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इंसानियत में बहुत अव्वल है, राम नाम के आशिक
- रिसर्च में हुआ खुलासा, मालिक को मानने वालों में होती है सहनशीलता
बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। शुक्रवार को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से आनलाइन गुरुकुल के माध्यम से रूहानी सत्संग फरमाया और इस दौरान देश-विदेश से आनलाइन जुड़ी साध-संगत ने पूज्य गुरु जी के दर्शन किए। इस दौरान पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने फरमाया कि बाहर के देशों में वैज्ञानिकों द्वारा मालिक (spiritual power) को मानने वाले और मालिक को नहीं मानने वालों में रिसर्च किया गया। जिसमें उन्होंने लोगों पर चिप लगाई, सेंसर भी लगाए। जिनमें 200 लोगों को एक साइड में रखा और 200 लोगों को दूसरी साइड में रखा। इनमें एक साइड वाले मालिक को मानने वाले और दूसरी साइड मालिक को नहीं मानने वाले थे। वैज्ञानिकों ने उनके बच्चों के व्यवहार और उनके घर गृहस्थ, परिवार वालों के व्यवहार से जो अनुभव सामने आए उनको लिखते गए।
वैज्ञानिकों ने बताया कि जो मालिक को मानने वाले थे, उनके अंदर शांति ज्यादा थी, वो झगड़ा करते नहीं थे और करते थे तो बड़ा ही जल्दी उसे सुलझा लेते थे। जबकि दूसरी साइड में मालिक को नहीं मानने वाले बात-बात में झगड़ा करते थे और सुसाइड तक बात उनकी पहुंच जाती थी। राम-नाम वाले सहारा राम-नाम का लेकर अच्छे कर्म बहुत करते थे और दूसरे सारा दिन स्वार्थ में डूबे रहते थे। वैज्ञानिकों ने मालिक के नाम लेने वालों की जो मनोदशा देखी तो मालिक का नाम लेने वाले वो बहुत ऊंचे है यानी इंसानियत में बहुत अव्वल है तथा जज्बात व जुबान के पक्के है और आत्मबल से परी पूर्ण है। वहीं दूसरे इन सभी मामलों में बिल्कुल शून्य थे।
जब इंसान प्रार्थना करता है तो शरीर से निकली हैं अदृश्य किरणें | spiritual power
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि फिर वैज्ञानिकों ने यह रिसर्च किया कि ऐसा होता कैसे है?। उन्होंने देखा कि मालिक को मानने वाले सुबह और शाम को प्रेयर करते हैं। जिसमें वैज्ञानिकों ने देखा कि कुछ अदृश्य किरणें उनमें से निकलती है। ये किरणें कहां जाती है, इसके लिए वैज्ञानिकों ने उन किरणों का पीछा करना चाहा, लेकिन उन्हें इसका पता नहीं चला। वो किरणें कही ब्रह्मांड में जाकर लुप्त हो जाती है।
फिर वह किरणें तरंगों में अलग-अलग रंग में बदलकर वापिस आती है और फिर वो मालिक का नाम लेने वाले लोगों के दिमाग में घुस जाती है। फिर वैज्ञानिकों ने देखा कि दिमाग की रिपेयर होनी शुरू हो गई, डीएनए की रिपेयर होनी शुरू हो गई। वो यह देखकर दंग रह गए। फिर उन्होंने कहा कि कोई तो ताकत है जो ये किरणें भेज रही है और इनके माइंड को पावरफु ल कर रही है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि इन्सान किसी चीज को झूठला नहीं सकता और किसी चीज को 100 परसेंट सही तब कहेंगे जब प्रेक्टिकली कर पाएंगे और प्रेक्टिकली करना ही मैथ्ड आॅफ मेडिटेशन है।
आपका दिमाग नहीं, डीएनए है पावर हाउस
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि अक्सर लोग कहते हैं दिमाग ही पावर हाउस है। लेकिन ऐसा नहीं है। दिमाग का भी कोई पावर हाउस है वो है डीएनए। दिमाग को चाहे कितना शुद्ध बना लो, कितना बढिय़ा बना लो, कितना भी साफ कर लो, वो शरीर की उतनी रिपेयर नहीं करता। जितना डीएनए। अगर डीएनए रिपेयर हो जाए तो पूरी बॉडी एक पल में रिपेयर हो सकती है। यह बात बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी मानते है और यह हमारे धर्म, पाक पवित्र वेद कहते है। पूरी दुनिया को उन्होंने संदेश दिए है। पूरी दुनिया को बताया कि कैसे आप सुखी व शांतमय जीवन व्यतीत कर सकते हंै। यह सब ब्रह्मचर्य आश्रम की बात है।
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