनाही के बावजूद बुलेट, एक्टिवा व 125 सीसी के मोटरसाईकलों पर बिना हेल्मट, ट्रिपल राइडिंग व तेज रफ़्तार जैसी उल्लंघनाएं करना आम हैं।

ट्रैफिक पुलिस की एक महिला सिपाही ने बताया कि इस तरह के लड़कों में अधिकतर अंडरएज विद्यार्थी शामिल हैं, जिनके दिलों में न पुलिस व न ही चोट लगने का का डर है। उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से जा रही सख्ती भी नियमों का उल्लंघन करने वालों पर लगाम कसने में नाकाम सिद्ध हो रही है। उन्होंने बताया कि बिना गियर के 50 सीसी तक के वाहन चलाने के लिए भी माता-पिता की लिखित स्वीकृति जरूरी है परंतु माता-पिता भी इस प्रति लापरवाह हैं इस तरह के कई बच्चों को पुलिस अपने अंदाज में मना करती भी है परन्तु लड़के लड़कियां किसी की बात सुनने को तैयार नहीं है। वास्तव में इस मामले में माता-पिता भी कसूरवार हैं जो अपने बच्चों को छोटी उम्र में मोटरसाईकल खरीदकर देते हैं।

नहीं बजेंगे बुलेट के पटाखे

ट्रैफिक पुलिस ने पटाखे बजाने वाले बुलेट सवारों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। बठिंडा में ऐसे बुलेट सवारों को जुर्माने व सजा का सामना करना पड़ सकता है। पुलिस का मानना है कि इससे दहशत का महौल बनता है पता चला है कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के नियमों मुताबिक बुलेट के पटाखे बजाने वाले को 6साल तक की कैद हो सकती है व इस कानून के अंतर्गत जुर्माने का भी प्रबंध है। बुलेट पर पटाखे चलाने साथ कई हादसे भी घटित हो चुके हैं व इन हादसों की चपेट में अधिकतर महिलाएं व बुजुर्ग आए हैं।

नाबालिग वाहन चालकों पर नकेल कसने का निर्णय

एसपी (ट्रैफिक) गुरमीत सिंह ने कहा कि नाबालिगों द्वारा वाहन चलाकर हादसों का कारण बनना बड़ा गंभीर मसला है इसलिए उन्होंन्े अन -अधिकारित वाहन चालकों को नकेल कसने का निर्णय किया है उन्होंने कहा कि जिन माता-पिता के नाम वाहन रजिस्टर्ड होगा उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस ने बुलेट पर पटाखे बजाने वालों के खिलाफ भी सख्ती की रणनीति तैयार की है, जिसमें धारा 207 के अंतर्गत मोटरसाईकल बंद करने के साथ-साथ ऐसे उपकरण लाने व बेचने वाले मेकैनिकों व दुकानदारों विरुद्ध कार्रवाई भी शामिल है।

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