जान जोखिम में डालकर सेवाएं निभा रहे तहसील के अधिकारी

Lehragaga Tehsil

पटवारी महंगे किराए पर निजी दफ्तर लेने के लिए मजबूर

लहरागागा(सच कहूँ/हरपाल सिंह)। लहरागागा के विकास की बात की गई जाए तो पिछड़ा हुआ क्षेत्र, जो पिछले कई वर्षों से पिछड़ा हुए क्षेत्र का तगमा जो लगा हुआ है। वह दूर न होता हुआ नजर आ रहा है। कुछ दिन पहले सच कहूँ अखबार में लहरागागा के सिविल अस्पताल की रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी कि सरकारी ईमारतों का बहुत बुरा हाल है। लहरागागा तहसील कॉम्पलेक्स (Lehragaga Tehsil) की अगर बात की जाए तो उसमें अधिकारी अपनी जान जोखिम में डालकर सेवाएं निभा रहे हैं। पिछले कई सालों से तहसील कॉम्पलेक्स की ईमारत काफी खस्ता हो चुकी है। जो किसी भी समय गिर सकती है, अभी तक कोई जानी नुक्सान नहीं हुआ, परंतु अगर तहसील कॉम्पलेक्स की ईमारत की ओर ध्यान न दिया गया तो कोई बड़ा हादसा घट सकता है।

लहरागागा तहसील के पटवारी प्रधान लहरा बुध सिंह ने कहा कि लहरागागा तहसील को 41 गांव और 22 सर्कल लगते हैं जिनके कार्य के लिए तैनात 9 पटवारी और 2 रिटायर्ड पटवारी अपनी सेवाएं निभाते हैं। उन्होंने बताया कि लहरागागा की मौजूदा तहसील कॉम्पलेक्स में 50 साल पुरानी ईमारत है। पहले यहां अस्पताल हुआ करता था फिर पशुओं का अस्पताल बना दिया गया। उसके बाद यहां लहरां तहसील बना दी, लहरागागा में पटवारियों को सरकारी बिल्डिंग न मिलने के कारण महंगे भाव की बिल्डिंगें किराए पर लेकर अपनी ड्यूटियां निभानी पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि इमारत गिरने का खतरा हमेशा बना रहता है।

जिस कारण पटवारी अपने निजी खर्चें पर किराए पर दफ्तर बनाए हुए हैं, काम करवाने वाले लोगों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी दफ्तर एक न होने के कारण गांवों में से काम करवाने के लिए आने वाले लोगों को बेहद परेशानियों झेलनी पड़ती है। सरकारों को मांग करते हैं कि जल्दी से जल्दी इस मांग की तरफ ध्यान दिया जाए। फरद केन्द्र के एएसएम रमन कोहली ने जानकारी देते हुए कहा कि फरद केन्द्र की जो छत है, थोड़ा सी बारिश होने के बाद उसमें से पानी टपकने लगता है। फरद केन्द्र में कम्प्यूटर और प्रिंटर मशीनें पड़ी हैं। यहां पार्किंग की बहुत बड़ी समस्या है। हम सभी अधिकारी सरकार से तहसील की बेहतरी के लिए एक नई ईमारत बनाने की मांग रखते हैं।

लहरागागा के नायब तहसीलदार रीतू गुप्ता ने बातचीत के दौरान बताया कि हमारे सभी अधिकारी बिल्डिंग की खस्ता हालत से सहम के माहौल में ड्यूटी करते हैं। उन्होंने बताया कि तहसील का इतना बुरा हाल है कि यहां न तो कोई पब्लिक बाथरुम है। हमारे स्टाफ के लिए जो बाथरुम है, वहां सफाई का कोई प्रबंध नहीं है। पीने वाले पानी के लिए वाटर कूलर की हालत बेहद खराब हो चुकी है। तहसील में पार्किंग की समस्या बहुत बड़ी है। तहसील में पार्किंग की जगह न होने के कारण आमजन को अपने वाहन बाहर सड़कों पर खड़े करने पड़ते हैं, जिससे लोगों को हमेशा चोरी का डर बना रहता है। इसके अलावा ट्रैफिक समस्या होने से जाम की स्थिति बनी रहती है।

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