उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देगा डीएमआरसी

60 करोड़ के भुगतान करने पर सहमत नहीं रेल कापोर्रेशन

  • 19 को होगी याचिका पर सुनवाई

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। दिल्ली मेट्रो रेल कापोर्रेशन डीएमआरसी ने हवाई अड्डा एक्सप्रेस लाइन के लिए कर्ज देने वाले अपने पूर्व कंशेसनेयर को तीन महीने के ब्याज के रूप में 60 करोड़ रूपए देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के खिलाफ मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की। डीएमआरसी के वकील ने न्यायमूर्ति पीसी पंत और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया। पीठ ने कहा कि याचिका पर 19 जून को सुनवाई की जाएगी।

30 मई को सुनाया था आदेश

कापोर्रेशन ने उच्च न्यायालय की खण्डपीठ के सात जून के आदेश को चुनौती दी है जिसने इस राशि के भुगतान के एकल न्यायाधीश के निर्देश के खिलाफ उसकी याचिका खारिज कर दी थी। एकल न्यायाधीश ने इस लाइन का शुरू में निर्माण और परिचालन की ठेकेदार कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्रा र्लि डैम्पेली की याचिका पर 30 मई को अपना अंतरिम आदेश दिया था।

एयरपोर्ट मेट्रो लाइन परियोजना से विवादों के बीच अब हट चुकी अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की इस कंपनी ने अपने पक्ष में एक पंचाट के निर्णय के आधार पर उच्च न्यायालय से 3502 करोड़ रूपए के यथाशीघ्र भुगतान कराने के आदेश के लिए अनुरोध किया था। यह रशि पंचाट के 4670 करोड़ रूपए के अवार्ड का 75 फीसदी है जो डीएमआरसी के विरुद्ध इस कंपनी के पक्ष में दिया गया है। पंचाट ने यह अवार्ड 11 मई को दिया था।

एकल न्यायाधीश ने वित्तीय शर्तों व डैम्पेल पर बढ़ रहे ब्याज के बोझा के मद्देनजर अपना आदेश पारित किया था। डैम्पेल ने दावा किया था कि वह अपने कर्जदार को 65 लाख रूपए प्रतिदिन के हिसाब से 20 करोड रूपए महीना अदा कर रही है।

हस्तक्षेप नहीं करेगा एकल न्यायाधीश

मेट्रो कापोर्रेशन ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष अपनी अपील में अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि यह आदेश तो पंचाट के अवार्ड को आंशिक रूप से लागू करने जैसा ही है। खंडपीठ ने कहा था कि वह एकल न्यायाधीश के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी और मेट्रो द्वारा उठाये गये मुद्दे एकल न्यायाधीश ने विचार के लिये खुले रखे हैं।

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