कोरोना काल में फिर अनाथ हुए विशाल को हरियाणा सरकार ने लिया गोद

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल गुरुग्राम के दीप आश्रम में विशाल को देखने पहुंचे

  • माता-पिता के देहांत पर दंपत्ति ने लिया था गोद, कोरोना से दोनों की मौत

गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय मेहरा)। फरीदाबाद का 16 वर्षीय मानसिक व शारीरिक रूप से दिव्यांग विशाल, जिसे गोद लेने वाले माता-पिता कोरोना के कारण नहीं रहे। वह कोरोना काल में दोबारा से अनाथ हो गया। उसे रविवार को हरियाणा सरकार ने गोद ले लिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार को चंडीगढ़ से दिल्ली जाते समय बीच में ही अचानक गुरुग्राम आए और दीप आश्रम पहुंचे। जहां पर उन्होंने विशाल को देखा और कहा कि उसके पालन पोषण और देखभाल का खर्च हरियाणा सरकार वहन करेगी।

मुख्यमंत्री इस आश्रम में विशेष शिक्षा प्राप्त कर रहे अन्य मानसिक रूप से दिव्यांग विद्यार्थियों से भी मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए कल ही हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पीएम केयर्स फंड के माध्यम से ऐसे बच्चों का पालन पोषण आदि 23 साल तक की उम्र तक करने के लिए योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि विशाल मानसिक रूप से दिव्यांग और दृष्टिहीन भी है, वह बोल भी नहीं सकता। यहां दीपाश्रम नामक यह संस्था ऐसे दिव्यांग बच्चों की सेवा कर रही है, जो कि बहुत ही सराहनीय काम है।

फरीदाबाद के जयपाल-जगवंती ने लिया था गोद

फरीदाबाद के जयपाल और जगवंती के कोई औलाद नहीं थी, उन्होंने बचपन में ही विशाल को गोद लिया था। जयपाल की गत 14 मई को कोरोना के कारण मृत्यु हो गई। उसके बाद मानसिक रूप से तनावग्रस्त उसकी पत्नी जगवंती का भी 21 मई को देहांत हो गया। विशाल फिर अकेला रह गया, वह बोल भी नहीं सकता। उसे गुरुग्राम की दीपाश्रम नामक संस्था बाल कल्याण परिषद से ऑनलाइन मंजूरी लेकर फरीदाबाद से अपने यहां ले आई थी।

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