पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट बोला- यह गंभीर मुद्दा, सोशल मीडिया नहीं कोर्ट में हो बहस

Supreme Court

नई दिल्ली (एजेंसी)। पेगासस जासूसी मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी को भी सीमा नहीं लांघनी चाहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और याचिकाकर्ताओं से एनवी रमन्ना ने कहा, ‘किसी को को भी अपनी सीमा नहीं पार करनी चाहिए और सभी को इस केस में अवसर प्रदान किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत की निगरानी में इस मामले की जांच की मांग वाली अर्जी पर अगली सुनवाई 16 अगस्त तय कर दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका दायर करने वालों को सिस्टम में भरोसा रखना चाहिए और समानांतर रूप से सोशल मीडिया पर किसी तरह की बहस से बचना चाहिए।

जासूसी मामले पर दोनों सदनों में हंगामा

इस मामले पर दोनों सदनों में अब तक विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाहीं नहीं चल पाई है। राज्यसभा और लोकसभा में मंगलवार को विपक्षी दलों के सदस्यों ने पेगासस जासूसी कांड को लेकर भारी शोरगुल और हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने पेगासस जासूसी मामले को लेकर अपनी सीट से एक साथ जोर-जोर से बोलने लगे।

इसके तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस की महिला सदस्य सदन के बीच में आ गई और हंगामा करने लगी, बाद में कांग्रेस के सदस्य भी सदन के बीच में आ गये। इस दौरान कई विपक्षी दलों के सदस्य अपनी सीट के निकट खड़े थे। सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय और सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ कई अन्य सदस्यों ने नियम 267 के तहत पेगासस मामले पर कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है। इन सदस्यों को स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया गया था लेकिन वे नहीं आये इसलिए इस पर चर्चा की अनुमति नहीं दी गई है।

 

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