बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर भाषण में भावुक सीएमओ रघुबीर शांडिल्य

बेटी की उपलब्धि पर छलके खुशी के आँसू

  • बोले-आज बेटियां बेटों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं

भिवानी (सच कहूँ न्यूज)। 74वें गणतंत्र दिवस पर स्वास्थ्य विभाग भिवानी की ओर से चिरायु हरियाणा व बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर झांकी निकाली गई थी। जिसमें बेटी के जन्म पर मिठाईयां, बधाईयां व थाली बजाकर दृश्य प्रस्तुत कर नाट्य के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी कड़ी में भिवानी के चौधरी बंसीलाल सामान्य अस्पताल में एएनएम व जीएनएम छात्राओं को इस उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रशस्ति पत्र दिया जा रहा था।

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इस दौरान सीएमओ द्वारा अहम् भूमिका निभाने वाली छात्राओं को सम्मानित किया गया व बधाईयां भी दी गई। इस मौके पर उन्होंने अपने वक्तव्य से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर प्रकाश डाला तो उन्हें अपना बीता वाक्य याद आया। वाक्यानुसार सन 1994 में एक परिवार में 3 बेटियां थी, उन दिनों लड़के की इच्छा वाले परिवार ने चौथी बार गर्भवती हुई महिला के बच्चे के स्वास्थ्य की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड करवाया तो डॉ. ने कहा था कि बच्चा स्वस्थ है। परिवार को लगा कि इस बार बेटा पैदा होगा तो परिवार ने गर्भवती महिला की अच्छे से देखभाल की, जबकि डॉ. को पता था कि गर्भ में लड़की है, लेकिन उसे उजागर नहीं होने दिया।

उन्होंने आगे वक्तव्य में कहा कि जब जन्म हुआ तो लड़की पैदा हुई तो नाराज परिवार ने कहा कि यह डॉ. रघुबीर की लड़की है। उन्होंने बताया कि आज वह लड़की दिल्ली एम्स अस्पताल में उच्च पद पर कार्यरत है। यह कहते हुए सीएमओ भावुक हो गए और बीच में ही स्पीच छोड़कर आँखों में खुशी के आंसू छलक आए। तस्वीरों में आंसू पोछते हुए साफ तौर पर देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि बेटी बोझ नहीं है। प्रशस्ति पत्र ले रही छात्राओं ने कहा कि उन्हें गणतंत्र दिवस पर चिरायु हरियाणा व बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नाट्य रूपांतरण में उत्कृष्ट भूमिका दर्शाने पर उनकी टीम को प्रथम संस्थान मिला है। उन्हें आज विभाग द्वारा सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि बेटियां आज बेटों से कम नहीं है इस संदेश से प्रत्येक व्यक्ति को बेटियों के प्रति जागरूक किया है।

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